नटराजन बम का भगवा रंग |
February 04 2015 |
सियासत में रंग बदलते चेहरों की शिनाख्त भी कतई इतनी आसान नहीं, चुनांचे कांग्रेस की पारिवारिक विरासत को राजनीति में आगे बढ़ाने वाली जयंती नटराजन का गांधी परिवार व कांग्रेस से मोहभंग यकबयक नहीं था। सूत्र बताते हैं कि इसकी डोर जयंती के एक भतीजे से जुड़ी हुई है। एक उच्च पदस्थ सूत्र का दावा है कि जब मनमोहन सरकार में जयंती वन व पर्यावरण राज्य मंत्री थीं तब मंत्री साहिबा का फंट मैन उनका यही भतीजा हुआ करता था, कहते हैं कि मैडम के उस वक्त के कुछ घोटालों की फाइल मोदी सरकार के हाथ लग गई है। जब जयंती ने अपने कुछ साथी कानूनविदों से सलाह की तो उन्हें बताया गया कि इस मामले को लेकर उनका हश्र भी राजा व कनिमोझी का हो सकता है, चूंकि जयंती स्वयं एक काबिल वकील हैं, सो मामले की नाजुकता को भांपते हुए उन्होंने भगवा शरण लेने में ही अपनी भलाई समझी। सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों जब भाजपाध्यक्ष अमित शाह चैन्नई के एक अस्पताल में इलाज करा रहीं अपनी बहन को देखने वहां पहुंचे तो एक स्थानीय होटल में इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, और शाह की रजामंदी के बाद ही जयंती ने अपने तेवर और निष्ठा दोनों ही बदल लिए। चुनांचे आज उनके निशाने पर सोनिया, राहुल और कांग्रेस है। |
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February 5th, 2015
An educated eminent lawyer,not applying her mind in decision making as a Minister is similar to a criminal offence.Such people should not be admitted to BJP.At the most can be kept on probation for a couple of years.
It seems …Jayanti Tax….coined by the PM during election campaign was not a joke as we thought.