वसुंधरा पर क्यों गिरी गाज?

June 21 2015


अपने नाम के उद्बोधन से बेख़बर दोस्ती, सत्ता के कंगूरे के ठीक नीचे किसी बजबजाते गटर में औंधी पड़ी है, उन्मुक्त भाव से पंख फैलाता भोर का उजास एक नए दिन के जन्म का ऐलान तो करता है, पर कल के अंधेरों में सने कुछ चेहरों की ठीक से शिनाख़त नहीं कर पाता। 2013 से पहले तक ललित मोदी और वसुंधरा राजे में भी सुबह और उजाले का यही रिश्ता था, आज संबंधों के दरम्यान शह-मात की बिसात बिछी है। पुर्तगाल के जिस बायो मेडिकल रिसर्च आर्गनाइजेशन की वजह से सुषमा स्वराज और ललित मोदी मामले ने तूल पकड़ा, दरअसल इस संस्थान की खोज का श्रेय वसुंधरा को जाता है। ललित मोदी की पत्नी मीनल कैंसर से पीड़ित थीं, उनके कई ऑपरेशन भी हो चुके थे। तब वसुंधरा ने ही ललित मोदी को उनकी पत्नी के इलाज के लिए लिस्बन स्थित इस रिसर्च सेंटर का नाम सुझाया और बकायदा उन्हें लेकर लिस्बन भी गईं, वहां एडमिट कराया और मीनल की खूब सेवा-सुश्रा भी की। वह ललित मोदी की पत्नी की इलाज के वास्ते कोई दो बार वहां लेकर गईं, वहां इलाज से मीनल को इसका लाभ भी मिला। वसुंधरा इस वाकये से इतनी प्रभावित थीं कि वह इस रिसर्च सेंटर को राजस्थान लाना चाहती थीं ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके। ऐसा करने में वो सफल भी रहीं, जयपुर के प्रताप नगर में 35 हजार मीटर जमीन चपालिमोड फाउंडेशन को आबंटित की गई है जिसके तहत यह रिसर्च फाउंडेशन काम करता है। पर 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा व ललित में तलवारें खींच गई, वजह रही कि ललित मोदी ने अपने कुछ खास लोगों के लिए टिकट मांगा था, पर वसुंधरा ने इन्हें टिकट देने से मना कर दिया, उसी वक्त ललित मोदी ने कथित तौर पर वसुंधरा को चेतावनी दी थी कि उसके पास कुछ ऐसे दस्तावेज हैं जिसके खुलासे के बाद वसुंधरा का राजनैतिक कैरियर भंवर में फंस सकता है।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!