उप राष्ट्रपति पद की दौड़ में वेंकैया |
April 11 2016 |
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू अडवानी के प्रभाव युग में उनके हनुमान के तौर पर जाने जाते थे, वक्त बदला, सत्ता की कमान बदली तो बदलते वक्त सा बदलने में माहिर वेंकैया मोदी भक्ति में आकंठ डूब गए, कुछ इतना डूबे कि आराध्य ने उनकी डूबती हैसियत को नए आयाम मुयस्सर करा दिए। चुनांचे पार्टी मंच हो, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो, खुला मंच हो, यहां तक की कैबिनेट की बैठकों में भी वेंकैया मोदी गान गाने में पारंगत बन कर उभरे, पर उनकी पारंगता इतना सिर चढ़ कर बोलने लगी कि संघ को हस्तक्षेप करना पड़ा। भैयाजी जोशी व दत्तात्रेय होसबोले ने संघ के दफ्तर बुला कर वेंकैया को डपटा कि वे मोदी के चारण गान में मर्यादा की सीमाओं का उल्लंघन न करें, दत्तात्रेय तो बाहर भी बोल गए कि संघ की परंपरा में व्यक्ति पूजा का कोई स्थान नहीं। आने वाले महीनों में वेंकैया की राज्यसभा की मियाद पूरी होने वाली है, वे लगातार तीन बार राज्यसभा का सुख भोग चुके हैं, भाजपा का संविधान चौथी बार इसकी इजाजत नहीं देता, तो क्या करें वेंकैया? उनके लिए तो लोकसभा का चुनाव जीतना दूर की कौड़ी है। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने मोदी के समक्ष यह इच्छा जताई है कि अगर उन्हें किसी प्रकार से राज्यसभा फिर से देना संभव न हो तो देष के अगले उप राष्ट्रपति के तौर पर उनके नाम पर विचार किया जा सकता है। जोड़ी भी खूब जमेगी, अडवानी देश के राष्ट्रपति और उनके पवन सुत उप राष्ट्रपति, नए दौर की राजनीति में पुराना दौर लौट आएगा। |
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April 13th, 2016
With TDP in AP, his home state and Urban Ministry under his belt. He is not a fool to call it quits to active politics. He is needed in the Cabinet and as a Party Previous President he has highest respect in the Sangh.
I think the gossip is true and relavant and factual, but practically unreliable for Venkaiah and BJP