हड़बड़ी में हुई गड़बड़ी |
November 20 2016 |
देश के अंदर नोट छापने वाली सभी प्रिंटिंग प्रेस यानी मिंट प्रेस से कहा गया था कि जो नए नोट छप रहे हैं वे दिसंबर से प्रचलन में लाए जाएंगे, पर इन मिंट प्रेस को इस बात का तनिक भी इल्म नहीं था कि नए नोटों के प्रचलन में आने से पूर्व 500 व 1000 के पुराने नोटों की दुकानें बंद हो जाएगीं। अचानक 8 तारीख की रात 8 बजे पीएम का राष्ट्र के नाम संदेश आता है और नोट बंदी का फैसला सुना दिया जाता है। यह पूरा ऑपरेशन इतने गुपचुप तरीकों से अंजाम दिया गया कि पीएम के संग कैबिनेट मीटिंग के लिए आए मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को भी इस बात की कोई भनक नहीं थी। सूत्र बताते हैं कि पहली बार था कि इनके मोबाइल फोन भी बाहर रखवा लिए गए थे। अब सवाल उठता है कि नोट बंदी का जो फैसला दिसंबर में लिया जाना था उसे नवंबर में ही क्यों अमलीजामा पहना दिया गया? सूत्रों की मानें तो दो हजार के नए नोट की फोटो हैदराबाद से कहीं 6 नवंबर को ही सोशल साइट पर वायरल हो गई, सो सरकार को आनन-फानन में यह फैसला लेना पड़ा। |
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