मिस्टर गांधी की द्विविधा

December 01 2016


द्रमुक के नेतागण राहुल गांधी से नाराज़ हैं, नाराज़ हैं कि राहुल को चेन्नै जाकर बीमार जयललिता को देखने की क्या जरूरत आन पड़ी थी? और अगर वे चेन्नै गए भी तो उन्हें कम से कम स्टालिन के साथ बैठ कर एक कप चाय तो पी लेनी चाहिए थी। डीएमके नेताओं की नाराज़गी की ख़बर जब राहुल को लगी तो उन्होंने इन नेताओं को अपने घर चाय पर बुलाया और उनके साथ अपने दिल की बात शेयर की। सूत्र बताते हैं कि राहुल ने इन नेताओं के समक्ष स्पष्ट किया कि इन दिनों उनके कार्यक्रम बस एक दिन पहले ही फाइनल होते हैं, ऐसा विगत दिनों उनकी सभाओं में हो रहे हंगामों के मद्देनजर किया गया है। चूंकि पिछले कई बार से राहुल को चंद अप्रिय हालातों का सामना करना पड़ा है, पहले जब वे दिल्ली में एक बाक्सिंग मैच देखने पहुंचे तो मुट्ठी भर लोगों ने उनका विरोध किया और मोदी-मोदी के नारे लगाए। एक-दो रोज पूर्व जब वे नोटबंदी के उपरांत दक्षिण दिल्ली के व्यापारियों का दुख दर्द पूछने पहुंचे तो ठीक यही वाकया वहां भी घटित हो गया। जब तक कि पार्टी का कोई नियत कार्यक्रम न हो, या कोई बड़ी सभा न हो, राहुल अपने कार्यक्रमों को सार्वजनिक करने से परहेज कर रहे हैं, क्योंकि उनके विरोध का यह वीडियो ’मोदी आर्मी’ आनन-फानन में सोशल मीडिया पर वायरल भी करा देती है कि ’देखो, राहुल लोगों के बीच कितने अलोकप्रिय हैं।’ लगता है यह बात द्रुमुक नेताओं को समझ में आ गई और उन्होंने अपना संदेशा चेन्नै अपने हाईकमान तक पहुंचा दिया है।

 
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  1. Swamy Says:

    I know this is a gossip column, but when you write have some sense. RG visited JJ on October 7th and Demonitization happened on Nov 8th!! So this excuse is absurd

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