Posted on 15 March 2023 by admin
’कलम अगर खामोश हो तो, आतुर शब्दों की बेबसी समझिए
शब्द अब बिकते कहां हैं, खरीदे भी नहीं जाते
यूं ही मुरझा जाते हैं, बंद मुख के अंदर’
जातियों को साधने की बाजीगरी में भाजपा का कोई जवाब नहीं, अबतलक भगवा रणनीतिकार सोशल इंजीनियरिंग के बेताज बादशाह साबित हुए हैं, पर यह भगवा कारवां जब पश्चिमी यूपी पहुंचता है तो वहां उससे बड़ी चूक हो जाती है। खतौली उप चुनाव जीतने के लिए जयंत चौधरी ने अपने स्वर्गीय दादा चौधरी चरण सिंह के ’मजग’(मुस्लिम, जाट व गुर्जर) फार्मूले पर दांव लगाया था और यह सीट अपनी झोली में कर ली थी। अभी हाल में संपन्न हुए यूपी के जिला पंचायतों के चुनाव में भले ही जाट व गुर्जर जातियों ने मिल कर भाजपा के पक्ष में अलख जगाया हो पर जब जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की बारी आई तो इस भगवा काल में जाटों ने मैदान मार लिया, लगभग 80-90 फीसदी जिलों में जाट अध्यक्ष बना दिए गए, उन जिलों में भी जाटों को प्रमुखता दी गई जो गुर्जर बहुल्य इलाके थे, बताया जाता है कि इस बात को लेकर गुर्जर समुदाय में खासा रोष है। वहीं दूसरी ओर भाजपा का फोकस यूपी की उन 14 सीटों पर है जिसे 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने गंवा दिया। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है जो इस बात की जमीनी पड़ताल में जुटी है कि आखिरकार 2019 के चुनाव में भाजपा को यहां हार का मुंह क्यों देखना पड़ा था? यह टीम बिजनौर, सहारनपुर और नगीना की सीटों पर खास तौर पर मेहनत कर रही है। इसमें से बिजनौर की सीट बसपा के मलूक नागर ने जीती थी, उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे अंदरखाने से निरंतर भाजपा के संपर्क में हैं। वहीं भाजपा जयंत चौधरी पर अब भी डोरे डाल रही है, पर जयंत जानते हैं कि ’भगवा पार्टी अपने साथ की छोटी पार्टियों से क्या सुलूक करती है’, लोक जनशक्ति पार्टी से बड़ी मिसाल और क्या दी जा सकती है?
Posted on 15 March 2023 by admin
सत्तारूढ़ केंद्र सरकार के भरोसेमंद लोग गौतम अदानी को उनके मौजूदा संकट से बाहर निकालने में जुट गए हैं। 24 जनवरी को अमरीकी रिसर्च फर्म ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही लगातार अदानी समूह का संकट बढ़ता जा रहा है। सरकार से जुड़े एक बेहद भरोसेमंद सूत्र का दावा है कि ’गौतम अदानी को सलाह दी गई है कि वे अपनी कुछ बड़ी कंपनियों को बेच कर सरकार और लेनदारों के पैसों का फौरी भुगतान करें, कम से कम मार्च से ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाए।’ इसी सूत्र का दावा है कि इस कड़ी में अदानी अपनी दो सीमेंट कंपनियां एसीसी और अंबुजा सीमेंट को कुमार मंगलम बिड़ला के हाथों बेच सकते हैं और इस डील से प्राप्त राशि से अपनी देनदारियों को कम कर सकते हैं। सूत्रों का भरोसा है कि कुमार मंगलम बिड़ला को भी इन दोनों कंपनियों को खरीदने में पैसे की कोई दिक्कत नहीं आने वाली, क्योंकि इन दोनों कंपनियों की साख ऐसी है कि इनके नाम पर कोई भी बैंक लोन देने को सहर्ष तैयार हो जाएगा।
Posted on 15 March 2023 by admin
कर्नाटक में ऐन चुनावी बेला में पूर्व भाजपा विधायक और केएसडीएल बोर्ड के चेयरमैन मदल विरूपाक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार को 40 लाख रूपयों की रिश्वत लेते जब लोकायुक्त ने पकड़ा तो घर की तलाशी में 6 लाख रुपए नकद भी प्राप्त हुए। तो राज्य की विपक्षी दलों ने फिर से शोर मचाना शुरू कर दिया कि यह 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार है। पर सच तो यह कि यह पूरा घटनाक्रम येदुरप्पा बनाम राज्य के मुख्यमंत्री बोम्मई की आपसी टंकार की परिणति माना है। भले ही शुरूआत में बोम्मई येदुरप्पा के आदमी के तौर पर देखे गए पर हालिया दिनों में इन दोनों नेताओं के बीच आपसी टकराव की खबरें आती रहीं। कहते हैं कि बोम्मई ने सिर्फ इसीलिए अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया कि उन्हें येदुरप्पा के बेटे को मंत्री नहीं बनाना था। मदल भी येदुरप्पा गुट के एक भरोसेमंद व्यक्ति हैं। पर भाजपा हाईकमान येदुरप्पा को नाराज़ करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता क्योंकि राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 100 पर येदुरप्पा का असर बताया जाता है। राज्य के 500 से ज्यादा लिंगायत मठों पर भी येदुरप्पा का खासा असर है। राज्य के 17 फीसदी लिंगायत वोट यहां के चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं। बीते सप्ताह जब पीएम मोदी कर्नाटक के शिवमोगा पहुंचे तो यह इस वर्ष की उनकी 5वीं कर्नाटक की यात्रा थी, जहां मोदी ने एक बड़ी रैली को संबोधित भी किया। रैली से पहले शिवमोगा एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर भी येदुरप्पा पीएम के साथ नज़र आए। पीएम ने अपनी रैली में न तो प्रदेश अध्यक्ष का नाम लिया और न ही सीएम बोम्मई का, पर उन्होंने 80 वर्शीय येदुरप्पा की तारीफों के पुल बांध दिए और उनके स्वस्थ जीवन की मंगल कामना भी की जो कि इस बात को दर्षाता है कि भाजपा हाईकमान का पक्का भरोसा है कि येदुरप्पा ही उनकी चुनावी वैतरणी को कर्नाटक में पार लगा सकते हैं।
Posted on 15 March 2023 by admin
यूपी के एक प्रमुख शहर की कमिश्नर ऑफ पुलिस की एक ताजा तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह एक फ्लाइट पर ’बरबरी ’ की महंगी शर्ट और जैकेट तथा हाथों में ’रोलेक्स ’ की महंगी ’रोलेक्स रोज़ गोल्ड’ घड़ी में नज़र आ रही हैं, इस घड़ी की शुरूआती कीमत ही 40 लाख रुपयों से ऊपर होती है। ’अब डर काहे का जब सैंया भए कोतवाल’, इस लेडी कमिश्नर के पति भाजपा के प्रभावशाली नेताओं में शुमार होते हैं, कभी वे भी सरकार के बड़े अफसर हुआ करते थे, वहां से उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ लिया और मैदान फतह कर ली।
Posted on 15 March 2023 by admin
’तेरा यूं रूठ जाना तेरी आदतों में शुमार है
हम साये की तरह तेरी पलकों पर ठहरे रहे
और तुम धूप की तरह मेरी जिंदगी में आते-जाते रहे’
क्या वसुंधरा राजे सिंधिया और भाजपा दिल्ली शीर्ष के दरम्यान उस शह-मात के खेल पर विराम लग गया है, ‘ना तुम हारे ना हम जीते’ की तर्ज पर वसुंधरा और भाजपा शीर्ष के बीच हुई हालिया संधि के बाद राजस्थान भाजपा ने भी एक लंबे अंतराल के बाद चैन की सांस ली है। अब तक भाजपा के परचम-पोस्टर से नदारद रहने वाली महारानी की न सिर्फ भगवा खेमे में सहर्ष वापसी हो गई है, बल्कि अब वह भाजपा के आधिकारिक कार्यक्रमों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगी हैं। सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ समय से राजस्थान की सीट दर सीट भाजपा का सर्वेक्षण कार्य चल रहा था, इस सर्वेक्षण के नतीजों ने पार्टी शीर्ष को बाखबर कर दिया कि ’बिना वसुंधरा को साथ लिए राजस्थान में गहलोत फैक्टर से पार पाना किंचित आसान नहीं रहेगा।’ राजस्थान के विधानसभा चुनावों में दस महीनों से भी कम का वक्त बचा है। अब तक राज्य में वसुंधरा के अलग कार्यक्रम चल रहे थे और प्रदेश भाजपा के अलग। पर अब उम्मीद जताई जा रही है कि वसुंधरा के जन्मदिन के मौके पर 4 मार्च को चुरू के सालासर में जो भव्य कार्यक्रम आयोजित है उसमें वसुंधरा के पीछे भाजपा की प्रदेश इकाई भी कदमताल करती नज़र आएंगी, यूं तो वसुंधरा का जन्मदिन 8 मार्च को आता है, चूंकि इस बार 8 मार्च को होली आ गई है सो वसुंधरा ने अपने जन्मदिन के कार्यक्रम को 4 दिन पहले खिसका लिया है। वैसे भी राजस्थान भाजपा के एक महत्वपूर्ण नेता गुलाब चंद कटारिया को जब से गवर्नर बना कर जयपुर से बाहर का रास्ता दिखाया गया है, तब से ही इन कयासों को बल मिल रहे हैं कि भाजपा की ओर से राज्य में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा की सहमति से बनाया जाएगा, क्योंकि माना जा रहा है कि राज्य के 70 में से 40 विधायक वसुंधरा कैंप से ताल्लुक रखने वाले हैं। वैसे तो नेता प्रतिपक्ष के लिए वसुंधरा का दावा ही सबसे मजबूत है।
Posted on 15 March 2023 by admin
पिछले दिनों जब राहुल और प्रियंका गांधी कश्मीर के गुलमर्ग में बर्फ में स्कीईंग कर रहे थे तो उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह को भी साथ स्कीईंग करने का आमंत्रण भेजा था। उमर तो इसके लिए एकदम से मान भी गए थे पर उनके पिता फारूक अब्दुल्लाह ने इस आइडिया को सिरे से नकार दिया, कहते हैं उन्होंने उमर को लगभग लताड़ने वाले अंदाज में कहा-’आपको जरा भी इस बात का गुमान है कि आप को यूं स्कीईंग का लुत्फ उठाते देख राज्य की कश्मीरी जनता क्या सोचेगी? इसका क्या पॉलिटिकल मैसेज जाएगा?’ उमर अपने पिता की बात को टाल नहीं पाए और उन्होंने राहुल से आने को मना कर दिया। इसके बाद राहुल का डिनर पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के साथ तय था। पर जब सोशल मीडिया में राहुल की स्कीईंग की फोटो इस कदर वायरल हो गई तो महबूबा ने भी बहाना कर यह डिनर रद्द कर दिया, यह कहते हुए कि ’वह पार्टी के जम्मू-अधिवेशन में शरीक होने जा रही हैं, सो डिनर पर आ पाना उनके लिए मुमकिन नहीं हो पाएगा।’ लगता है अभी भी राहुल को राजनैतिक संकेतों को पढ़ने में थोड़ा वक्त लग रहा है।
Posted on 15 March 2023 by admin
हरियाणा को लेकर अभी दिल्ली में भाजपा नेताओं की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, सूत्रों की मानें तो इस बैठक में आम राय से यह निर्णय हुआ है कि ’2024 का चुनाव भाजपा जजपा के साथ मिल कर लड़ेगी।’ भाजपा का अपना फोकस गैर जाट वोटरों की गोलबंदी पर रहेगा, पर पार्टी जानती है कि चौटाला की जजपा जाट वोट बैंक में एक बड़ा सेंध लगाने का माद्दा रखती है, पार्टी रणनीतिकारों का पक्के तौर पर भरोसा है कि जननायक जनता पार्टी कम से कम 30 फीसदी जाट वोट अपने साथ जोड़ सकती है। भाजपा रणनीतिकार जानते हैं कि आने वाले चुनाव में अगर दुष्यंत जाट वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रहते हैं तो अपने गैर जाट वोट बैंक पर बड़ा दांव चल कर भगवा पार्टी चुनावी वैतरणी पार कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली की इस अहम बैठक में यह भी तय हुआ है कि 2024 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदला नहीं जाएगा, साथ ही 24 के चुनाव में भाजपा थोकभाव में अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काट देगी, उसकी जगह पार्टी नए चेहरों पर दांव लगाना चाहती है।
Posted on 15 March 2023 by admin
यह तो अब अखिलेश करीबियों को भी लगता है कि रामचरित मानस मामले को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इतनी परिपक्वता से हेंडल नहीं कर पाए। इस मामले में जल्दबाजी दिखा अखिलेश ने राज्य की अगड़ी जातियों से बिलावजह रार ठान ली है। स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी पर त्वरित विरोध दर्ज कराने वाली सपा प्रवक्ता ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा को अखिलेश ने इस विवाद के बाद यह कहते हुए पार्टी से निकाल दिया कि ’ये दोनों नेत्रियां पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।’ दरअसल, मौर्य ने जब मानस को लेकर बयान दिया था तब अखिलेश लंदन में थे, ऋचा और रोली दोनों ही अखिलेश से संपर्क करने की कोशिश करती रहीं, पर सपा सुप्रीमो से इनका संपर्क नहीं हो पाया। थक-हार कर ऋचा सिंह ने अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को लंबा मैसेज लिखा और उनसे कहा कि ’आप भी क्षत्रिय की बेटी हैं, आप यह सब कैसे सहन कर रही हैं?’ डिंपल ने ऋचा और रोली की बातों को किंचित गंभीरता से लिया और अखिलेश को सीधे लंदन फोन लगा कर कहा ’पार्टी में यह सब क्या चल रहा है?’ अखिलेश ने डिंपल से बात करने के बाद फौरन ऋचा और रोली को फोन कर वहीं से हड़काया, पर ये दोनों नेत्रियां भी अपनी बातों पर अड़ी रहीं, कहा-’अगर हमारी बात सुनी नहीं गई तो हम धरना देंगे।’ यह बात सुन कर अखिलेश गुस्से में आग बबूला हो गए और दोनों को उसी वक्त पार्टी से बाहर का दरवाजा दिखा दिया।
Posted on 15 March 2023 by admin
पिछले दिनों दर्जन भर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति हुई, सूत्र बताते हैं कि इस सूची में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम भी शामिल था। उन्हें कई विकल्प भी दिए गए थे, महाराष्ट्र से अलहदा उन्हें राजस्थान, हिमाचल, हरियाणा जैसे राज्यों के भी विकल्प दिए गए, पर बताते हैं कैप्टन पंजाब छोड़ कर कहीं और जाने को बिल्कुल ही तैयार नहीं हुए। इस बात को लेकर कैप्टन के समर्थकों में भी निराशा व्याप्त है, वे चाहते थे कि कैप्टन को केंद्र सरकार किसी न किसी रूप में अवश्य सक्रिय रखें।
Posted on 20 February 2023 by admin
‘यूपी इन्वेस्टर समिट’ की सफलता से गद्गद् यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली से एक नया संदेशा प्राप्त हुआ है जिसमें उनसे कहा गया है कि ’वे प्रदेश में निकाय चुनावों की तारीखों को जल्द से जल्द सुनिश्चित करें।’ योगी को यह भी संदेश दिया गया है कि ’जब तक राज्य में निकाय चुनाव संपन्न नहीं हो जाते तब तक उनका लंबे समय से लंबित मंत्रिमंडल का फेरबदल अटका रह सकता है।’ दरअसल पिछले कुछ समय से योगी अपने मंत्रिमंडल में एक बड़े फेरबदल की कवायद में जुटे हैं, जहां उनके कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी होनी है और कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलनी है। दरअसल, यूपी निकाय चुनाव इस पेंचोखम में उलझा है कि वहां आरक्षण के फार्मूले को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। वह आरक्षण फार्मूला वहां अभी भी लंबित पड़ा है, जिसके तहत 17 नगर निगमों के मेयर, 200 नगर निगमों के अध्यक्ष तथा 546 नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए आरक्षण का फार्मूला तय होना है। सनद रहे कि नगर निगम चुनाव की समय सीमा पिछले 5 जनवरी को ही समाप्त हो चुकी है। योगी ने फिलहाल दिल्ली इत्तला भेज दी है कि ’अभी चुनाव की प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।’ लगता है योगी को भी अपने लिए सही वक्त का इंतजार है।