Posted on 15 May 2020 by admin
प्रधानमंत्री मोदी ने इस रविवार यानी 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए देशवासियों से मोमबती, दीया या टॉर्च जलाने की अपील की है। कांग्रेसी नेता शशि थरुर ने इसका संज्ञान लेते हुए एक ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में लोगों के दर्द और उनकी वितीय चिंताओं के बारे में कुछ नहीं कहा, यह पीएम का ‘फील गुड मोमेंट’ था। इस ट्वीट से कांग्रेस ने यह कहते हुए अपने को अलग कर लिया कि यह थरुर के निजी विचार हैं। पर छतीसगढ़ कांग्रेस ने एक चुभता हुआ ट्वीट उछाल दिया है-‘जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जो महामारी को महोत्सव में बदल दे उसे नरेंद्र दामोदरदास कहते हैं।’
Posted on 05 January 2014 by admin
अगर भाजपा नेतृत्व मान जाता तो दिल्ली में आज ‘आप’ की जगह हर्षवद्र्घन की भगवा सरकार काबिज हो सकती थी, कांग्रेस के एक अहम रणनीतिकारों ने भाजपा के दिल्ली प्रभारी नितिन गडकरी से संपर्क साध उन्हें विश्वास दिलाया था कि अगर शीला दीक्षित व दामादजी को भाजपा अभयदान देने के लिए तैयार है तो विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान चार कांग्रेसी विधायकों के वोट भाजपा के पक्ष में पड़ सकते हैं, सूत्र बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा में शक्ति परीक्षण के एक दिन पूर्व तक कांग्रेस के ये चारो विधायक मुंबई के एक पंचतारा होटल जे डब्ल्यूमैरियट में ठहरे हुए थे, और शायद यही वजह थी कि कांग्रेस ने शक्ति परीक्षण के ऐन दिन अपने विधायकों के लिए कोई व्हिप भी जारी नहीं किया था, इसीलिए अंशकालीन विधानसभा अध्यक्ष मतीन अहमद ने सिर्फ हाथ उठवा कर गिनती करवा ली, बहुमत पाने के लिए कोई गुप्त मतदान नहीं हुआ। जानकार सूत्रों का मानना था कि नितिन गडकरी कांग्रेस के इस प्रपोजल पर मोटे तौर पर सहमत थे, पर पार्टी के सीनियर नेताओं ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव को मानने से मना कर दिया कि इससे जनता में भाजपा की इमेज को ‘डेंट’ लगेगा।
Posted on 05 January 2014 by admin
राहुल गांधी के करीबी नेताओं का एक गुट ऐसा भी है जो भीतरखाने से ‘आप’ को आगे बढ़ाने का पक्षधर है। इन नेताओं की राय है कि ‘आप’ 2014 के लोकसभा चुनावों में जितनी आगे बढ़ेगी, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं उतनी ही क्षीण होगी। दिल्ली में ‘आप’ की सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने एक जनमत सर्वेक्षण करवाया है उसमें उसे देश भर में सिर्फ 102-112 सीटें मिलती दिख रही है, वह भी तब जब पार्टी कर्नाटक में 16-17 सीटें जीत जाती है। वहीं इस सर्वेक्षण में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि अगर 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘आप’ का वोट शेयर 10 फीसदी या उससे अधिक हो जाता है तो भाजपा की कम से कम 30 सीटें कम हो सकती है और ‘नमो’ का रथ 160 के आंकड़े पर ठहर सकता है। इस सर्वेक्षण में यह बात उभर कर सामने आई है कि अगर बिहार में लालू, पासवान, कांग्रेस व एनसीपी का गठबंधन बनता है तो यह वहां लोकसभा की आधी से ज्यादा सीटें जीत सकता है, लालू बिहार में कांग्रेस व पासवान को 6-6 तथा तारिक अनवर को एक तथा 27 सीटें अपनी पार्टी के लिए रखना चाहते हैं। इस सर्वेक्षण में यह बात भी उभर कर सामने आई है कि आने वाले लोस चुनाव में नीतीश का तीर निशाने से चूक सकता है और उन्हें सिर्फ तीन सीटों, नालंदा, समस्तीपुर व उजियारपुर से ही संतोष करना पड़ सकता है।
Posted on 05 January 2014 by admin
कांग्रेस के नए कर्णधार राहुल गांधी इन दिनों एक बदले अवतार में नजर आते हैं, इन दिनों वे चुस्त-दुरूस्त और फौरी निर्णय ले रहे हैं, उन्हें कुछ करने की जल्दी है, सो इन दिनों कांग्रेस में बड़े-बड़ों की भी बोलती बंद है, इनमें से कईयों ने सोनिया से मिलकर यह शिकायत की है कि अब पार्टी में सामूहिक निर्णय की परिपाटी खत्म हो गई है, सभी अहम निर्णय की बागडोर राहुल की एक कोटरी के पास आ गई है। जैसे जयराम रमेश इन दिनों राहुल को डायरेक्ट और पार्टिसिप्टेरी डेमोक्रेसी का पाठ पढ़ा रहे हैं, यही वजह है कि राहुल इन दिनों एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट के मानिंद आचरण कर रहे हैं। संगठन के मामले में राहुल जयराम रमेश, मधुसूदन मिस्त्री, जनार्दन द्विवेदी और कनिष्क सिंह से विचार विमर्श कर रहे हैं, मीडिया का पूरा जिम्मा उन्होंने अजय माकन को सौंप रखा है, वॉर रूम का काम दीपेंद्र हुड्डïा देख रहे हैं, सैम पित्रौदा इन दिनों राहुल के करीबियों में शुमार हैं, राहुल उनसे हर तरह की राय-विचार कर लेते हैं, राहुल के भाषणों को मांजने-चमकाने का काम सुमन दुबे कर रहे हैं, वहीं युवराज की इमेज चमकाने का जिम्मा एक विदेशी कंपनी आई पैन ने संभाल रखा है।
Posted on 28 December 2013 by admin
दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर रामलीला मैदान में शपथ लेकर आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल ने भारतीय राजनीति में बदलाव की नई इबारत लिखी है, अन्ना और ‘आप’ का आंदोलन भले ही हिंदुस्तानी मिज़ाज के लिए नया हो पर दुनिया भर में यह फेरबदल की बयार कहीं पहले से बह रही है। 2009 के साल में इटली के एक ब्लॉगर, कॉमेडियन और आंदोलनकर्मी बेप ग्रिलो ने डायरेक्ट और पार्टिसिपेटरी डिमोक्रेसी की बात कर वहां एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया था, आज ‘आप’ यही सहभागिता वाले डायरेक्ट जनतंत्र की बात कर रही है। इज़राइल जैसे प्रगतिशील मुल्क में एक टीवी एंकर येएर लेपिड ने एक वर्ष पूर्व सनï् 2012 में व्यवस्था के विरूद्घ जंग के लिए एक नई पार्टी का गठन किया, इस पार्टी से भी ज्यादातर सिविल सोसाइटी के लोग जुड़े हैं। अमरीका में ऐसी पार्टी व बदलाव की यह आहट नई नहीं है वहां ‘टी पार्टी मूववेंट’ पहले से चल रहा है, भारत के लोगों की जनआंकाक्षाओं को मूत्र्त रूप देने में ‘आप’ का प्रयास भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम लगता है।
Posted on 22 December 2013 by admin
एक रक्षित घेरे के बीच से बाहर निकलकर एक बड़ा दांव आजमाना चाहते हैं ‘आप’ पार्टी के कर्णधार अरविन्द केजरीवाल, अभी जहां ‘आप’ इस कश्मकश से बाहर निकलने की जद्दोजहद में जुटी है कि पार्टी को दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनानी चाहिए कि नहीं, अपनी पार्टी के कोर टीम की बैठक में केजरीवाल ने एक नया दांव चल दिया कि अगर ‘आप’ के लिए दिल्ली में सरकार बनानी जरूरी हुआ तो मनीष सिसौदिया पार्टी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। दरअसल, केजरीवाल आम चुनावों के लिए खुद को ‘फ्री’ रखना चाहते हैं, उनकी पार्टी ने देश भर के कोई डेढ़ सौ बेहतर संभावनाओं वाली सीट की शिनाख्त जो की है। केजरीवाल ज्यादा से ज्यादा ऐसी ही सीटों पर ‘आप’ का अलख जगाना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि दिल्लीवासियों के नाम जारी ‘आप’ के पत्र में कहीं भी उल्लेख नहीं है कि अगर दिल्ली में ‘आप’ की सरकार बनती है तो केजरीवाल ही दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे।
Posted on 14 December 2013 by admin
अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ के इस अभूतपूर्व सियासी अभ्युदय से कई जमी-जमाई सियासी पार्टियों की नींद उड़ी हुई है। आने वाले 2014 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर ‘आप’ ने कोई 100 संसदीय सीटों का चुनाव किया है, इसमें से तकरीबन आधी यानी 50 सीटों की शिनाख्त पूरी हो गई है, कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम भी तय हो गए हैं, जिन सीटों को पार्टी ने अपनी प्राथमिक सूची में जगह दी है, वे हैं दिल्ली और हरियाणा की लगभग सभी 17 सीटें, मुंबई की लोकल 6 सीट, इसके अलावा बेंगलुरु, मैसूर, यूपी की गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, सुल्तानपुर, मऊ, अमेठी और लखीमपुर खीरी की संसदीय सीट। स्वयं अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के चांदनी चौक से, मनीष सिसौदिया पूर्वी दिल्ली से, शाजिया इल्मी नई दिल्ली, प्रशांत भूषण इलाहाबाद या साउथ दिल्ली, पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह यूपी के सुल्तानपुर से, गोपाल राय मऊ से, कुमार विश्वास-अमेठी से, इलियास आजमी-लखीमपुर खीरी से, आनंद कुमार वाराणसी से, योगेन्द्र यादव दिल्ली या हरियाणा से आने वाला लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
Posted on 08 December 2013 by admin
पर कपिल सिब्बल के लिए भी आने वाले दिन कतई आसान नहीं होंगे, अरविन्द केजरीवाल ने अपने अभिन्न मित्रों के समक्ष यह तय किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में वह चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने दिल्ली की परिपक्व नेत्री शीला दीक्षित को नाको चने चबवा दिए। उसी तरह संदीप दीक्षित को घेरने की रणनीति बुनते भाजपा ने तय किया है कि वह पूर्वी दिल्ली से संदीप दीक्षित के खिलाफ भोजपुरी सुपर स्टार मनोज तिवारी को चुनावी मैदान में उतारेगी, क्योंकि इस संसदीय क्षेत्र में बड़ी तादाद में पूर्वांचलियों के वोट हैं, जिनके बीच तिवारी काफी पॉपुलर हैं।
Posted on 01 December 2013 by admin
दिल्ली विधानसभा चुनाव खासा दिलचस्प हो गया है, 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 54.16फीसदी वोट शेयर और 41 सीटों के साथ भाजपा के 21 सीटों के मुकाबले कहीं आगे निकल गई थी, पर इस दफे कांग्रेस के जनाधार पर भाजपा व आप दोनों ही पार्टियां सेंध लगा रही है, व्यवस्था विरोधी वोटों का इस कदर रूझान है कि कांग्रेस व भाजपा के ज्यादातर निवत्र्तमान विधायकों के लिए अपनी सीट बचानी मुश्किल हो रही है, सो ऐसे में भाजपा की महिला उम्मीदवारों के हौंसले कहीं ज्यादा बुलंद है। जैसे मालवीय नगर में भाजपा की पूर्व मेयर आरती मेहरा कांग्रेसी मंत्री किरण वालिया को कड़ी टक्कर दे रही हैं। भाजपा की पूर्णिमा विद्यार्थी को जहां कड़ी टक्कर मिल रही है, वहीं इसकी पूर्व मेयर रजनी अब्बी चुनावी रेस में आगे दिख रही हैं। भाजपा की दिल्ली प्रदेश की महासचिव शिखा राय यूं तो पहली दफा कस्तूरबा नगर से चुनावी मैदान में हैं, पर वह कांग्रेस के नीरज बसोया को कड़ी टक्कर दे रही हैं। ‘आप’ के मदनलाल व बसोया दोनों गुर्जर हैं, ऐसे में बनिया, पंजाबी, सिख व पूर्वींचली मतदाताओं के दम पर शिखा के लिए मैदान मारना कहीं ज्यादा आसान हो गया है।
Posted on 24 November 2013 by admin
यह मौसम ही सीडी धमाकों का लगता है, आने वाले कुछ दिनों में भाजपा व नरेंद्र मोदी से जुड़े कुछ सीडी भी बाजार में आ सकते हैं,मोदी की एक सीडी इस बात को लेकर है कि उनके सोशल मीडिया साइटï्स को हाईप देने के लिए फिलीपींस व बांग्लादेश में कार्यरत कुछ बड़ी आईटी कंपनियों को एक मोटी रकम का भुगतान हुआ है। कांग्रेस का ‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’ इस सीडी को लेकर खासा उत्साहित है कि कैसे टिïïï्वटर और फेसबुक पर मोदी का सपोर्ट बढ़ाने के लिए कई फेक अकाऊंट बनाए गए हैं, जिससे ट्विटर पर मोदी के फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाई जा सके और फेसबुक पर उनके ‘लाइकï्स’ में बढ़ोत्तरी की जा सके। सनद रहे कि पूर्व में ऐसा ही कुछ आरोप राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी लग चुका है कि उन्होंने एक देश विशेष से अपने लिए फेसबुक पर लाइक्स खरीदे थे।