सियासत के शाह की वाह

October 08 2017


बदलते वक्त के साथ अकबर इलाहाबादी का यह तर्क बेमतलब होता जा रहा है कि ’जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो’ आज नए दौर के अखबार और उनके मालिक गण इन सच्चाईयों पर भगवा पेंट करने में सिद्दहस्त हो गए हैं। यूपी के एक प्रमुख दैनिक अखबार के सवाल-जवाब की गोष्ठी में जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पहुंचे तो उनके समक्ष टेबुल पर एक टेप रिकार्डर ऑन करके रख दिया गया। अखबार के तमाम बड़े पत्रकारों व विभिन्न संपादकों ने शाह को अपना परिचय पेश किया, इसके बाद शुरू हुआ सवाल-जवाब का सिलसिला। जैसे ही कुछ अप्रिय सवाल आने शुरू हुए, सूत्र बताते हैं कि शाह ने टेप रिकार्डर बंद कर उसे अपने पास रख लिया। अखबार के कई उत्साही पत्रकारों ने जब अपने तीखे सवालों के बाऊंसर शाह की ओर उछाले तो शाह ने उसे ’डक’ करते हुए बेतकत्लुफी से कहा-’आपके वरिष्ठ संपादकों को मालूम है कि क्या छापना है और क्या नहीं।’ एक सवाल एक वरिष्ठ संपादक की ओर से दन्न से आया जो कि गो-वध को लेकर था। शाह ने सपाट लहजे में कहा-’देखिए यह प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि गाय के नाम पर किसी को सताया नहीं जा सकता और मैं भी यही राय रखता हूं।’ फिर अखबार प्रबंधन ने इस पूरे सेशन की रिपोर्टिंग पेज बनाकर बकायदा अनुमोदन के लिए सियासत के शाह के पास भेजा। जरूरी अनुमोदन के बाद अगले रोज अखबार छप कर पाठकों के बीच आ गया।

 
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  1. Acharya Sumati Trivedi Says:

    . Awesome man ! Yours Gossipguru is truly wikileaks of India !

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