Posted on 30 October 2012 by admin
इस दफे दशहरे के दिन रावण दहन के मौके पर अति विशिष्ट लोगों का एक कभी ना दिखनेवाला जमावड़ा दिल्ली के सुभाष पार्क में जुटा था, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी बुराइयों के प्रतीक माने जाने वाले रावण दहन के अवसर पर मौजूद थे, जबकि असली रावण की तो अभी शिनाख्त होनी बाकी है। इसको लेकर रामलीला कमेटी जब प्रोग्राम बना रही थी तो सूत्र बताते हैं कि उपराष्ट्रपति महोदय से अनुरोध किया गया था कि ‘वे भगवान राम-लक्ष्मण की आरती उतार कर, उन्हें तिलक लगा कर, माला पहना दें।’ पर इसको लेकर हामिद अंसारी को खासी उलझन थी। उन्हें कहीं न कहीं इस बात का इल्म था कि उनके इस कृत्य पर उनकी ंकौम के अंदर प्रतिक्रिया हो सकती है। तब हैरान-परेशान आयोजकों ने उनसे पूछा,’सर, फिर आप क्या कर सकते हैं?’ इसका समाधान निकालते हुए अंसारी साहब ने तय किया कि इस मौके पर वे सिर्फ दीप प्रवलित कर देंगे, शायद इससे विचारों का अंधेरा छंटे।
Posted on 17 October 2012 by admin
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Posted on 08 October 2012 by admin
सियासत में नई परंपराओं की शुरूआत करने में ममता बनर्जी सबसे आगे रही हैं। अब उनके इन परंपराओं की छाया उनकी सरकार पर भी दिखने लगी है। केंद्र की यूपीए सरकार से हटे अपने सातों मंत्रियों को पुनर्वासित करने के मकसद से दीदी ने हालिया दिनों में ‘सीएम एडवाइारी कांऊसिल’ गठित की है। प्रधानमंत्री का सलाहकार परिषद तो होता है पर किसी मुख्यमंत्री द्वारा अपना सलाहकार परिषद गठित करने की यह पहली घटना है। दिनेश त्रिवेदी पर ममता की ममता हालिया दिनों में तब बरसी जब उन्होंने कोलकाता के टाऊन हॉल में एक डिबेट रखवाई थी कि क्या तृणमूल को यूपीए सरकार में बने रहना चाहिए? उन्होंने ममता की मौजूदगी में यूपीए सरकार को खूब गरियाया था। इन सातों रूंखसत मंत्रियों में दिनेश त्रिवेदी को पर्यटन, मुकुल राय को परिवहन, सौगत रे को इंडस्ट्री, सुदीप बंधोपाध्याय को नगर विकास, शिशिर अधिकारी को ग्रामीण विकास, सुल्तान अहमद को अल्पसंख्यक विकास, चौधरी मोहन जटुआ को सुंदरवन विकास का एडवाइार बनाया गया है।
Posted on 25 September 2012 by admin
एक मुट्ठी ख़ाक थे, एक मुट्ठी ख़ाक हैं
उनकी मर्ाी है, हमें सहरा करें, दरिया करें
शायद यही कांग्रेस के जाज्वल्यमान नक्षत्र अहमद पटेल के अब तक के सियासी संफर का लब्बोलुआब है। पर एक अंग्रोी पत्रिका में जिस कदर कोलगेट मामले में उनका नाम उछलवाया गया इससे वे आहत बताए जाते हैं, और पलटवार को तैयार भी। पीएमओ में लंबे समय से अपना रूजबा गालिब करने वाले प्रधानमंत्री के सलाहकार टी.के.ए.नायर और पटेल में छत्तीस का आंकड़ा जगताहिर है। सो, पटेल खेमे को ऐसा लगता हे कि नायर ने ही अपनी एक करीबी मलयाली पत्रकार के मार्फत कोलकेट की काली आंच में पटेल का नाम घिसटवाया। सो, आने वाले दिनों में अब नायर को भी पलटवार की जवाबी आंच झेलनी पड़ सकती है।
Posted on 19 September 2012 by admin
वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की भाव-भंगिमाएं किंचित बदल गई लगती हैं। अब उनके चेहरे पर वह गुरूर वाला भाव भी पहले की तरह नार नहीं आता। वे ााहिरा तौर पर किंचित विनम्र दिखने का भी प्रयास कर रहे हैं। औपचारिकता निर्वहन के लिए विपक्षी नेताओं से मिलने का समय भी वे अब निकाल पा रहे हैं। हालिया दिनों में उन्होंने भाजपा के दो चोटी के नेताओं अडवानी और जेटली से इसी सौजन्य से मुलाकात की। निश्चित तौर इन भाव-भंगिमाओं से अलहदा चिदंबरम की इन बदली सियासी अदाओं के पीछे के निहितार्थ कुछ और हैं।
Posted on 10 September 2012 by admin
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गद्दी खतरे में है। उनके खिलाफ कांग्रेसी आलाकमान के पास हर ओर से शिकायतें पहुंच रही हैं। चुनांचे उनकी जगह सी.पी.जोशी को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। महाराष्ट्र में पृथ्वीराज चव्हाण को बदलने की भी पूरी तैयारी है। एक तो स्वयं प्रधानमंत्री उन्हें फिर से अपनी कैबिनेट में शामिल किए जाने के इच्छुक बताए जाते हैं वहीं कांग्रेसी आलाकमान भी जानता है कि चव्हाण के नेतृत्व में अगला चुनाव नहीं लड़ा जा सकता क्योंकि उनकी मास अपील इतनी नहीं है। सो, उनके विकल्प के तौर पर नारायण राणे, राधाकांत विक्खे पाटिल, माणिक राव ठाकरे, हर्षवर्द्धन पाटिल आदि के नामों पर विचार चल रहा है। सबसे प्रबल दावा नारायण राणे का है। कांग्रेस को भी ऐसे नेता की तलाश है जो उसे फिर चुनाव जितवा कर सत्ता में ला सके। तलवार तो हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सिर पर भी लटक रही थी, पर चूंकि उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा की राहुल गांधी से काफी यारी है सो, फिलवक्त बड़े हुड्डा को अभयदान मिल गया लगता है।
Posted on 04 September 2012 by admin
अपनी रिटायरमेंट के बाद जब पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल नई दिल्ली के तुगलक क्रिसेंट स्थित अपने नए सरकारी आवास में पहुंची तो यह देख कर हैरान रह गईं कि ठीक उनके घर की छत पर एक ऊंचा मोबाइल टॉवर लगा है। अब तो यह बात भी छुपी नहीं रह गई है कि किसी मोबाइल टॉवर से रेडिएशन के कितने खतरे हैं। इस टॉवर को देखते ही पूर्व राष्ट्रपति आग-बबूला हो गईं और उन्होंने अपने मातहतों से कहा कि फौरन इस टॉवर को यहां से हटाया जाए। उसी वक्त उस टॉवर को वहां से उतारा गया तो पता चला कि यह तो एमटीएनएल का टॉवर था। टॉवर के हटते ही उस पूरे इलाके में सरकारी मोबाइल सेवा लगभग ठप्प पड़ गई। ज्यादातर सांसदों के पास आज भी एमटीएनएल कनेक्शन वाला ही मोबाइल है। सो, काफी समय तक सांसदों के संवाद आदान-प्रदान का सिलसिला थमा रहा, जब तक कि महानगर टेलिफोन निगम ने अपने टॉवर के लिए नया ठिकाना न ढूंढ लिया।
Posted on 28 August 2012 by admin
यही है सियासत का असली मिज़ाज,पिछले दिनों जब टीएमसी सुप्रिमो ममता बनर्जी यूपीए की नवगठित कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुची तो राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पैदा हुई तमाम कड़वाहटों को भूलाते हुए प्रणव दा ने अपनी छोटी बहन ममता को राष्ट्रपति भवन पधारने का न्यौता दिया,वह भी डायरेक्ट दिल से ममता पुराने गिले-शिकवे भूलाकर अपने बड़े भाई से मिलने राष्ट्रपति भवन जा पहुंची,सुत्र बताते हैं कि दरअसल प्रणव दा के इस्तीफे से रिक्त् हुए पश्चिम बंगाल के जंगीपुर संसदीय सीट से दादा अपने विधायक पुत्र अभिजीत को उतारना चाहते हैं, और उनकी जीत दीदी की मदद के बगैर सुनिश्चित नहीं हो सकती, यही वजह है कि दादा ने नए सिरे से दीदी की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
Posted on 22 August 2012 by admin
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Posted on 13 August 2012 by admin
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