| आर के सिंह क्यों बोले? |
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July 05 2015 |
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ख्वाहिषें गौरेया के ताजा पैदा हुए बच्चों के मानिंद हैं, सहेजने में हुई एक चूक तो आवारा कौव्वे बना लेंगे अपना षिकार। पूर्व गृह सचिव और आरा से भाजपा सांसद आर के सिंह से क्या दूसरी बार यह चूक हो गई? सूत्र बताते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनावों के आलोक में जब सिंह भाजपा के तब के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ’नमो’ से मिले थे तो उन्होंने सिंह को आष्वस्त किया था कि ’अगर केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें सरकार में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी’, चुनांचे नतीजे आने से ठीक एक दिन पहले एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सिंह साहब ने अपने मन की बात कह दी कि वे ‘गृह या रक्षा दोनों में से कोई भी विभाग संभाल सकते हैं,‘ यह बात भाजपा के षीर्श नेतृत्व को बेहद नागवार गुजरी। चुनांचे उन्हें केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया, उनकी जगह रूढ़ी और राधामोहन सिंह जैसे बिहार के ठाकुर नेताओं को तरजीह मिल गई। इसके बाद सिंह साहब ने कई-कई बार प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा, पर उन्हें समय नहीं मिला। सो, सुशमा व वसुंधरा को लेकर आर के सिंह के ताजा बयान को इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा सकता है। बाद में रूठे सिंह साहब को मनाने की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह को सौंपी गई, जिन्होंने सिंह साहब को आष्वस्त किया है कि पार्टी बिहार चुनाव में उनका सम्यक इस्तेमाल करेगी। |
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