प्रियंका का क्यों नहीं बज रहा डंका? |
April 21 2021 |
पांच राज्यों के इन विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी कांग्रेस की सबसे बड़ी स्टार प्रचारक के तौर पर सामने आ रही थीं, असम और केरल जैसे राज्यों में उनकी सभाओं में अच्छी-खासी भीड़ जुट रही थी, एक तरह से लोगों में उनका करिश्मा चलने लगा था कि अचानक से उन्हें कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्षा यानी उनकी मां सोनिया गांधी की ओर से यह आदेश प्राप्त हुआ कि वे अपना फोकस यूपी तक ही सीमित रखें। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि दरअसल सोनिया गांधी चाहती हैं कि अगर केरल, असम और तमिलनाडु में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करती है तो इसका एकमात्र श्रेय राहुल गांधी को ही मिलना चाहिए, जो इन राज्यों में काफी पहले से जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। सो, जब चुनाव प्रचार में दो दिन का समय शेष रह गया था तो प्रियंका ने स्वयं को पीछे कर लिया, कारण बताया गया कि उनके पति रॉबर्ट वाड्रा की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि प्रियंका की स्वयं की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। सो, अब एक बदले परिदृश्य में प्रियंका ने अपना फोकस यूपी पर कर लिया है। जहां आने वाले 15,19,26 और 29 अप्रैल को पंचायत चुनाव होने हैं, इन चुनावों के नतीजे भी 2 मई को ही आने हैं। एक तरह से पंचायत चुनाव यूपी की भाजपा सरकार के लिए अग्नि परीक्षा साबित होंगे, खास कर पचिश्मी यूपी में कि किसानों का आंदोलन भाजपा को कितना नुकसान पहुंचा रहा है। वैसे भी यूपी विधानसभा चुनावों में भी अब कुछ महीनों का ही समय बचा है। यूपी के संभावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रियंका ने वहां 8 टीमें गठित की हैं। विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस सूत्रों की मानें तो प्रियंका ने इन संभावित उम्मीदवारों से कहा है कि ’निकाय चुनावों में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को लड़ाने और जिताने की जवाबदेही आपकी है,’ वैसे भी इस वक्त कांग्रेस पार्टी फंड के कमी से जूझ रही है सो इन संभावित दावेदारों से यह भी कहा गया है कि ’निकाय चुनाव में अपने क्षेत्रों के उम्मीदवारों का खर्च भी वे स्वयं वहन करें।’ यानी एक तरह से दस जनपथ ने प्रियंका गांधी से साफ कर दिया है कि देश के नेता तो राहुल गांधी ही रहेंगे, वे अपने आपको सिर्फ यूपी तक ही सीमित रखें। |
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