Archive | May, 2020

…और अंत में

Posted on 26 May 2020 by admin

कोरोना संकट दौर के ऐन वक्त में जब 25 लाख से ज्यादा बिहारी प्रवासी मजदूर या तो वतन लौट चुके हैं या वतन लौटने की जद्दोजहद में जुटे है, तो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके मुफ्त राशन की व्यवस्था करने के लिए बिहार भाजपा को निर्देश दिए हैं। इस मामले को जनता तक पहुंचाने के लिए भाजपा के मंत्री और नेता सोशल मीडिया का भी पुरकश इस्तेमाल कर रहे हैं।

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मीडिया प्रेमी हुए मोदी सरकार के मंत्री

Posted on 26 May 2020 by admin

लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर पहले ही मोदी सरकार की खासी किरकिरी हो चुकी है, अब इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखने के लिए केंद्रीय मंत्री अखबारों में अपना इंटरव्यू छपवा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर इस कड़ी में मोदी सरकार के सीनियर मंत्री नितिन गडकरी, प्रकाश जावडे़कर, डा. हर्षवर्द्धन, निर्मला सीतारमण आदि ने कई अखबारों से बातचीत की है। इसके अलावा मंत्रिगण इस मुद्दे पर लगातार ट्वीट भी कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों को भी यह जिम्मा सौंपा गया है कि वे कोरोना संकट से निबटने के मोदी सरकार के प्रयासों को मीडिया व जनता के समक्ष बढ़-चढ़ कर पेश करें साथ ही विपक्ष की पोल भी खोलें। सो, जहां दिल्ली में मनोज तिवारी केजरीवाल की नाक में दम कर रहे हैं, वहीं राजस्थान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया बस स्कैम मुद्दे पर कांग्रेस को घेर रहे हैं। सरकार के मंत्री और भगवा संगठन के नेता बढ़-चढ़ कर श्रमिक स्पेशल ट्रेन, मुफ्त अनाज, मनरेगा में ग्रामीण रोजगार की गारंटी जैसे मुद्दों की राग अलाप रहे हैं।

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येदुरप्पा ने जब अपने मंत्री को डपटा

Posted on 26 May 2020 by admin

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा में अपनी पूर्ववर्त्ती छवि के साए से बाहर निकलने की छटपटाहट साफ देखी जा सकती है। इस कोरोना संकट में भी वे बेहद ’प्रो-एक्टिव’ होकर अपना राज-काज चला रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपनी ही सरकार के कानून मंत्री जे सी मधुस्वामी को बेतरह डपट दिया। मधुस्वामी जो तुमकुरू जिले से आते हैं, जब मंत्री जी कोलार से गुज़र रहे थे तो उन्होंने देखा कि किसानों की समस्या को लेकर एक महिला वहां धरने पर बैठी है, और
घटनास्थल पर भारी भीड़ भी जुटी है। मधुस्वामी ने अपनी गाड़ी से उतर कर उस महिला को बुरी तरह डपट दिया, उस पर जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि ऐसे वक्त में जब हर तरफ कोरोना का आतंक है तो वह ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ का ध्यान क्यों नहीं रख रही हैं, मंत्री इस कदर उस औरत पर बमके कि उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जब यह बात येदुरप्पा के संज्ञान में आई तो उन्होंने फौरन फोन लगा कर उस महिला से बात की और मंत्री की ओर से माफी मांगते हुए कहा-’भले वे बात ठीक कह रहे थे, पर उनका कहने का तरीका गलत था। आज हममें से हर किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही चाहिए।’ फिर
येदुरप्पा ने मधुस्वामी को फोन कर हड़काया और कहा सार्वजनिक स्थलों पर मंत्रियों के बात- व्यवहार और आचरण से संयम झलकना चाहिए, इसी बात को आप अच्छे ढंग से भी कह सकते थे। येदुरप्पा की इन बदली भाव-भंगिमाओं के लिए अब सोशल मीडिया पर उनकी खूब तारीफ हो रही है।

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येचुरी-ममता एक मंच पर आए

Posted on 26 May 2020 by admin

कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए तमाम गैर भाजपाई सरकारें और दल एक मंच पर आ रहे हैं। पिछले दिनों इन तमाम विपक्षी दलों के नेताओं और मुख्यमंत्रियों की एक वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें एक कॉमन एजेंडा बनाने की बात हुई है, जिसे वे केंद्रनीत भाजपा सरकार के सम्मुख बार-बार उठाते रहेंगे। पहल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से हुई, चूंकि अम्फान तूफान से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को एक हजार करोड़ का पैकेज मिला है, तूफान से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री मोदी बंगाल का हवाई दौरा कर आए हैं, सो ममता सीधे मोदी पर निशाना साधने से बचती रही, मोदी की जगह उनका बदला संबोधन केंद्र सरकार का था। ममता का कहना था कि राज्य के संघीय (फेडरल) ढांचे का केंद्र रिसपेक्ट नहीं करता है, सो हमें मिल-जुल कर हमारे ’कॉमन एजेंडा’ को केंद्र के समक्ष बार- बार उठाना होगा। इस मीटिंग में कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों के दर्द को जुबान दी और कहा कि केंद्र माइग्रेंट क्राइसिस को कतई संभाल ही नहीं पाया। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने गरीबों को इस कोरोना के दौर में मुफ्त अनाज और मुफ्त खाना देने की बात कही, तथा किसानों को उनकी फसल का अधिकतम समर्थन मूल्य देने की बात दोहरायी। सबसे आश्चर्यजनक था येचुरी और ममता का एक मंच पर आना और एक ही ’लाइन ऑफ एक्शन’ के तहत एक ’कॉमन एजेंडा’ को परवान चढ़ाने की कदमताल में शामिल होना। सबसे मज़े की बात तो यह कि भाजपा की ’बी’ टीम होने का तोहमत झेल रहे सपा और बसपा ने इस विपक्षी कदमताल से दूरी बनाए रखना ही उचित समझा।

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बाबा का चमत्कारी त्रिकूट काढ़ा

Posted on 26 May 2020 by admin

देश जब कोरोना संकट से इस कदर जूझ रहा है तो ऐसे में हमारे तारणहार बाबा रामदेव की अनुपस्थिति कहीं शिद्दत से देशवासियों को खल रही थी। पर बाबा की दिक्कत है कि इन दिनों वे योग गुरू से कहीं ज्यादा बिजनेस गुरू हो गए हैं। सो, पिछले दिनों अचानक से बाबा अपने एक बड़े बिजनेस प्लॉन के साथ अवतरित हो गए। बारी थी मध्य प्रदेश की, वहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और राज्य के तमाम मेडिकल अफसर एक वीडियो कांफ्रेंसिंग की मदद से बाबा के समक्ष हाजिर थे। सबसे पहले बाबा ने शिवराज सरकार की तारीफों के पुल बांधे कि कोरोना से लड़ने के लिए राज्य सरकार के प्रयास अतुलनीय रहे हैं। जबकि सच तो यह है कि महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश ही एक ऐसा राज्य है जहां कोविड-19 तेजी से अपने पांव पसार रहा है। सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में अव्वल रहने वाला इंदौर और राज्य की राजधानी भोपाल में एक दिन में रिकार्ड केस दर्ज हुए हैं। फिर बाबा ने दावा किया कि उनके पतंजलि ने कोरोना से लड़ने के लिए एक चमत्कारी काढ़ा त्रिकूट विकसित किया है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बेजोड़ है। अब मध्य प्रदेश सरकार राज्य के निवासियों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प जान पड़ती है, सरकार की कोशिश है कि कैसे जल्द से जल्द राज्य के दो करोड़ लोगों तक इस चमत्कारी काढ़ा को पहुंचाया जाए।

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प्रियंका से चूक कहां हुई?

Posted on 26 May 2020 by admin

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि श्रमिकों की घर वापसी के मुद्दे पर ट्वीट करने के बजाए प्रियंका गांधी को सीधे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करनी चाहिए थी। प्रियंका की ओर से उनके सचिव संदीप सिंह चिट्ठी-पत्री कर रहे थे। संदीप सिंह का इतिहास भी जेएनयू से जुड़ा है, जहां वे सीपीआई की छात्र इकाई के नेता हुआ करते थे। अब जब संदीप अपने लेटरहेड का इस्तेमाल कर चिट्ठी-पत्री कर रहे हैं तो उनकी चिट्ठी का जवाब भी एसडीएम और आरटीओ की ओर से ही आ रहा था, जो कि लाजिमी भी है। एक किस्सा है जब मुलायम सिंह एक वक्त यूपी के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्हें कांग्रेस सपोर्ट कर रही थी। उस वक्त कांग्रेस के यूपी के प्रदेश अध्यक्ष एनडी तिवारी थे। एनडी तिवारी नियम से यह बयानबाजी करते थे कि कांग्रेस मुलायम सरकार से अपना समर्थन वापिस ले लेगी। जब कुछ पत्रकारों ने मुलायम से पूछा कि वे तिवारी जी की बातों का जवाब क्यों नहीं देते तो मुलायम का कहना था कि तिवारी जी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और रामचरण दास हमारे प्रदेश अध्यक्ष हैं, सो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के सवाल का जवाब तो हमारा ही प्रदेश अध्यक्ष देगा न? क्या संदीप सिंह के मामले में भी यही हो रहा है, प्रियंका को यह बात बखूबी समझ आ गई होगी।

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भाजपा कर्णधारों के ज्ञान चक्षु कैसे खुले?

Posted on 26 May 2020 by admin

आखिरकार भाजपा कर्णधारों के ज्ञान चक्षु कैसे खुले कि जो उन्हें कांग्रेस द्वारा बसों की लिस्ट भेजी गई है, उसकी गिनती कराई जाए और उनके फिटनेस टेस्ट हों। जब तक कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार को यह लिस्ट भेजी गई तो भाजपा सरकार को इस बात का किंचित भी कोई इल्म न था कि बसों की संख्या में गड़बड़ी भी हो सकती है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि एक प्रमुख कांग्रेसी नेता के भीतरघात की वजह से ऐसा मुमकिन हो पाया। कहते हैं इसी कांग्रेसी नेता ने भाजपा सरकार को यह ज्ञान दिया था कि बसों की लिस्ट में कुछ गड़बड़ है, जितनी बसों का दावा किया जा रहा है, उतनी बसें उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। सूत्रों की मानें तो राजस्थान के
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वहां के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रियंका गांधी के सचिव संदीप सिंह के बीच कथित तनातनी इसकी मुख्य वजह हो सकती है। एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इस कदम से अशोक गहलोत को साधने की कोशिश हुई है? क्या बसों की संख्या में जानबूझ कर गड़बड़ी की गई थी कि जिससे गहलोत को ‘फिक्स’ किया जा सके? प्रियंका को इस बात की जांच तो जरूर करवानी चाहिए क्योंकि इन तमाम प्रकरणों में नाम तो उनका ही
खराब हुआ है।

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योगी को प्रियंका के खिलाफ करने में इस अफसर का हाथ है

Posted on 26 May 2020 by admin

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का रास्ता कितना दुरूह और दारूण है, इसे देखते हुए जब हर तरफ से आवाज़ें उठनी शुरू हुई तो कांग्रेस और प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे को धार देनी शुरू कर दी। प्रियंका ने यूपी सरकार से एक हजार बसों के लिए इजाज़त मांगी जिससे मजदूरों को राजस्थान से उनके घर यूपी तक पहुंचाया जा सके। पहली नज़र में यूपी के मुख्यमंत्री को इस प्रस्ताव में बहुत कुछ राजनीति नहीं दिखी, सो उन्होंने प्रियंका के उस ट्वीट को सहजता से
लिया। तब तक इस मामले में राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की एंट्री होती है जो कांग्रेस से इस बात को लेकर खासा नाराज़ थे कि यूपी कांग्रेस के गौरव पांधी ने उनकी पत्नी मालिनी अवस्थी को लेकर एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में गौरव ने सवाल उठाए थे कि हर बड़े सरकारी समारोह में मालिनी अवस्थी को गाने का मौका कैसे मिल जाता है, क्या सिर्फ इस वजह से कि वे अवनीश अवस्थी की पत्नी हैं? कांग्रेस नेता ने इसे अवस्थी द्वारा अपने पद का घोर दुरूपयोग करार दिया था। कहते हैं इस बात को लेकर अवस्थी ने सीएम योगी के समक्ष अपना दुखड़ा रोया। चूंकि अवस्थी योगी के बेहद लाडले हैं, सो अवस्थी से उन्होंने बस वाले मामले पर उचित कार्यवाई करने को कहा। इसके बाद अवस्थी की ओर से कांग्रेस को कहा गया कि रात दस बजे तक ये सारी एक हजार बसों को लखनऊ लाया जाए, उनकी लिस्ट जमा कराई जाए और उनका फिटनेस टेस्ट कराया जाए। कांग्रेस ने अपने जवाबी प्रतिवेदन में कहा चूंकि इन बसों को नोएडा होकर यूपी में एंट्री लेनी है, तो आप इन बसों की जांच नोएडा में करा लें। पर अवस्थी इसके लिए तैयार नहीं हुए। फिर जब इन एक हजार बसों की लिस्ट चेक की गई तो इसमें से 850 बसें तो ठीक थी, बाकी दोपहिए और तीन पहिए वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए गए थे। बस फिर क्या था पूर्णबंदी उल्लंघन, गलत सूची को लेकर धोखाधड़ी के मामले में यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के ऊपर मुकदमा दर्ज हो गया।

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गडकरी के लिए क्यों दिल्ली दूर है?

Posted on 20 May 2020 by admin

प्रधानमंत्री के आदेश पर उनके तमाम मातहत मंत्रियों ने दिल्ली में अपने-अपने दफ्तरों में काम करने शुरू कर दिए हैं, पर जाने क्यों सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अभी भी नागपुर में ही जमे हैं और वहां घर में रह कर लॉकडाउन का संजीदगी से पालन कर रहे हैं। जबकि स्वयं पीएम ने अपने आदेश में कहा था कि डिप्टी सेक्रेटरी से ऊपर के अधिकारियों और मंत्रियों का अपने कार्यालय आना जरूरी है। अब चूंकि गडकरी अभी भी नागपुर में जमे हुए हैं, सो दिल्ली में उनकी खड़ाऊं रखकर उनके पीएस संकेत एस भोंडवे और उनके ओएसडी उनका मंत्रालय चला रहे हैं। गडकरी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए वहीं नागपुर से जरूरी मीटिंग निपटा लिया करते हैं। गडकरी अगर चाहते तो कोई चार्टर्ड प्लेन पकड़ कर दिल्ली आ सकते थे, पर क्या वजह है कि वे लगातार संघ की धरती नागपुर में ही जमे हुए हैं?

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कॉरपोरेट सेक्टर को मिल सकता है 8 लाख करोड़ का पैकेज

Posted on 20 May 2020 by admin

कोरोना की वजह से पैदा हुए लॉकडाउन की मार से देश के आर्थिक हालात को ग्रहण लग रहा है, मोदी सरकार ने भी लगातार हालात पर नज़र रखी हुई है। डैमेज कंट्रोल के मानकों को ध्यान रखते सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी कटौती कर दी गई है। वहीं राजस्व विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि अप्रैल 2021 तक राजस्व विभाग के सारे कर्मचारी हर माह अपने एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराएंगे। अगले साल अप्रैल तक डीए फ्रीज हो गया है। संघ समर्थित भारतीय मजदूर संघ के दावों पर यकीन किया जाए तो अब इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा, 35 फीसदी लोग ही एक शिफ्ट में काम करेंगे। एक अनुमान के अनुसार वेतन में कटौती और महंगाई भत्ता फ्रीज कर सरकार को तकरीबन 3 लाख करोड़ रुपयों की बजत होगी। वहीं देश का कॉरपोरेट सेक्टर 15 लाख करोड़ का पैकेज मांग रहा है, माना जा रहा है कि वित मंत्रालय कॉरपोरेट जगत की इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहा है। सो, मुमकिन है कि कॉरपोरेट जगत को 7-8 लाख करोड़ का पैकेज देने पर सहमति बन जाए।

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