Posted on 20 February 2023 by admin
’आग से खेलने की तेरी हसरत से कौन नहीं वाकिफ था
यही वजह थी तुम जिधर चले समंदर तेरे साथ चला’
2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए भाजपा ने अभी से कमर कस ली है, इन कयासों को भी लगातार पंख लग रहे हैं कि ’ये चुनाव समय पूर्व होंगे, राज्यों के चुनाव के साथ।’ फील्ड सर्वे और काफी गहन मंथन के बाद भाजपा रणनीतिकार दो सूचियों को अंतिम रूप देने में कामयाब रहे हैं। पहली लिस्ट में उन सीटों को चिन्हित किया गया है जहां भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ सकता है। इसी लिस्ट में वैसी लोकसभा सीटों की भी शिनाख्त हुई है जहां जीत-हार का चांस फिफ्टी-फिफ्टी है। दूसरी लिस्ट में उन लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है जहां संघ और कैडर की मदद से कमल की सेहत तो दुरूस्त है, पर वहां के भाजपा सांसद का रिकार्ड अच्छा नहीं है, उनकी रेपुटेशन खराब है और वे क्षेत्र के लोगों में भी अलोकप्रिय हैं। पहली लिस्ट में 109 सीटों को शुमार किया गया है, जहां भाजपा की जीत मुश्किल है, पर संघ और पार्टी वहां अभी से जमीन से जुड़ कर काम कर रहे हैं। दूसरी सूची में 26 सीटें ऐसी है जहां महज़ निवर्तमान सांसद की वजह से पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है। इसी सर्वे के आधार पर भाजपा ने अपने सीटिंग सांसदों की 1 से 10 की तालिका में रैंकिंग की है। मौजूदा 42 भगवा सांसद ऐसे हैं जिन्हें 8 अंक से ऊपर मिले हैं, इन्हें ‘एक्सीलेंट’ की कैटेगरी में रखा गया है। 13 सांसद ऐसे भी हैं जो अपने लिए बमुश्किल दो अंक जुटा पाए हैं। पर हैरानी की बात देखिए झारखंड के एक बड़बोले सांसद को महज़ 0.9 अंक मिले हैं, झाबुआ के एक सांसद इस तालिका में सबसे नीचे बताए जा रहे हैं, सूत्र बताते हैं कि उन्हें सबसे कम 0.6 अंक मिले हैं। इस सर्वे के नतीजों से साफ हो गया है कि ’आने वाले आम चुनाव में 125 से लेकर 145 मौजूदा भाजपा सांसदों के टिकट कट सकते हैं।’
Posted on 14 February 2023 by admin
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बड़ी बेटी इल्तिजा मुफ्ती सियासत में दस्तक देने के लिए एकदम तैयार बताई जाती हैं, हालिया दिनों में उन्हें राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनके कदम से कदम मिला कर चलते देखा गया था। हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाशाओं पर समान पकड़ रखने वाली इल्तिजा की स्कूली पढ़ाई शिमला के एक बोर्डिंग स्कूल से हुई है, फिर इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और अपने पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए लंदन की ‘वॉरविक युनिवर्सिटी’ चली गईं। वहां से लौट कर इन्होंने दिल्ली स्थित एक थिंकटैंक में काम किया, फिर ‘गल्फ न्यूज’ के लिए काम करने लगीं। कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद इल्तिजा ने नियमित तौर पर अपना वीडियो ब्लॉग बनाना शुरू कर दिया-’आपकी बात इल्तिजा के साथ।’ पूछने पर वह भले ही कहती हो-’नहीं, पॉलिटिक्स नहीं करनी,’ पर उनके तमाम अंदाजे बयां कोई और ही कहानी कहते हैं।
Posted on 14 February 2023 by admin
मध्य प्रदेश के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण भाजपा के लिए अच्छी खबर लेकर नहीं आया है। सर्वेक्षण के नतीजों में प्रदेश में भाजपा से कांग्रेस को आगे बताया जा रहा है। सर्वेक्षण के मुताबिक लोग शिवराज सरकार के कामकाज के तरीकों से खुष नहीं है। शिवराज की लोकप्रियता में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पर इस सर्वेक्षण में एक और बात सामने आई है कि राज्य के लोगों में पीएम मोदी की लोकप्रियता कम नहीं हुई हैं, लोग उन्हें दिल्ली की गद्दी के लिए अब भी सबसे मुफीद चेहरा मानते हैं।
Posted on 14 February 2023 by admin
भाजपा के लिए कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनाव क्या मायने रखते हैं इसका पता बुधवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट से चल जाता है। जब कर्नाटक के लिए 65 हजार करोड़ के सिंचाई योजना की घोषणा हुई। वैसे भी कर्नाटक में पार्टी ने जो हालिया जनमत सर्वेक्षण करवाए हैं उससे भाजपा शीर्ष की पेशानियों पर बल आ गए हैं। सो, राज्य की आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए पार्टी रणनीतिकार राज्य की एक प्रमुख पार्टी जेडीएस से चुनावी गठबंधन करना चाहते हैं। इस बाबत भाजपा रणनीतिकारों ने जब एचडी देवेगौड़ा से संपर्क साधा तो उनका दो टूक कहना था कि ’वे भाजपा के साथ चुनाव के बाद गठबंधन की सोच सकते हैं।’ पर भाजपा रणनीतिकारों के समक्ष सबसे बड़ा संकट यह है कि देवगौड़ा कमोबेश यही बात कांग्रेस से भी कह चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से देवेगौड़ा की पुरानी दोस्ती है। सो, भले ही देवेगौड़ा राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर कश्मीर नहीं गए, पर उन्होंने राहुल की यात्रा के समर्थन में एक पत्र जरूर जारी कर दिया, यही बात भगवा रणनीतिकारों को बेहद नागवार गुज़र रही है। सो, इन लोगों ने ताजा-ताजा देवेगौड़ा के पुत्र कुमारस्वामी से संपर्क साधा है, कुमारस्वामी का झुकाव कांग्रेस के बजाए भाजपा की ओर ज्यादा बताया जाता है। सो, जब पिता देवेगौड़ा राहुल के समर्थन में पत्र जारी कर रहे थे, पुत्र कुमारस्वामी एक स्थानीय टीवी चैनल से मन के उद्गार व्यक्त कर रहे थे कि ’राहुल गांधी को देश पसंद नहीं करता।’
Posted on 14 February 2023 by admin
ताजा केंद्रीय बजट में गैर यादव ओबीसी जातियों को साधने की भरसक कोशिश हुई है, इस बात के मद्देनज़र कि यह मौजूदा केंद्रीय बजट 2024 के आम चुनाव से पहले का अंतिम पूर्णकालिक बजट साबित होगा। एक तरह से यह पूरी तरह चुनावी बजट है, जिसमें गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना के लिए भी 2 लाख करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रावधान रखा गया है। केंद्र सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के दावों पर अगर यकीन किया जाए तो ’वन नेशन, वन इलेक्शन’ के खटराग को अमलीजामा पहनाने के लिए मौजूदा सरकार समय पूर्व आम चुनाव का ऐलान कर सकती है। ये चुनाव 9 राज्यों के संभावित विधानसभा चुनावों के साथ हो सकते हैं। इसी आइडिया को मद्देनज़र रखते ’प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ का बजट में आगाज़ हुआ है, माना जा रहा है कि इस योजना से देशभर के, खास कर यूपी की गैर यादव ओबीसी जातियों को बहुत फायदा मिलने वाला है। अकेले यूपी में 52 फीसदी से ज्यादा ओबीसी जातियां है, अगर इसमें से यादवों को निकाल भी दें तो यह आंकड़ा 42 फीसदी पर ठहरता है, जो 140 जातियों से ज्यादा का समूह है और यह समूह चुनाव में किसी उम्मीदवार को हराने या जिताने में एक महती भूमिका निभा सकता है। 2014 के आम चुनाव में भी नरेंद्र मोदी को दिल्ली की सत्ता पर काबिज कराने में ओबीसी जातियों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी।
Posted on 14 February 2023 by admin
जनता परिवार के विलय को लेकर अटकलें तेज हो गई है, विपक्षी एका के सूरमागण जनता दल(यू), राजद, जेडीएस, इनेलोद और राष्ट्रीय लोकदल मिल कर पुराने जनता दल का आकार पा लें या इनके बीच कोई समन्वय स्थापित हो जाए। जब इस बात की भनक भगवा खेमे को लगी तो उसके दूत सक्रिय हो गए, इनके रणनीतिकारों ने तेजस्वी से संपर्क साधा और उनसे कहा कि ’अगर वे सिर्फ नीतीश का साथ छोड़ दें तो भाजपा उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाने को तैयार है।’ इसका बड़ा साफ सा फार्मूला निकाला गया कि सबसे बड़ा दल होने के नाते राजद राज्यपाल के पास तेजस्वी की सरकार बनाने का दावा पेश करे, जब सदन में बहुमत साबित करने का वक्त आएगा तो भाजपा वॉक आउट कर जाएगी जैसा कि उसने एक वक्त यूपी में मुलायम की सरकार बनवाने के दौरान किया था। पर सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी ने इस भगवा फांस में फंसने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद नीतीश का बयान भी सामने आ गया कि ’वे मरते दम तक भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।’ इसके बाद नीतीश ने तेजस्वी के समक्ष यह भी स्पष्ट कर दिया कि ’वे जुलाई-अगस्त में तेजस्वी के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे और केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हो जाएंगे।’ अब मुमकिन है कि केंद्रीय एजेंसियां मई-जून महीने में तेजस्वी के ऊपर कई संगीन केस बना दें, कहते हैं ये मामले उस वक्त के हैं जब तेजस्वी यादव पहली दफे राज्य के डिप्टी सीएम बने थे। भाजपा को उम्मीद है कि भ्रष्टाचार के मामले पर नीतीश शायद ही तेजस्वी को समर्थन दे पाएं, तब तेजस्वी के समक्ष एक मात्र आसरा न्यायालय का ही बचेगा।
Posted on 14 February 2023 by admin
’धूप के नाज़ उठाते सदियां गुजरी हैं
ये मेरा वक्त है मुझे भी सूरज बनना है’
गुजरात विधानसभा चुनाव में 156 सीटें लेकर बंपर जीत हासिल करने वाली भगवा पार्टी के बम-बम हौसलों को लगता है दुश्मनों की नज़र लग गई है, पार्टी शीर्ष को मिली खुफिया जानकारियों के मुताबिक गुजरात भाजपा के कई शीर्ष नेता इन दिनों अपने हाईकमान से नाराज़ चल रहे हैं, नाराज़गी इस कदर है कि आने वाले दिनों में यह कोई बड़ा गुल खिला सकती है। दरअसल, गुजरात विधानसभा चुनाव से भाजपा शीर्ष ने अपने कई बड़े नेताओं, मसलन भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा, नितिन पटेल, सौरभ पटेल, बल्लभ काकड़िया, विभावरी दवे, प्रदीप सिंह जडेजा जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था, इन्हें भरोसा दिया गया था कि ’इन्हें केंद्र में या फिर कहीं अन्यत्र एडजस्ट कर लिया जाएगा।’ अब सवाल उठता है कि केंद्र में अकेले गुजरात से कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं, मोदी मंत्रिमंडल का संभावित फेरबदल भी इन्हीं पेंचोखम में उलझा है। अब बचता है संगठन में एडजस्टमेंट, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पहले ही कह दिया गया था कि ’वे संगठन में जितने सीनियर को एडजस्ट कर पाते हैं, कर लें।’ आनंदी बेन समेत कई गवर्नरों का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है, पर मुश्किल यह है कि गुजरात से पहले ही थोकभाव में गवर्नर बनाए जा चुके हैं। भाजपा शीर्ष नहीं चाहता कि ये नाराज़ नेतागण 2024 के चुनाव में कोई गड़बड़ी कर दें, सो बीच का एक रास्ता निकाला गया है कि ’इनमें से कई नेताओं को आने वाले आम चुनाव में लोकसभा का टिकट मिल सकता है,’ इसी बहाने हाईकमान इनकी लोकप्रियता की परीक्षा भी ले लेगा।
Posted on 14 February 2023 by admin
‘दो कदम आगे बढ़कर बेतरह थक गई है रोशनी,
नादां दीयों ने जब से पागल हवाओं से रार ठान ली है’
कई बड़ी घटनाएं सुंदर इत्तफाकों की महज़ बॉयोप्रोडक्ट होती हैं। कोई महीने भर पहले की मुकेश अंबानी की अमेरिका यात्रा को भी आप इसी श्रेणी में रख सकते हैं। बेहद भरोसेमंद सूत्रों के दावों पर यकीन किया जाए तो अंबानी की कंपनी रिलायंस ने पिछले दिनों अमेरिका की एक बड़ी पीआर कंपनी की सेवाएं ली हैं। कारण बताया गया कि रिलायंस समूह को अमेरिका में अपना विस्तार कराना है। पिछले महीने मुकेश अंबानी जब वाशिंगटन डीसी पहुंचे तो उनके सम्मान में वहां के एक सीनेटर ने ‘ब्रेकफास्ट’ रखा, जिसमें कुल 8 अन्य सीनेटर भी शामिल हुए। कहा जाता है कि इन अमेरिकी सीनेटर गण ने अंबानी को अपने संबंधित राज्यों में आने का न्यौता दिया, यह कहते हुए कि ‘अंबानी वहां आएं और उनके राज्यों में नए रोजगारों का सृजन करें।’ कहते हैं इसके जवाब में मुकेश ने कहा-’रिलायंस इज़ ऑल्वेज योर फ्रेंड’। फिर रात में अमेरिकी कांग्रेस मैन की ओर से एक डिनर रखा गया जिसमें 30 से ज्यादा सीनेटर शामिल हुए। इसी कड़ी में ‘इंडियन अमेरिकन कॉकस’ यानी ‘समोसा कॉकस’ ने आने वाली गर्मियों में अपने एक बड़े कार्यक्रम में मुकेश अंबानी को बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया है। सनद रहे कि इंडियन अमेरिकन के इस समोसा कॉकस की अमेरिकी राजनीति में बेहद पूछ है, इस कॉकस को गठित करने वालों में देश की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस, सीनेटर राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, डॉक्टर एमी बेरा और प्रमिला जयराम जैसे नामचीन इंडियन अमेरिकन शामिल हैं। क्या इसे भी महज़ एक इत्तफाक मान जाए कि अंबानी की इस अमेरिका यात्रा के महीने भर बाद ही अमेरिका स्थित ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की अनुसंधानकारी रिपोर्ट आ जाती है और अडानी समूह को महज़ दो दिनों के अंदर 4.17 लाख करोड़ रुपयों का झटका लग जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ अडानी की ‘ग्रीन एनर्जी’ में अरबों का निवेश करने वाले दो बड़े वेल्थ मैनेजर ‘ब्लैक रॉक’ और ‘ब्लैक स्टोन’ कहते हैं वे अडानी की ग्रीन एनर्जी में अपने निवेश का रिव्यू करेंगे। आप सिर्फ कड़ियों को जोड़ें और भारतीय औद्योगिक समूहों की प्रतिस्पद्र्धा के नए चेहरे उजागर हो जाएंगे।
Posted on 14 February 2023 by admin
2024 के आम चुनाव में क्या मोदी वाराणसी के साथ-साथ दक्षिण भारत की किसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं? भाजपा से जुड़े सूत्रों के दावों पर अगर यकीन किया जाए तो इसका जवाब ’हा’ में है। वजह बेहद साफ है, इस वक्त उत्तर और पश्चिम भारत के राज्यों में भाजपा का ग्राफ उफान पर है, पूरब के राज्यों में भी धीरे-धीरे भाजपा ने अपनी पैठ बना ली है। भाजपा की असल चिंता दक्षिण की 128 सीटों को लेकर है जहां कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दलों का जलवा बरकरार है। भाजपा को भरोसा है कि ’उसके तरकश में मोदी नाम का वह तीर जो इन तमाम चुनौतियों का एकमेव उत्तर है।’ भाजपा से जुड़े सूत्रों का दावा है कि ’2024 के आम चुनावों में तमिलनाडु की रामनाथपुरम सीट मोदी की पसंदीदा सीटों में शुमार है, जहां से वे चुनाव लड़ने की सोच सकते हैं।’ भाजपा को दक्षिण भारत में अपने विस्तार के लिए ऐसे ही किसी एक ‘मास्टर स्ट्रोक‘ की जरूरत है। रामनाथपुरम के अलावा मदुरै और कोयंबटूर में भी भगवा पार्टी अभी से वहां जनता का मूड भांपने में लगी है। बात रामनाथपुरम की करें तो 2024 के चुनाव में यहां भाजपा तीसरे स्थान पर थी, पर 2019 का लोकसभा चुनाव आते-आते भाजपा यहां मुख्य लड़ाई में शामिल हो गई और वह दूसरे स्थान पर रही। दक्षिण भारत किस कदर मोदी और भाजपा के एजेंडे में है इसे आप दो उदाहरणों से समझ सकते हैं। काशी में बड़े जोर-शोर से ‘तमिल संगम’ की शुरूआत हुई और दिल्ली में ‘सेंट्रल विस्टा’ के उद्घाटन के मौके पर पीएम ने तमिल महाकवि भारतियार यानी सुब्रह्मण्यम भारती की कविता का पाठ किया। मोदी की भाव-भंगिमाएं और उनके आचरण खुद ही उनकी आगे की रणनीतियों की चुगली कर देते हैं।
Posted on 14 February 2023 by admin
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग शायद ही कभी अपने लिए चिन्हित परिधियों का अतिक्रमण करते हैं। पर पिछले कुछ समय में संघ की इन मान्य परंपराओं का हनन हुआ है। संघ का ही एक वर्ग संघ प्रमुख के ‘सर्वधर्म सद्भाव’ से ओत-प्रोत उनकी उदारवादी सोच को पचा नहीं पा रहा है। गजब तो तब हो गया जब छोटे-मोटे मेंढकों ने भी भागवत के खिलाफ टरटराना शुरू कर दिया। एक हिंदूवादी यू-ट्यूबर संदीव देव तो बकायदा दिल्ली पुलिस के पास भागवत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंच गए, इस शिकायत में उन्होंने भागवत के अलावा पांचजन्य के संपादक प्रफुल्ल केतकर और आर्गनाइजर के संपादक हितेश शंकर का भी नाम लिया है। इस यू-ट्यूबर का आरोप है कि ’भागवत ने आरएसएस के मुखपत्र को दिए गए अपने हालिया इंटरव्यू में समलैंगिकता का समर्थन किया है तथा अपनी बात रखने के लिए इसे हिंदू धार्मिक पात्रों के साथ जोड़ा है।’ देव ने भागवत पर श्रीकृष्ण पर भी भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। देव का कहना है कि ’संघ प्रमुख ने महाभारत काल के पात्र ‘हम्सा’ और ‘डिंबक’ को ’गे कपल’ के रूप में चित्रित किया है, जो सरासर गलत है।’