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भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला

Posted on 07 April 2024 by admin

ये राह जिस पर चल कर तू अपराजेय बना है, उन पर अब भी मेरे पैरों के निशां हैं

वह सीढ़ियां मैंने ही लगाई थी, जिस पर चढ़ कर आज तू इस आसमां का गुमां है

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण भाजपा के वरिष्ठ व वयोवृद्ध नेता 96 वर्षीय लाल कृष्ण अडवानी को भी दिया गया था, पर चंपत राय ने अडवानी की उम्र व उनके स्वास्थ्य  को देखते हुए उनके परिवार को सलाह दी थी कि ’22 जनवरी को अडवानी को अयोध्या आने की कोई खास जरूरत नहीं।’ पर अडवानी की पुत्री प्रतिभा और निजी सचिव दीपक चोपड़ा की अपनी राय थी कि ’दादा यानी अडवानी को प्राण प्रतिष्ठा के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अवश्य ही सम्मिलित होना चाहिए।’ इसके बाद ही प्रतिभा व दीपक चोपड़ा ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से संपर्क साधा और उससे जानना चाहा कि ’अगर 22 जनवरी के कार्यक्रम में अडवानी अयोध्या पधारते हैं तो प्रोटोकॉल में उन्हें पीएम से कितनी दूरी पर बिठाया जाएगा?’ अडवानी परिवार की ओर से प्रशासन को यह जानकारी भी दी गई है कि उक्त कार्यक्रम में अडवानी के साथ उनके पुत्र जयंत, पुत्री प्रतिभा और उनके निजी सचिव दीपक चोपड़ा भी अयोध्या आएंगे। अडवानी को अभी चलने-फिरने में कुछ दिक्कत आ रही है, इसके मद्देनज़र भी उनके सीटिंग अरेंजमेंट को जांचा परखा जा रहा है। सनद रहे कि अडवानी ही राम मंदिर आंदोलन के मुख्य सूत्रधार में शुमार होते हैं, अभी हालिया दिनों में उन्होंने संघ की पत्रिका ’राष्ट्र धर्म’ में एक लेख के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा है-’राम मंदिर निर्माण एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति है।’ अडवानी ने ही 1990 में विहिप द्वारा शुरू किए गए राम मंदिर आंदोलन को एक राजनीतिक आंदोलन बना दिया था। यह भी बात गौर करने वाली है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर से शुरू हुए रथ यात्रा के रथी तब नरेंद्र मोदी ही थे, तब वे भगवा फलक पर किंचित एक अनजाने से चेहरे थे, पर अपने प्रबंधन कौशल से वे तब भाजपा एक प्रमुख नेता के तौर पर उभर कर सामने आए। भले ही तीन गुंबदों वाला ढांचा इस आंदोलन के दौरान ध्वस्त हो गया था, पर बीच वाले ढांचे के अंदर ही 1949 में रामलला प्रकट बताए जाते हैं, अब उसी जगह से 150 मीटर की दूरी पर राम मंदिर निर्माण हो चुका है।

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मार्च में फैसला लेंगी बहिन जी

Posted on 27 November 2023 by admin


बसपा नेत्री मायावती को पूरा भरोसा है कि इन पांच राज्यों के चुनाव में भी कम से कम दो राज्यों में उनकी पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहेगी, जैसे मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग की जिस सीट पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लड़ रहे हैं, वहां की बसपा प्रत्याशी ने सबको पानी पिला रखा है। तोमर इस लड़ाई में पिछड़ते नज़र आ रहे हैं। मायावती को भी अपने कैडर से लगातार यह रिपोर्ट प्राप्त हो रही है कि ’अगर 2024 के चुनाव में उन्हें अपनी पार्टी का अस्तित्व बचाए रखना है तो उन्हें यूपी में सपा या कांग्रेस या फिर दोनों दलों के साथ गठबंधन करना ही होगा।’ 15 जनवरी को बहिन जी का बर्थडे आता है, इस बार भी उनके जन्मदिन को बडे़ जोर-शोर से मनाने की तैयारी है, उम्मीद जताई जा रही है कि उनके बर्थडे को सेलिब्रेट करने के लिए अखिलेश व राहुल गांधी दोनों ही नेता आ सकते हैं। कम से कम अखिलेश का आना तो पक्का ही माना जा रहा है। इस दौरान अखिलेश की अपनी बुआ के संग वन-टू-वन बातचीत हो सकती है, सूत्र बताते हैं कि अगर इस मौके पर गठबंधन का कोई फार्मूला बन भी जाता है तो बहिन जी इसकी घोषणा मार्च में ही करेंगी, ताकि सत्तारूढ़ भाजपा के अतिरिक्त दबाव से बचा जा सके।

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नृपेंद्र मिश्र का खुलासा

Posted on 27 November 2023 by admin


पिछले दिनों राम मंदिर निर्माण कमेटी के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने खुलासा किया कि जब पीएमओ से उन्हें रिटायर किया गया तो वे चाहते थे कि उन्हें किसी राज्य का गवर्नर बना दिया जाए। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं और वे घर पर ही दिन काटते रहे। इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर कमेटी बनाने का आदेश दिया तो वे एक दिन अचानक अमित शाह से मिलने जा पहुंचे, षाह के प्रयासों से वे कमेटी के चेयरमैन बना दिए गए। पर दिलचस्प है कि चाहे नृपेंद्र मिश्र कितने भी इंटरव्यू दे दें, भाजपा को कहीं न कहीं उनके मुकाबले रामभूमि तीर्थ के महासचिव चंपत राय ज्यादा पसंद हैं, क्योंकि अगर राम मंदिर बनने की पूरी कहानी अगर किसी को जुबानी सुनानी है तो भाजपा का ऑफिशियल ‘एक्स हेंडल’ चंपत राय को ट्वीट करता है।

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‘इंडिया’ का खटराग आया सामने

Posted on 30 September 2023 by admin

चौधरी देवीलाल की 110वीं जयंती को चौटाला परिवार ने कैथल में रैली की शक्ल में ‘सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया। इस रैली को कुछ इस तरह से प्रचारित किया गया था जैसे यह विपक्षी गठबंधन इंडिया की रैली हो। सो, इसमें शामिल होने के लिए चौटाला परिवार ने खास तौर पर सोनिया व राहुल को न्यौता भेजा था, पर वे दोनों क्या कांग्रेस का कोई अदना नेता भी इस रैली में शामिल नहीं हुआ। जो आए उनके आने का कोई खास मतलब नहीं था, जैसे नेशनल कांफ्रेंस की ओर से फारूक अब्दुल्लाह, टीएमसी की ओर से डेरेक ओ ब्रायन, जदयू की ओर से केसी त्यागी, अकाली दल के सुखबीर बादल व आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद ’रावण’ शामिल हुए। नीतीश कुमार कह के भी नहीं आए, उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का बहाना बना दिया। जबकि पिछले साल वे इसी तारीख को आयोजित फतेहाबाद रैली में शामिल हुए थे, फतेहाबाद रैली में तेजस्वी भी आ गए थे। कैथल रैली में ओम प्रकाश चौटाला ने अपने पुत्र अभय चौटाला को अपना वारिस घोषित कर दिया। दरअसल, कांग्रेस चौटाला परिवार के ‘इंडियन नेशनल लोकदल’ की ‘इंडिया’ गठबंधन में एंट्री नहीं चाहती है, क्योंकि हरियाणा में दोनों पार्टियों की रणभूमि एक है, और जाट वोटरों पर वर्चस्व की जंग भी इन्हीं दोनों पार्टियों में छिड़ी है। सो, जब इंडिया के पिछले मुंबई अधिवेशन में नीतीश अभय चौटाला को ले जाना चाहते थे तो राहुल ने इसके लिए तब साफतौर पर मना कर दिया था। राहुल को इस बात पर भी आपत्ति थी कि चौटाला परिवार के तार सुखबीर बादल से भी जुड़े हुए हैं जिन्हें अमित शाह का बेहद भरोसेमंद माना जाता है। 

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क्या होगा अगर बागी हुई वसुंधरा

Posted on 16 September 2023 by admin

राजस्थान के भगवा सियासी फिज़ाओं में असंतोश के बादलों का उमड़ना-घुमड़ना जारी है, अभी पिछले दिनों की बात है जब राजस्थान कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य गण जयपुर से दिल्ली की फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे तो वे एक सुखद आश्चर्य में डूब गए, जब उन्हें वहां वसुंधरा राजे सिंधिया के दीदार हो गए, वसंधुरा भी उसी फ्लाइट से दिल्ली जाने वाली थीं। किसी कारण वश वह फ्लाइट डेढ़ घंटे लेट हो गई, फिर क्या था कांग्रेस नेता गणों ने वसुंधरा के साथ अपनी तस्वीरें खिंचवानी शुरू कर दी, वह भी बारी बारी से, वसुंधरा ने भी सहर्ष भाव से अपने विरोधी पार्टी के नेताओं को यह मौका दिया। कई कांग्रेसी नेताओं ने उसी वक्त वसुंधरा के साथ अपनी वह तस्वीर ट्वीट भी कर दी। इन कांग्रेसी नेताओं को बातों ही बातों में वसुंधरा ने बताया कि राजस्थान में इस दफे का चुनाव भाजपा पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ने जा रही है, इस चुनाव में उन्हें यानी वसुंधरा को पार्टी ने कोई खास रोल नहीं बख्शा है। कांग्रेसी नेताओं के हवाले से यह भी बात निकली है कि वसुंधरा ने स्पष्ट कर दिया है कि ’यदि उनकी पार्टी भाजपा उनके लिए कोई रोल सुनिश्चित करती है तो इस चुनाव में वह न्यूट्रल रहेंगी, उन्हें कोई रोल अगर नहीं दिया गया तो फिर वह अपनी मर्जी से अपनी भूमिका का चुनाव करेंगी।’ वहीं वसुंधरा वफादार कैलाश मेघवाल को भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर पार्टी से निलंबित कर दिया है, मेघवाल ने बतौर निर्दलीय भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, क्या राजस्थान में बागी आहटों की मुनादी हो चुकी है?

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दीदी का राहुल मानिया

Posted on 28 August 2021 by admin

जब राहुल गांधी ने किसान संसद में शामिल होने के लिए मार्च किया तो वे विपक्षी एका की धुरी बने हुए थे, उनके साथ 13 दलों के अन्य सांसद भी इस मुहिम में शामिल थे, इनमें से एक टीएमसी के सुखेन्दु शेखर राय भी थे, लेकिन लगता है जंतर मंतर तक के मार्च के अधबीच राय को दीदी का फोन आ गया और वे चुपके से इसमें से बाहर निकल गए, पत्रकारों ने पूछा तो राय ने सफाई दी कि हमारा पहले
से कुछ प्रोग्राम था, लगता है राहुल की तासीर दीदी को अब भी रास नहीं आ रही है।

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…और अंत में

Posted on 07 February 2021 by admin

बीते कुछ समय में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला एक नए अवतार में संसद में नज़र आ रहे थे। वे शांत, संयमी और मृदुभाषी होने का परिचय दे रहे थे, पिछले कुछ वक्त में उन्होंने विरोधी दलों के सांसदों से भी अपने निजी ताल्लुकात बनाए हैं, यहां तक कि सदन में भी वे विरोधी दलों के सांसदों को बोलने का भरपूर मौका देते हैं। पर पिछले दिनों उन्होंने अपनी इस नई चमकदार छवि को एक झटके में दरका दिया, जब पंजाब के आप सांसद भगवंत मान कुछ बोलने को खड़े हुए तो स्पीकर महोदय तिलमिला के अपनी जगह पर खड़े होकर तेज आवाज में चिल्लाए-’चोप्प।’ सदन हक्का-बक्का रह गया। बाद में पता चला कि भगवंत मान सदन में पहले कृषि बिल का विरोध करते स्पीकर के सामने ’वेल’ में आ गए थे, स्पीकर महोदय को इस बात का बहुत बुरा लगा था।

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आओ कमीशन-कमीशन खेलें

Posted on 29 December 2013 by admin

अब कांग्रेस और भाजपा में कमीशन-कमीशन का खेल खेला जाने वाला है। भाजपा की तमाम आपत्तियों को धत्ता बताते हुए कांग्रेस ने स्नूपगेट पर कमीशन बिठा दिया यानी वह मोदी को घेरने का हर मुमकिन दांव आजमाना चाहती है। वहीं भाजपा भी पलटवार के लिए तैयार है, गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की लैंड-डील पर राजस्थान की वसुंधरा नेतृत्व वाली भाजपा सरकार एक कमीशन बिठाने जा रही है, भाजपा के 5 सांसदों ने इसकी पूर्व पीठिका लिखने की गरज से वसुंधरा को चि_ïी लिखकर वाड्रा की लैंड-डील पर एक कमीशन बिठाने की पहले ही मांग की थी।

 

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जाएंगे जस्टिस

Posted on 22 December 2013 by admin

जस्टिस ए.के.गांगुली के लिए आने वाला नया साल अपने दामन में चुभन और दंश लेकर आ सकता है, नए वर्ष 2014 की शुरूआत में उन्हें पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग के चैयरपर्सन की कुर्सी से हाथ धोनी पड़ सकती है, इस बाबत एटॉर्नी जनरल ने अपनी राय से कानून मंत्रालय को अवगत करा दिया है। इसके बाद ही ‘रेफरेंस’ हो सकता है, हमारे देश में कुछ संवैधानिक पद ऐसे होते हैं इन पदों पर बैठे व्यक्ति को सीधे तौर पर हटाया नहीं जा सकता है, सुप्रीम कोर्ट की जांच के बाद ही इसके प्रतिवेदन पर राष्टï्रपति कार्यवाही करते हैं, यानी इस पूरी प्रक्रिया में अभी और 10-12 दिन लग सकते हैं।

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महाराज की मनुहार

Posted on 14 December 2013 by admin

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी को विजयी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ग्वालियर संभाग की अपनी चुनावी सभाओं में उन्हाेंने भावुक होकर कहा था-‘मेरी आी भी नहीं है, बाबा भी चले गए हैं, मेरे जो भी हो बस आप ही हो।’ पर महाराज की उनकी प्रजा ने कोई गुहार नहीं सुनी और कांग्रेस ग्वालियर की चार तथा गुना की सारी सीटें हार गई।

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