प्रशांत का राहुल-कनेक्शन |
March 13 2016 |
मोदी के लोगों को वे फूटी आंखों नहीं सुहाते, पर कार्यशैली और कांग्रेस है कि उन्हें आंखों में भर कर रखते हैं। संदीप दीक्षित और अजय माकन की राय से उलट राहुल व प्रियंका को लगने लगा है कि प्रशांत किशोर वाकई बहुत काम के हैं, उनकी जिम्मेदारियों का दायरा बढ़ाना चाहिए। पर कम लोगों को ही पता है कि प्रशांत ने भारत में अपनी पारी की शुरूआत राहुल के साथ की थी। तब प्रशांत एक दक्षिण अफ्रीकी देश में अपनी रणनीति बुनने वाली कंपनी चलाते थे, राहुल तक पहुंचने का जब उन्हें कोई माध्यम नहीं मिला तो वे एक दिन राहुल के घर जुटने वाले जनता दरबार में जा खड़े हो गए, राहुल उनसे मिले तो उनकी बातों से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके, उन्हें काम पर रख लिया गया, 50 हजार की तनख्वाह पर और किशोरी लाल के साथ उन्हें अमेठी में लगा दिया गया। मोदी को अपनी चुनावी रणनीति बुनने के लिए राहुल के घर का कोई आदमी चाहिए था, जो राहुल को और उनकी कार्यशैली को करीब से जानता हो, प्रशांत काम के थे, काम में आ गए और वे मोदी की कोर चुनावी टीम में शामिल हो गए, जहां से उन्होंने सफलता की एक नई उड़ान भरी। |
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March 17th, 2016
It should be Rahul Gandhi not Maken. FM sunte hue likh rahe the kya..