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2जी का फंदा

Posted on 01 April 2011 by admin

2जी स्पेक्ट्रम मामले पर जल्द ही एक और चार्जशीट दायर होने वाली है, उसमें- लूप टेलिकॉम और डीबी रियलिटी की घेरेबंदी हो सकती है। कई अन्य का भी नंबर लगने वाला है, पर इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है।

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…और अंत में

Posted on 01 April 2011 by admin

कांतिलाल भूरिया मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अगले अध्यक्ष हो सकते हैं।

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…और अंत में

Posted on 22 March 2011 by admin

दिल्ली से लगे एक कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री के एक चहेते आईएएस अधिकारी हैं जिन्हें सीएम के मनी बैग के नाम से ज्यादा जाना जाता है। उनका अपने एक साथी आईएएस की पत्नी से टांका भिड़ा हुआ था, वे अक्सर मिलते-जुलते रहते थे। शहर की राजधानी के एक नामचीन होटल में उस बड़े अधिकारी ने किसी और नाम से कमरा बुक कराया जिसमें वे अपने साथी अधिकारी की पत्नी के साथ अंतरंगता बढ़ाने में जुटे थे। शहर छोटा था, अधिकारी बड़े, सो किसी ने उनकी पत्नी को खबर कर दी। पत्नी यूं धमक पड़ी रूम में और अपने पति को एक गैर महिला के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। अपने पति को उन्होंने नीचे लॉबी में बुलाया और सार्वजनिक रूप से उसकी चप्पलों से धुनाई की, लहूलुहान पति वहां से सीधे एक जरूरी मीटिंग में चले गए, पूछने पर बताया कि गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था, पर चूंकि मीटिंग में आना जरूरी था सो आना पड़ा, अपनेर् कत्तव्यनिष्ठ अधिकारी के कथन पर मुख्यमंत्री जी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

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…और अंत में

Posted on 15 March 2011 by admin

भारतीय अदालत ने मलेशिया को जिन 10 कंपनियों के बारे में ‘लेटर रोगेटरी’ भेजा है, सबसे मजे की बात तो यह है कि वो सारी 10 की 10 कंपनियों के पते मलेशिया की एक ही बिल्डिंग के हैं। शक की सुई शाहिद बल्वा की ओर है कि जिन कंपनियों को पैसे ट्रांसर्फर हुए हैं सबका स्वामित्व बल्वा का ही है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी नए रहस्यों से पर्दा उठेगा।

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क्या होगा चंद्रा का?

Posted on 15 March 2011 by admin

सीबीडीटी के सबसे ताकतवर अधिकारी सुधीर चंद्रा जो कि यहां मेंबर इनवेस्टिगेशन भी हैं और सीबीडीटी के एक्टिंग चेयरमैन भी, उनका कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो रहा है। उम्मीद है कि सरकार उन्हें एक्सटेंशन दे देगी और दे भी क्यों न जब उनकी वकालत स्वयं अमिता पॉल कर रही हों। वित्त मंत्रालय ने अपना अनुमोदन डीओपीटी को भेज दिया है, जहां से यह दस्तख्त के लिए पीएमओ में जाना है। चंद्रा का रुक जाना संभावी ही लगता है। अमिता चाहती हैं कि सीबीडीटी चेयरमैन का फिक्सड कार्यकाल हो, 2 वर्षों का।

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…और अंत में

Posted on 08 March 2011 by admin

बड़े बे आबरू होकर निकले तेरे कूचे से, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब से सीवीसी पी.जे.थॉमस की विदाई हुई है, नए सीवीसी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। पर पीएमओ से जुड़े विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि अगला सीवीसी भी कोई मलयाली ही होगा क्योंकि टी.के.ए.नायर प्रधानमंत्री को समझा पाने में कामयाब हो गए हैं कि चूंकि केरल में विधानसभा चुनाव सिर पर है और केरल के लोगों ने थॉमस के इस तरह की रुखसती को पसंद नहीं किया है, चुनांचे नया सीवीसी भी केरल का ही होना चाहिए। सो नए सीवीसी के तौर पर चाहे जी.के.पिल्लई का नाम चले या किसी और का, होगा वह मल्लू ही…’कुट्टी नायर साहब, बरबादे गुलिस्तां को आप अकेले काफी नहीं थे, जब हर शाख पर मल्लू बैठा हो तो अंजामे गुलिस्तां क्या होगा?’

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राजा आराम से हैं

Posted on 27 February 2011 by admin

ए.राजा को तिहाड़ में आराम से रखा गया है, उनकी सुख-सुविधाओं का जेल प्रशासन व सीबीआई खास ध्यान रख रही है, भाषा की समस्या की आड़ में राजा की सुरक्षा में तमिलनाडु पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है, जो सुरक्षा कम सेवा-सुश्रुषा में ज्यादा लगे रहते हैं। वैसे भी राजा की गिरफ्तारी से पहले काले चश्मेवाले बाबा करुणानिधि से सरकार ने बात कर ली थी, सरकार ने करुणानिधि को आश्वस्त कर दिया था कि राजा को गिरफ्तार करना क्यों जरूरी है, नहीं तो सुप्रीम कोर्ट में मुंह दिखाना मुश्किल हो जाएगा।

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सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री

Posted on 23 February 2011 by admin

अगर गांधी-नेहरू परिवार के नुमांइदों की बात छोड़ दें तो सरदार मनमोहन सिंह अब तक के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री के तौर पर उभरे हैं। वे अपनी मनमर्जी से सरकार चला रहे हैं, उनके मुंहलगे अफसर बड़े फैसले ले रहे हैं। चूंकि मनमोहन सिंह को कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि यूपीए-2 की जीत में उनका सबसे बड़ा हाथ है, उनकी ईमानदार छवि और स्वच्छ प्रशासन देने के वायदे से ही यूपीए दुबारा सत्ता में लौटी है। सो इस बार उनकी भंगिमाएं इस कदर बदली हुई है।

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शर्मा जी का क्या हुआ?

Posted on 23 February 2011 by admin

शर्मा जी फिलहाल दिल्ली में राजस्थान के प्रिंसिपल रेजीडेंट कमिश्नर हैं, भारत सरकार में सचिव पद की समकक्षता रखने वाले इस अधिकारी को पीएमओ ने इतना खदेड़ कर क्यों रखा है, सवाल यही तो सबसे बड़ा है। कायदे से उन्हें भारत सरकार के किसी मंत्रालय में सचिव होना चाहिए था, पर सियासी दंश झेल रहे शर्मा जी को लेकर स्वयं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई-कई दफे सोनिया और पीएम से मिले, पर उनका कुछ नहीं हो सका। गहलोत का दर्द कहीं और भी बड़ा है, पिछले चार-पांच वर्षों में राजस्थान कैडर का कोई भी आइएएस अफसर केंद्र में सचिव पद तक नहीं पहुंचा है, सो गहलोत चाहते हैं यह परंपरा बदले।

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सीवीसी और कैग क्यों हैं महत्वपूर्ण?

Posted on 23 February 2011 by admin

नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज जान लें कि आखिर सत्ता पक्ष के लिएर् वत्तमान सीवीसी थॉमस इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? क्योंकि इस पूरे कोयले के काले प्रकरण की शिकायत किसी ने सीवीसी में कर दी, और सिर्फ कोयला प्रकरण ही क्यों यूपीए-1 की कई शिकायतें, घोटाले सीवीसी की फाइलों में जिंदा हैं। उन मामलों को जमींदोज करने के लिए जरूरी है कि सीवीसी न्यारा, सबसे प्यारा अपना हो। इस मामले में बड़ी आग है, एक मामूली लपट भी कोयले को सुलगा सकती है, सो अब सबको मालूम चल गया है कि थॉमस के साथ-साथ नर्िवत्तमान कैग, पंजाब कैडर के विनोद राय पीएमओ के सर्वेसर्वा बने कुछ अधिकारियों के लिए इतने जरूरी क्यों बन गए हैं?

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