Posted on 30 December 2010 by admin
कांग्रेस में लंच-डिनर डिप्लोमेसी का दौर चल रहा है, दिन में एस.एम.कृष्णा ने अपने घर पत्रकारों को दावत पर न्यौता, तो उसी रात दिल्ली के पंचतारा अशोक होटल में जनार्दन द्विवेदी ने पत्रकारों के लिए ही एक शानदार डिनर पार्टी रखी और सबसे अहम तो यह है कि उस पार्टी में कांग्रेस की आम पार्टियों से दीगर पीने-पिलाने का भी बखूबी इंतजाम था। इससे पहले निरूपमा राव ने भी चाणक्यपुरी स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों को जबर्दस्त पार्टी दी थी, उस दावत में भी हर तरह के इंतजाम थे, हमनिवाला, हमप्यालों के बीच बकायदा मधुशाला का आमंत्रण भी था।
Posted on 21 December 2010 by admin
करुणानिधि भी अब क्षत्रपों की उस जमात में शामिल हो गए हैं, जिस क्लब में मायावती, मुलायम और लालू पहले से हैं, यानी सत्तारूढ़ यूपीए के पक्ष में उनसे वोट कराने की जवाबदेही अब सीबीआई की होगी।
Posted on 21 December 2010 by admin
भाजपा कोटे से बादल सरकार में मंत्री मनोरंजन कालिया को बदलने की बात चल रही है, जालंधर से विधायक कालिया पंजाब सरकार में मंत्री होने के साथ-साथ विधायक दल के नेता भी हैं। कालिया के खिलाफ भाजपा हाईकमान के पास निरंतर शिकायतें पहुंच रही है कि कैसे कालिया ने अपने भतीजे के मार्फत भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाई हुई है?
Posted on 17 December 2010 by admin
गडकरी के पुत्र के विवाह समारोह में हिस्सा लेने के लिए जिस चार्टर्ड फ्लाइट से अडवानी, उनकी पुत्री प्रतिभा, वसुंधरा, अरुण जेतली, राजनाथ सिंह आदि जा रहे थे, उस 180 सीटों वाले विमान में सिर्फ 95 नेता ही आ पाए थे,बाकी की 85 सीटें खाली थीं, श्याम जाजू ने आनन-फानन में दिल्ली के कई सभासदो और लोकल नेताओं को भी उस विमान में सवार करवा दिया। विमान जब नागपुर उतरा तो सांसद यह देखकर हैरान थे कि उन्हें लेने के लिए एक खटारा-सी बस आई है। तीन भगवा सांसदों का एक ग्रुप (इसमें से यूपी, बिहार व कर्नाटक के सांसद थे) जब मंच पर चढ़ा तो उस वक्त गडकरी फोन पर बतियाने में बिजी थे-‘क्या अमिताभ भी नहीं आ रहे? अनिल-मुकेश अंबानी भी नहीं आ रहे… अब आनंद जैन व निखिल मेसवानी को भेज दिया तो क्या कमाल कर दिया…?’ एक सांसद ने अध्यक्ष जी को टोका,उनका अभिवादन भी किया। फोन से निबटकर अध्यक्ष जी ने उन सांसदों से पूछा-‘आप कहां से आए हैं?’ सिर पीट लिया तीनों सांसदों ने जब पहचानते ही नहीं, तो इतनी दूर नागपुर बुलाने की क्या जरूरत थी?
Posted on 10 December 2010 by admin
भाजपा के पूर्व थिंक टैंक अरुण शौरी आखिरकार क्यों भगवा पार्टी के खिलाफ इस कदर आग उगल रहे हैं? जब पिछले दिनों उन्हें मुलायम सिंह यादव के बगलगीर देखा गया तब जाकर माजरा खुला, दरअसल वह पार्टी द्वारा राज्यसभा नहीं दिए जाने से नाराज हैं और मुलायम सिंह ने उनकी दुखती रग पकड़ ली है, मुलायम ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे उन्हें सपा की टिकट पर राज्यसभा में लेकर आएंगे।
Posted on 01 December 2010 by admin
विपक्षी दलों के संसद नहीं चलने देने के उपक्रम से कांग्रेस कतई चिंतित नहीं है। तभी तो पार्टी ने विपक्षी दलों से साफ-साफ कह दिया है कि वे चाहें तो अविश्वास प्रस्ताव ले आएं और वोट करा लें। 2जी स्पेक्ट्रम मामले की आड़ में कांग्रेस जनता को यह मैसेज देना चाहती है कि वह नहीं, बल्कि उनके सहयोगी दल भ्रष्ट हैं, क्योंकि एक बार अगर स्पेक्ट्रम मामला निपट गया तो फिर विपक्षियों का हमला कॉमनवेल्थ घोटालों को लेकर तेज हो जाएगा, जिसमें सीधे-सीधे कांग्रेसी नेताओं के नाम शामिल हैं।
Posted on 21 November 2010 by admin
ए.राजा की कुर्सी किसे मिलेगी? डीएमके में दो नामों पर विचार चल रहा है, कानीमोझी और दलित डीएमके सांसद विजयन।
Posted on 21 November 2010 by admin
स्विस अकाउंट से काला धन वपिस लाने की भारत सरकार की कश्मकश परवान नहीं चढ़ पा रही है, स्विट्जरलैंड सरकार सीधे खाताधारकों के नाम देने से मना कर रही है। स्विस सरकार कह रही है कि इस बारे में भारत सरकार पुख्ता सबूत मुहैया कराए तो फिर ये मामला स्विस अदालत में ले जाया जा सकता है और अगर वहां की अदालत सरकार को निर्देश देगी तो फिर खाताधारकों के नाम भारत को सुलभ कराए जा सकते हैं। और अगर यह पैसा क्राइम या ड्रग्स का है तो यह स्विट्जरलैंड में भी अपराध है। पर भारत सरकार भली-भांति जानती है कि स्विस अकाउंट में ज्यादातर पैसे भारतीय राजनेताओं, नौकरशाहों और उद्योगपतियों के हैं, तो भारत सरकार वहां कोर्ट – मुकदमे के चक्कर में पड़ेगी तो यह मामला और भी उलझता चला जाएगा और भारत सरकार का ढेर सारा पैसा भी इन चक्करों में व्यर्थ होगा। और जिनके नाम सामने आएंगे वे पहले पहले ही वहं से अपना पैसा निकाल रफूचक्कर हो जाएगा।
Posted on 21 November 2010 by admin
2जी स्पेक्ट्रम पर विपक्षी दलों के जेपीसी (संयुक्त संसदीय कमेटी) की मांग मानने को कांग्रेस अब भी राजी नहीं दिखती है, पार्टी का कहना है कि चूंकि इस पूरे मामले की जांच तो पीएसी पहले से कर ही रही है तो ऐसे में जेपीसी का क्या औचित्य? पीएसी यानी संसद की पब्लिक एकाउंट कमेटी का चैयरमैन विपक्षी दल से होता है, फिलवक्त मुरली मनोहर जोशी इसके अध्यक्ष हैं, जो भाजपाई हैं, जबकि अगर जेपीसी गठित होती है तो उसका अध्यक्ष सत्ताधारी दल से होता है। दरअसल कांग्रेस की मान्यता है कि जेपीसी ही तमाम भ्रष्टाचार की गंगोत्री है और जो सांसद इसके मेंबर बनाए जाते हैं वे तत्काल प्रभाव से लेन-देन की दुकान खोल लेते हैं, बात सही है, पूर्व में भी कई जेपीसी इस बात को सही साबित कर चुकी है।
Posted on 14 November 2010 by admin
2जी स्पैक्ट्रम घोटाले से चर्चा में आए स्वान टेलिकॉम के दो पार्टनर हैं- विनोद गोयनका और शाहिद बलवा, इनकी एक कंपनी मुंबई में डीवी रिएलटी है। ये ग्रुप शरद पवार के भी बेहद करीबी है। पिछले कुछ समय से मुंबई और उसके आसपास के कई बड़े अहम ठेके इस कंपनी को मिले हैं। समझा जाता है कि कोई भी कंपनी अगर किसी अहम निविदा प्रक्रिया में ‘बिड’ करे तो उस कंपनी केर् कत्तर्ाधत्ताओं के पवार साहब के यहां से फोन चला जाता है, ‘इस बार छोड़ दो अगली बार कर लेना।’ और वह अगली बार तो फिर कभी आता नहीं।