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उड़ान कंपनियां आई ज़मीन पर

Posted on 15 May 2020 by admin

आर्थिक मंदी जो कहीं पहले से पांव पसार रही थी जब उसे लॉकडाउन का साथ मिला तो अब इसके बुरे नतीजे सामने आने लगे हैं। उड़ान कंपनियों की उड़ानों पर ग्रहण लग गया है। यक तरह से साफ हो गया है कि 30 अप्रैल तक कोई बोर्डिंग नहीं होगी, यानी लगभग डेढ़ महीने तक एयरलाइंस कंपनियों का कारोबार ठप्प है। इस संकट से निबटने के लिए ‘गो एयर’ ने अपने कर्मचारियों की तनख्खाह आधी कर दी है, ‘इंडिगो’ में तनख्खाह में 5 से 30 फीसदी तक कमी आई है। ‘एयर इंडिया’ में जितने भी पायलट अनुबंध के आधार पर काम कर रहे थे, उनके अनुबंधों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। ‘स्पाइसजेट’ ने भी कमोबेश ऐसे ही कदम उठाए हैं। यही हाल मीडिया सेक्टर का भी है। इंडियन एक्सप्रेस ने जहां अपने लोगों की तनख्खाह 30 फीसदी तक कम कर दी है, वहीं इंडिया टुडे ग्रुप और टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी साफ कर दिया है कि इस वर्ष किसी को इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा। आधे से ज्यादा ‘र्स्टाट अप’ अब बंद होने की कगार पर हैं। ऑटो सेक्टर में भी कमोबेश उत्पादन ठप्प पड़ा है, क्योंकि बाज़ार में इनके उत्पादों की मांग ही नहीं है। एफएमसीजी सेक्टर पर भी संकट गहरा रहा है। एक के बाद एक सभी फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं। सेंसेक्स पहले ही 15 हजार तक नीचे लुढ़क चुका है। यानी आने वाले दिनों में यह संकट और गहरा सकता है।

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क्यों बच गए बहुगुणा?

Posted on 05 January 2014 by admin

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा अपना इस्तीफा लेकर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में दिल्ली पधारे थे, राहुल गांधी उनका तुरंत इस्तीफा चाहते थे, पर जब बहुगुणा अपने इस्तीफे की पेशकश के साथ सोनिया गांधी के दरबार में पहुंचे तो उन्हें कुछ और समय के लिए अभयदान मिल गया, क्योंकि नए मुख्यमंत्री के दौर में शामिल तीन नामों यानी हरीश रावत, हरक सिंह रावत व इंदिरा हृदयेश के नाम पर आम सहमति नहीं बन पा रही है, हरक सिंह के नाम पर विधायक राजी नहीं है, इंदिरा हृदयेश के नाम को भी वहां के विधायक गंभीरता से नहीं ले रहे, सबसे ज्यादा विधायकों का समर्थन जुटा कर भी हरीश रावत अपने नाम का ऐलान सिर्फ इस वजह से नहीं करवा पा रहे हैं कि सतपाल महाराज गुट ने उनके खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर रखा है, वहीं कांग्रेसी हाईकमान यह मानकर चल रहा है कि अगर इस बार भी हरीश रावत को मौका नहीं दिया गया तो वे बागी हो सकते हैं। वैसे भी भाजपा ने शह-मात की बिछात पर अपने पांसे कुछ ऐसे चल रखे हैं कि वह किसी भी बड़े कांग्रेसी बागी को भजनलाल बनाने को यानी उन्हें मुख्यमंत्री के लिए अपना समर्थन देने को राजी है, यह बात कांग्रेस भी समझती है, वैसे भी राहुल कैंप उत्तरकाशी आपदा के बाद से ही विजय बहुगुणा से खार खाए बैठा है।

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लोकपाल की रेस में

Posted on 05 January 2014 by admin

इस साल सुप्रीम कोर्ट के 11 जज़ रिटायर होने वाले हैं, साथ ही दो चीफ जस्टिस भी सेवा निवृत्त होने वाले हैं, चीफ जस्टिस पी. सथशिवम इस साल अप्रैल में रिटायर हो जाएंगे, उनकी जगह जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा लेंगे, जो महज तीन महीने बाद यानी अगस्त में रिटायर हो जाएंगे, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का जिम्मा जस्टिस एच.एल. दत्तु के पास होगा। सो, इन रिटायर्ड जज़गणों में लोकपाल बनने और इसके पैनल में शामिल होने की होड़ रहेगी।

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राहुल-मनमोहन में म्यूजि़कल चेयर का खेल

Posted on 28 December 2013 by admin

कांग्रेस में एक हाई-वोल्टेज ड्रामा की पटकथा लिखी जा चुकी है, अदाकारों का रिहर्सल जारी है, शायद यही वजह है कि आदर्श घोटाले के नाम पर राहुल जी की आंखों में आंसू आ जाते हैं (स्क्रिप्ट की डिमांड के मुताबिक) शब्दों के पास और भी इतने काम हैं कि वे माननीय प्रधानमंत्री जी से पीछा छुड़ाते लगते हैं, सो मनमोहन भी एक झटके में कह जाते हैं कि वे संगठन में काम करने को तैयार हैं। यानी आने वाले दिनों में यानी 17 जनवरी के बाद कभी भी कांग्रेस एक बड़े फेरबदल से दो-चार हो सकती है। म्यूजि़कल चेयर का खेल चालू हो सकता है तथा मनमोहन व राहुल एक-दूसरे की कुर्सी यानी जिम्मेदारियां संभाल सकते हैं। यानी राहुल गांधी देश के नए प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह कांग्रेस के नए उपाध्यक्ष। 17 जनवरी को आहूत कांग्रेस की बैठक में यह अभूतपूर्व ड्रामा देखा जा सकता है जब पार्टी के वरिष्ठï नेतागण राहुल का गुणगान करते उनके नाम का प्रस्ताव करेंगे और पार्टी सर्वसम्मति से राहुल को पीएम बनाने का एलान करेगी, यानी 2014 का आम चुनाव राहुल के प्रधानमंत्रित्व में और उनके नेतृत्व में लड़ा जा सकता है, यानी आने वाले 2014 लोस चुनाव का प्रारूप राहुल बनाम मोदी ही रहने वाला है।

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मोदी के प्रचार की धार

Posted on 22 December 2013 by admin

चुनावी सियासत में ‘आऊट ऑफ बॉक्स’ सोच की होड़ मची है। अपने प्रचार अभियान को नई धार देने के लिए नरेंद्र मोदी नए प्रयोग करने में यकीन रखते हैं, मोदी का चुनावी कैंपेन पहले से ही वेब टूल 2.0 के बहुआयामी इंटरनेट विद्याओं यानी टिï्वटर,फेसबुक, हैंग आउट, पोडकाड आदि से लैस है, अब छोटे बड़े शहर-कस्बों में मोदी के 3डी रथ को घुमाने की भी तैयारी है। मेट्रो व बी टाउन में परंपरागत पोस्टरों की जगह 3डी और एलईडी तकनीक से लैस मोदी के चमकते कटआउट अब नजर आएंगे। इस दफे के आने वाले चुनाव में कोई 12 करोड़ युवा पहली बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे उन्हें लुभाने के लिए एक चीनी कंपनी ‘सुपर नमो थीम’ से लैस एक स्मार्ट फोन तैयार कर रही है, ऐसे 50 हजार स्मार्ट फोन युवाओं के बीच मुफ्त बांटे जाएंगे। स्मार्ट फोन के लिए मोदी से जुड़े 25 से भी ज्यादा एप्स यानी एप्लिकेशंस तैयार किए जा रहे हैं जिसमें मोदी को एक हीरो के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा है। इसमें मोदी गेज़, मोदी रन, राहुल वर्सेज मोदी जैसे पोल एप्स हैं। मोदी केजरीवाल की तर्ज पर ‘रोबो कॉलिंग तकनीक’ से अपना संवाद सीधे वोटर तक पहुंचा रहे हैं। यानी इन तमाम चुनावी शोर गुल, नारों व मनुहारों के बीच चुप्पी भी कहां चुपचाप बैठी है, वह तो प्रचार के इन तमाम शब्दों के नए अर्थ गढ़ रही है।

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…और अंत में

Posted on 08 December 2013 by admin

जस्टिस ए.के.गांगुली के लिए चुनौतियां कहीं ज्यादा बड़ी हैं, आखिर क्यों सर्वोच्च न्यायालय को ऐसा लगा कि जस्टिस गांगुली के ऊपर ‘प्राइमाफेसी’ बनता है, क्योंकि उस पीडि़त इंटर्न की शिकायत में दो अन्य लड़कियों की शिकायत भी शामिल हैं, सूत्र बताते हैं कि इसके अलावा जज साहिब के ऊपर एक अन्य लडक़ी ने भी और अलग से शिकायत दर्ज करवा रखी है यानी कानून को अभी और भी काम करना है। (एनटीआई) द्दशह्यह्यद्बश्चद्दह्वह्म्ह्व.द्बठ्ठ

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मोदी के अहमद पटेल

Posted on 05 December 2013 by admin

भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी के नए राजनैतिक प्रादुर्भाव से पार्टी और पार्टी से इतर उनके विरोधी सकते में हैपार्टी में नरेंद्र मोदी के हालिया अभ्युदय के साथ यकबयक भाजपा में नकवी का कद काफी बढ़ गया हैऔर उन्हें दिल्ली में नमो की आंख-नाक-कान कहा जाने लगा हैवे न सिर्फ नमो की किचेन कैबिनेट में शामिल हैं अपितु वे समय-समय पर नमो को दिल्ली का फीड-बैक भी दिया करते हैंसो कई पार्टी दिग्गजों को तब बेहद हैरानी हुई जब 31 अक्तूबर को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर उनकी लौह प्रतिमा के संकल्प के मौके पर मोदी ने दिल्ली से सिर्फ दो भाजपा नेताओं को अहमदाबाद आमंत्रित कियावे थे अडवानी और नकवी। एक अंग्रेजी राष्टï्रीय दैनिक ने तो मौके की इसी नजाकत को भांपते नकवी को मोदी का अहमद पटेल करार दिया। वे नकवी ही थे जो देश के अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए मोदी का महात्वाकांक्षी विज़न डॉक्यूमेंट फॉर इंपॉवरमेंट ऑफ माइनारिटीज’ लेकर आएवे मोदी के स्वप्नदर्शी वॉर-रूम’ का न सिर्फ नेतृत्व कर रहे हैं बल्कि कई अहम मसलों पर मोदी की राय से पार्टी के बड़े नेताओं को अवगत भी करा रहे हैंयानी इन दिनों अपने न$कवीनामा की तरह नकवी भी हिट हैं।

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85 करोड़ में दिल्ली

Posted on 05 November 2013 by admin

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए अपना बजट निर्धारित कर लिया है, हालांकि इस दफे चुनाव आयोग की पार्टी और उम्मीदवारों के चुनावी खर्चो पर पैनी नजर है, बावजूद इसके कांग्रेस का दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 85 करोड़ और मध्य प्रदेश के लिए 160 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है, जहां तक इन पांच राज्यों के चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारकों की बात है तो कांग्रेस अपना सारा दांव सोनिया और राहुल पर लगाना चाहती है, प्रधानमंत्री का हश्र नई नवेली दुल्हन का है, घुंघट में से उनका चेहरा कभी-कभार ही बाहर आएगा, कभी किसी चुनावी रैली में।

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नीरा की पीड़ा

Posted on 23 October 2013 by admin

2जी से चर्चा में आई लॉबिस्ट नीरा राडिया पर सीबीआई का शिकंजा अब कसने वाला है, उनके ऊपर नए मुकदमों की झड़ी लग सकती है, अब तक तो खुले तौर पर रतन टाटा व मुकेश अंबानी जैसे देश के शीर्ष उद्योगपति उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे थे पर अब इन उद्योगपतियों ने भी हालत का जायजा लेने के बाद तटस्थ रहने का निर्णय लिया है, वहीं नीरा से खार खाए कुछ बिजनेस घराने ऐसे भी हैं जो नीरा पर कड़ी कार्यवाही चाहते हैं। नीरा से जुड़े विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि वह अब भारत से अपना बिजनेस समेटने की तैयारी कर रही है, उनका इरादा अब लंदन में बसने का है।

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पूनम को राजनाथ का सहारा

Posted on 06 October 2013 by admin

भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह का भी दोस्ती निभाने में कोई सानी नहीं, भाजपा के अनेक राष्ट्रीय नेताओं के अभ्युदय में अपने वक्त के सर्वशक्तिमान प्रमोद महाजन ने जितनी भूमिका निभाई थी आज उनमें से ज्यादातर नेताओं ने प्रमोद महाजन के नहीं रहने की सूरत में उनके परिवार से एक घोषित-अघोषित दूरी बना ली है यानी कि मतलब निकल गया तो फिर जानते नहीं। पर राजनाथ सिंह की दिवंगत प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम महाजन को सक्रिय राजनीति में लाने में एक महती भूमिका रही है। अपने पहले अध्यक्षीय काल में राजनाथ ने पूनम को भाजपा युवामोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया, फिर अपनी दूसरी पारी में उन्होंने महाजन पुत्री को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया। अब राजनाथ पूनम को मुंबई नॉर्थ से राम नाइक की सीट पर संसदीय चुनाव में उतारना चाहते हैं। राजनाथ की इस मुहिम को संघ का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है, क्योंकि संघ प्रमुख मोहन भागवत से महाजन परिवार खासकर पूनम की गहरी छनती है। स्वयं भागवत चाहते हैं कि मुंबई की किसी सीट से किसी मराठी ब्राह्मण को भाजपा का टिकट मिले। सो, लगता है आने वाले 2014 के लोकसभा चुनाव में पूनम अपनी नई संसदीय पारी का आगाा करेगी।

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