अडवानी मांगे पानी |
April 12 2015 |
बेंगलुरू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मोदी-शाह जोड़ी भाजपा नेताओं और कार्र्यकत्ताओं को यह संदेश देने में कामयाब रही कि पार्टी व सरकार का सुर एक सा है, और पार्टी का मार्गदर्शक मंडल अब महज ‘दर्शक मंडल’ बनकर रह गया है। भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण अडवानी के राजनैतिक सफर में शायद यह पहला मौका था जब वे बेंगलुरू एयरपोर्ट पर उतरे और उन्हें वहां रिसीव करने वाला कोई नहीं था। अडवानी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने के लिए भाजपा ने कर्नाटक के एक स्थानीय भगवा विधायक की डयूटी लगाई थी, पर ऐन मौके पर वह कहीं गायब हो गया। खैर, किसी तरह अडवानी समारोह स्थल होटल ललित पहुंचे और जब उन्होंने मंच पर मोदी के साथ वाली कुर्सी पर बैठना चाहा तो उन्हें विनम्रता से मना कर दिया गया। मंच पर भी स्वागत के दौरान मोदी व शाह जोड़ी का शॉल-माला और गुलदस्ते से स्वागत किया गया। वहीं अडवानी को महा एक अदद गुलदस्ते के स्वागत से ही संतोष करना पड़ा। यानी शॉल-माला से पार्टी ने अपने वरिष्ठतम नेता का स्वागत सत्कार नहीं किया। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता कार्यक्रम की बाबत और जानकारी पाने के लिए एक दूसरे से कुछ पूछते नजर आए, पर किसी को कुछ मालूम नहीं था। जिन्हें मालूम था, उन्हें सब मालूम था और ये भी मालूम था कि आज मंजर इतना बदला-बदला सा क्यों है? |
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April 18th, 2015
Disgraceful.. Utterlydisgraceful
April 18th, 2015
In the news spot Sonia’s letter to Ambani there appears to be a mistake that Sonia recalls her 47 years of married life with Rajeev. Aperantly it is wrong. Please check up.