Archive | Main Top Right

डूबते राजा को कानीमोझी का सहारा

Posted on 14 November 2010 by admin

बात काले चश्मे वाले बाबा की चली है तो उनकी लाडली कानीमोझी का भी थोड़ा जिक्र हो जाए यहां, अपने राजा को लेकर वे इन दिनों खासी परेशान हैं, और परेशानी के इसी आलम में वे जा पहुंची सीधी प्रणब दा के पास। कानीमोझी ने प्रणब दा से कहा कि ‘आज तक सीएजी रिपोर्ट के आधार पर कोई मंत्रिमंडल से ‘ड्राप’ नहीं हुआ है, और ये विपक्षी पार्टियां हमारे परिवार के पीछे लगी हैं कभी कहते हैं बालू को बाहर करो, फिर मारन का आया नंबर और अब राजा के पीछे पड़ी हैं।’ पर कानीमोझी को प्रणब दा की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, उल्टे दादा ने कहा-‘बहुत ज्यादा प्रेशर है, कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा।’

Comments Off on डूबते राजा को कानीमोझी का सहारा

…और अंत में

Posted on 07 November 2010 by admin

अरुण जेतली बिहार के चुनावी प्रचार में इन दिनों दिख नहीं रहे, दिखें कैसे, पिछले एक सप्ताह से वे कंजीवाइटस से जूझ रहे हैं, पर वे अब भी पार्टी में अपने चिरंतन विरोधियों के निशाने पर हैं, जाने बंद आंखों से भी क्या-क्या दिखा जाते हैं जेतली!

Comments Off on …और अंत में

क्रोध में प्रमोद

Posted on 07 November 2010 by admin

रीता बहुगुणा जोशी ने जब से दुबारा प्रदेश कांग्रेस के सिरमौर की कुर्सी संभाली है, प्रमोद तिवारी सदमे की हालत में हैं, हर मंदिर शीश नवा आए हैं, अभी ताजा-ताजा तिरूपति से लौटे हैं पूजा-पाठ कर, मन्नत मांगकर।

Comments Off on क्रोध में प्रमोद

सेठ से नाराज दीदी

Posted on 07 November 2010 by admin

जब से सुहेल सेठ ने अमिताभ बच्चन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर डिनर दिया है, ममता बनर्जी सेठ से बेतरह नाराज हैं। ममता ने सुहेल को रेलवे की एक महत्वपूर्ण कमेटी का मुखिया बनाया था और सेठ ने बढ़-चढ़ कर ममता के समक्ष वादे भी बड़े-बड़े किए थे कि कैसे रेलवे के राजस्व को बढ़ाने के लिए विज्ञापनों के नए माध्यम ढूंढे जाएंगे, दीदी की लोकप्रियता में चार चांद लगाने के लिए रेलवे एक शानदार पत्रिका का प्रकाशन करेगी आदि-आदि। पर सेठ ने जो भी कहा उसमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया और वे नई सियासी परस्ती ढंढने में जुटे हुए हैं यही कुछ बातें हैं जो दीदी को परेशान कर रही हैं।

Comments Off on सेठ से नाराज दीदी

…और अंत में

Posted on 28 October 2010 by admin

सीबीडीटी मेंबर सुधीर चंद्रा को एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा रहा है, वे गेम्स से जुड़े लोगों पर छापों की अगुवाई कर रहे हैं, कहते हैं सरकार की मंशा है कि हर-हाल दोषियों को धर-दबोचा जाए।

Comments Off on …और अंत में

चुप्पी बोलती है

Posted on 28 October 2010 by admin

गेम्स के भ्रष्टाचार को लेकर भारतीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने खूब हाय-तौबा मचाई, पर जाहिरा तौर पर देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने की बात करने वाले एक अंग्रेजी दैनिक की भूमिका संदेह के घेरे में रही, अपने चरित्र के विपरीत इस अखबार समूह ने कॉमनवेल्थ लूट पर कमोबेश चुप्पी साधी रखी, कहते हैं कि इस समूह के संपादक-मालिक की पत्नी को भी गेम्स से चादर-तकिया व फर्नीशिंग सामग्री सप्लाई करने का एक बड़ा ऑर्डर मुंहमांगी कीमतों पर मिला था, सो ऐसे में इस अखबार ने भी अपना मुंह सिल लेना ही उचित समझा।

Comments Off on चुप्पी बोलती है

कुमारस्वामी का स्वामी कौन?

Posted on 19 October 2010 by admin

जब किसी सरकार के शीर्ष पर ही भ्रष्टाचार के दाग लगे हों तो वैसी सरकार के विधायकों की खरीद-फरोख्त कहीं ज्यादा आसान हो जाती है। सो, अगर सरकार गिराने की साजिश की सुई राजभवन की ओर भी इशारे कर रही हो तो इतनी हाय-तौबा क्यों? कांग्रेस ने अपनी ओर से सरकार गिराओ मुहिम की पूरी कमान देवेगौड़ा पुत्र कुमारस्वामी को सौंपी है, मजे कि बात तो यह कि कांग्रेस ने कुमारस्वामी को साफ कर दिया था कि अगर प्रदेश में येदुरप्पा सरकार गई तो प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री कांग्रेस का होगा, जिसे जेडीएस अपना समर्थन देगा। इस मुहिम में भले ही कुमारस्वामी को सीएम की कुर्सी नहीं मिल रही थी, पर बाकी का सब कुछ मिल रहा था जैसा कि देवेगौड़ा परिवार हमेशा से चाहता रहा है। कांग्रेस की ओर से अगला मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा और वीरप्पा मोइली के नामों पर विचार चल रहा है। सबसे अहम खुलासा यह कि कुमारस्वामी के इस पूरे अभियान को भाजपा के दिल्ली में बैठे एक बड़े नेता जी का भी पूरा आशीर्वाद प्राप्त है, जिनके लिए सियासत महज पैसा कमाने का जरिया मात्र है।

Comments Off on कुमारस्वामी का स्वामी कौन?

…और अंत में

Posted on 06 October 2010 by admin

एक कांग्रेस प्रायोजित अंग्रेजी न्यूज चैनल की मुखिया जो हर दम सियासी लाज की बरखा में तरबतर रहती है, इन दिनों न्यूयॉर्क में अपना नया फ्लैट खरीदने की जुगत भिड़ा रही हैं। मुहतरमा के कई पूर्व पुरुष मित्रों ने पहले ही वहां फ्लैट खरीद रखे हैं। न्यूयॉर्क इनके पसंदीदा शहरों में शुमार हैं, ये बहुत बिजी रहती हैं, चुनांचे इनके पास समय की कमी है, पैसों की नहीं, यह चाहे तो कितना भी पैसा लुटा सकती हैं और वैसे भी इन पर पैसा लुटाने वालों की कोई कमी नहीं, क्योंकि इनका यकीन सच देखने-दिखाने में है।

Comments Off on …और अंत में

तिवारी के बाद किसकी बारी

Posted on 06 October 2010 by admin

आखिरकार मुख्य सूचना आयुक्त यानी चीफ इन्फॉरमेशन कमिश्नर के नाम पर सहमति नहीं बन पाई। कल वजाहत हबीबुल्लाह इस पद से रिटायर हो गए और उनकी जगह सीआईसी बने अनिरूध्द नारायण तिवारी का कार्यकाल महज 2 महीने 12 दिन का होगा। नए सीआईसी को लेकर स्वयं सरकार के अंदर सहमति नहीं बन सकी। पीएम और सरकारी तंत्र किसी रिटायर्ड आईएएस को इस पद पर लाना चाहता था, पर सोनिया गांधी का वरदहस्त प्राप्त राष्ट्रीय सलाहकार परिषद इस पद पर सिविल सोसाइटी के किसी व्यक्ति को बिठाने की पक्षधर थी। इस परिषद में अरुणा रॉय और हर्ष मंदर का बड़ा दबदबा है, रॉय मानती हैं कि आरटीआई देश को उन्हीं की देन है। आरटीआई का कार्य ही सरकारी तंत्र को बेनकाब करना है, जबकि कोई आईएएस आम तौर पर ऐसे मसलों को ढंक देता है। ऐसे में नए सीआईसी के लिए अंसारी का नाम उभर कर सामने आया था, पर अंसारी के नाम का विरोध स्वयं हबीबुल्लाह कर रहे थे, साथ ही नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज भी अंसारी को बनाए जाने के खिलाफ थीं, ऐसे में तिवारी को सुपर सीड कर मात्र 2 महीने 12 दिन के लिए बनाया गया है, पर यक्ष प्रश्न अब भी जस का तस है कि फिर देश का अगला सूचना आयुक्त कोई रिटायर्ड आईएएस होगा या सिविल सोसाइटी का कोई नुमांइदा? अब यह फैसला दस जनपथ को लेना है।

Comments Off on तिवारी के बाद किसकी बारी

…और अंत में

Posted on 19 September 2010 by admin

केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद छुट्टियां मनाने सपरिवार केरल के मनोरम स्थल पर पहुंचे, वह भी एक खास चार्टर्ड विमान से, कहा जाता है कि यह विमान अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली एक कंपनी का था।

Comments Off on …और अंत में

Download
GossipGuru App
Now!!