Posted on 19 September 2010 by admin
हाईकोर्ट में दाखिल हुई एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उत्तराखंड के सरकारी वकील ने माननीय अदालत को सूचित किया कि सरकार ने पूर्व में स्वीकृत राज्य के तमाम पॉवर प्रोजेक्ट को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। अब इसके लिए नई गाइडलाइंस बनाई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि निशंक ने एक तरह से अध्यक्ष जी के समक्ष हथियार डाल दिए हैं, और नई गाइडलाइंस का अर्थ ही है कि अगर जिस किसी को उत्तराखंड में नया पॉवर प्रोजेक्ट लगाना हो वे जरूरी तौर पर अध्यक्ष जी का आशीर्वाद प्राप्त लें और उनसे आवश्यकतानुरूप गाइडलाइंस भी प्राप्त करें। सचमुच महान हैं अपने अध्यक्ष जी, भाजपा की दशा-दिशा को किस पॉवर से रोशनी दे रहे हैं?
Posted on 12 September 2010 by admin
गडकरी की इस पूरी मुहिम को मुकेश अंबानी, एस्सार, टाटा व लक्ष्मी मित्तल का सहयोग प्राप्त था। क्योंकि इन औद्योगिक घरानों के कामकाज किंचित वहां अटक रहे थे, सरकार गठन की इस पूरी मुहिम को सिरे चढ़ाने में पूर्व में एस्सार के डायरेक्टर रह चुके व गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे की भी एक महती भूमिका थी, वैसे भी एस्सार व अर्जुन मुंडा के रिश्ते काफी पुराने हैं, मुंडा पहले जब कभी दिल्ली आते थे तो वे एस्सार के ही गेस्ट हाउस में ठहरते थे।
Posted on 05 September 2010 by admin
झारखंड में एक बार फिर से भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनवाने के प्रयास चल रहे हैं, इनमें वे बिचौलिए शामिल है जिनके संबंध देश के किसी न किसी बड़े-औद्योगिक घरानों से हैं।
Posted on 05 September 2010 by admin
जहां एक ओर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय सलाहकार समिति पूरी तरह लाल रंगी है यानी यहां मुखर माओवादी विचारधारा के लोगों का ज्यादा प्रतिनिधित्व है, वहीं पीएमओ में अमरीकी समर्थक लॉबी सब पर भाारी है।
Posted on 29 August 2010 by admin
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर वाइ.एस.डडवाल के रिटायरमेंट की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही है उनके उत्तराधिकारी की तलाश की प्रक्रिया भी उसी रफ्तार में तेज हो रही है। पर जो दो प्रमुख दावेदारों के नाम उभर कर सामने आए हैं, वे हैं-नीरज कुमार और बी.के.गुप्ता। पर नीरज कुमार के विरोधी लगातार यह प्रचारित करने में जुटे हैं कि कैसे दस जनपथ उनसे नाराज है, क्योंकि वे कभी बोफोर्स मामलों की जांच से जुड़े थे तथा भाजपा के कई सीनियर नेताओं (मसलन शत्रुघ्न सिन्हा) से उनके घरेलू ताल्लुकात हैं।
Posted on 29 August 2010 by admin
मारग्रेट अल्वा बतौर गवर्नर अपने वर्तमान राज्य उत्तराखंड में खुश नहीं है, इसे देखते हुए उन्हें झारखंड भेजा जा सकता है। झारखंड जहां चुनाव के हालात हैं और वर्तमान में यहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, सो ऐसे में यहां गवर्नर की भूमिका खासा महत्वपूर्ण हो जाती है। झारखंड एक ऐसा प्रदेश है जहां पहले से ही क्रिश्चियन मिशनरियों का बोलबाला है, पर हालिया दिनों में प्रदेश में मिशनरी विरोधी तेवर उग्र हुए हैं, इस सापेक्ष में अल्वा को झारखंड भेजा जाना कांग्रेस नीत केंद्र सरकार का एक प्रतीकात्मक कदम माना जा सकता है, जाहिर है मैडम अल्वा के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण चुनौती यही होगी कि वह ‘एंटी मिशनरी’ लोगों पर कैसे लगाम कसती है कि क्रिश्चियन कैथोलिक चर्च को खुश किया जा सके।
Posted on 15 August 2010 by admin
नीतीश के पुराने सखा राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह ने कांग्रेस में आने की पूरी तैयारी कर ली है, कांग्रेसी समंदर के मिजाज को भांपने के लिए सियासी पानी में उन्होंने जमशेद अशरफ नामक एक पत्थर तबियत से उछाल कर देख भी लिया है, अशरफ नीतीश सरकार में मंत्री थे और वे लल्लन के खासमखास भी हैं, कांग्रेस अशरफ के साथ ठीक-ठाक सलूक कर रही है। पहले लल्लन को 24 तारीख को पटना में सोनिया गांधी की रैली में कांग्रेस में शामिल होना था, यह रैली भले ही स्थगित हो गई हो पर लल्लन के इरादे यथावत हैं, वे अहमद पटेल के निरंतर संपर्क में हैं, उन्हें यदा-कदा राजीव शुक्ला के घर के चक्कर भी काटते देखा जा सकता है, कांग्रेस देखना चाहती है कि लल्लन जद(यू)के सांसदों में कितनी बड़ी फांड़ करवा पाते हैं, इसी से उनका सियासी कद तय होगा।
Posted on 15 August 2010 by admin
देश को शीघ्र ही दो नए विजिलेंस कमिश्नर मिलने जा रहे हैं, 1973 बैच के कर्नाटक कैडर के आइपीएस आर.श्रीकुमार की पहली नियुक्ति हो सकती हैं, ये दस वर्षों तक सीबीआई में रहे हैं, ये वहां ‘फ्रॉड डिटेक्शन विंग’ के मुखिया थे, गौरतलब रहे कि यही राजीव गांधी हत्याकांड के आईओ भी थे। दूसरा नाम कॉरपोरेशन बैंक के सीएमडी जगमोहन गर्ग का है, जो प्रणब मुखर्जी के करीबियों में शुमार होते हैं और इनका नाम भी प्रणबदा ने ही चलाया हुआ है। इन दो नियुक्तियों के कयास से इतना तो तय हो गया है कि देश का अगला सीवीसी चीफ 1973 बैच के पहले का होगा।
Posted on 10 August 2010 by admin
जस्टिस दिनाकरण के बरी होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। जस्टिस के खिलाफ राज्यसभा के चैयरमैन ने एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी इस कमेटी में एक सुप्रीम कोर्ट के व एक हाईकोर्ट के जज शामिल हैं तथा कमेटी के तीसरे सदस्य ज्युरिष्ट नरीमन हैं। कमेटी को इनके खिलाफ कुछ भी पुख्ता सबूत नहीं मिल रहे हैं, जिन सांसदों ने जस्टिस को दंडित करने के आवेदन पर दस्तखत किए थे वे सांसद भी अब मुकरने लगे हैं, और मानने लगे हैं कि दिनाकरण के खिलाफ ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। पिछले दिनों जब जज साहब सिक्किम हाईकोर्ट में ट्रांसर्फर हो गए तो यही कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दलित क्रिश्चियन जस्टिस को जल्द ही इस केस में बरी किया जा सकता है।
Posted on 10 August 2010 by admin
कलमाड़ी भी पलटवार के लिए तैयार हो रहे हैं, ऐसा उनके करीबियों का दावा है, कलमाड़ी करीबी कहते हैं कि इस पूरी मुहिम को एक अखबार समूह हवा दे रहा है जो कि कॉमनवेल्थ का ‘ब्रांडिग अधिकार’ चाहता था, इसके बदले में कलमाड़ी ने एक मोटी रकम मांगी थी, इसी बात पर यह अखबार समूह बिदक गया।