योगी के निशाने पर फर्जी मीडिया

August 02 2017


अपने पूर्ववर्त्ती मुख्यमंत्री अखिलेश से अलहदा यूपी के भगवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीडिया व पत्रकारों से अपने रिश्तों की परवाह किए बगैर एक नया राग अलापने में जुटे हैं, एक ओर अखिलेश ने जहां मीडिया व पत्रकारों पर खुले हाथों से सरकारी खजाना लुटाया, वहीं योगी ने मीडिया वालों पर किंचित सख्ती बरत रखी है। यूपी की पूर्ववर्ती सरकारों ने थोकभाव में पत्रकारों को सरकारी घर आबंटित कर रखे थे, जिनका नाम मात्र का किराया अदा किया जाता है। योगी सरकार ने राजव्यापी एक व्यापक सर्वे करवाया है जिन पत्रकारों या उनकी पत्नी के नाम अगर यूपी में कोई घर है तो उनसे सरकारी आवास वापिस लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं जो समाचार पत्र या पत्रिका अपने प्रसार संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे थे, उनके बकायदा ’फिजिकल वेरिफिकेशन’ किए जा रहे हैं, इनमें से सैकड़ों की तादाद में प्रकाशनों को जाली पाया गया है, जो मात्र सरकारी विज्ञापनों की प्राप्ति के लिए ही अपने समाचार पत्र-पत्रिका का प्रकाशन कर रहे थे, वे भी मात्र गिनती की कॉपी। उन सब पर योगी सरकार की गाज गिर रही है। सरकारी अफसरों की मिली भगत से अपना दुकान चमकाने वाले मीडिया वालों की मंशाओं पर ताले जडे़ जा रहे हैं, चहुं ओर त्राहिमाम है, सरकार की पोल खोल का दावा है, पर इन बातों से बेखबर योगी बकायदा अपने मिशन में जुटे हैं।

 
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