रजनी ने अपने पैर पीछे क्यों खींच लिए?

February 07 2021


तमिल फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत पिछले 2 वर्षों से लगातार अपनी राजनैतिक पार्टी की जमीन तैयार करने में जुटे थे, 31 दिसंबर 2017 को बकायदा उन्होंने राजनीति में आने और अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान भी कर दिया था। उनकी योजना पिछले वर्ष अपनी पार्टी लांच करने की थी, उन्होंने भाजपा से जुड़े रा. अर्जुनामूर्ति को इस नई पार्टी का संयोजक भी बना दिया था, और गांधी मक्कल इयाकम के संस्थापक तनिलस्वी मन्नियन को अपनी पार्टी का काम देखने की जिम्मेदारी भी सौंप दी थी। सूत्र बताते हैं कि रजनीकांत का पीएम मोदी से एक अतिरिक्त लगाव भी था और वे एक पार्टी के तौर पर भाजपा को पसंद भी करते थे। भाजपा और संघ की ओर से एस. गुरूमूर्ति लगातार रजनीकांत के संपर्क में थे। सूत्र बताते हैं कि रजनी लगातार एक के बाद एक राज्य में जनमत सर्वेक्षण करवा रहे थे और उन सर्वेक्षणों में उन्हें भगवा कमल के पूर्ण प्रस्फुटन का आभास नहीं मिल पा रहा था। सूत्रों की मानें तो उन्होंने तब अपनी नई पार्टी में अपना सब कुछ झोंकने का इरादा छोड़ दिया, सूत्र यह भी बताते हैं कि रजनी की पत्नी लता रजनीकांत ने तब गुरूमूर्ति से मिल कर अपनी पार्टी खड़ी करने के लिए एक बड़ी आर्थिक मदद मांगी, इस बाबत गुरूमूर्ति ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बात भी की, पर मामला बना नहीं। भाजपा नेतृत्व को लग रहा था कि जो पार्टी अभी बनी ही नहीं उस पर इतना बड़ा दांव लगाना ठीक नहीं, मामले की नज़ाकत को भांपते हुए रजनीकांत ने भी अपने पैर पीछे खींच लिए।

 
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