कौन हैं मोदी के आदर्श राजनेता? |
October 05 2014 |
यह महज़ एक इत्तफाक है कि आजाद भारत की दो प्रमुख राजनैतिक पार्टियों भाजपा व कांग्रेस के ‘पिन अप’ सूरमाओं का एक बड़ा दांव है कि दोनों के राजनैतिक गुरु एक हैं, सबको मालूम है कि राहुल गांधी पिछले कई वर्षों से अपनी राजनैतिक दीक्षा के लिए सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली क्वान के पास जाते रहे हैं, युगांतकारी महत्त्वाकांक्षाओं का नया दास्तवेज लिखने को प्रस्तर नरेंद्र मोदी भी कहीं न कहीं ली क्वान से बेतरह प्रभावित दिख रहे हैं। आइए सबसे पहले बात करते हैं मोदी के एजेंडे में शीर्ष पर शुमार होने वाले ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की, क्या इसे महा संयोग माना जाए कि सन् 1968 में सिंगापुर के तत्कालीन प्रधानमंत्री ली क्वान ने ‘कीप सिंगापुर क्लीन’ ड्राइव चलाया था, जिसका एकमेव उद्देश्य इस पूरे उपमहाद्वीप में सिंगापुर को सबसे साथ-सुथरा शहर बनाने का था। यह ड्राइव कोई दस वर्षों तक लगातार चली और इसके परिणाम सबके सामने हैं। इस ड्राइव का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना था। ली क्वान ने इसके लिए सार्वजनिक स्थानों से लेकर घर व दफ्तरों तक में सफाई व सैनिटेशन की बात की थी, शौचालय निर्माण को प्रोत्साहित किया था। पोस्टर, बैनर से लेकर मीडिया के मार्फत अपने कैंपेन अभियान को धार दी थी, अगर इस परिप्रेक्ष्य में भारत के नए ‘पोस्टर ब्यॉय’ मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की परिकल्पना देखें तो इसके मूल प्रेरणा से आप परिचित हो पाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, मोदी ने जो नदियों की सफाई का आह्वान किया है, खासकर ‘गंगा क्लीन’ का उसके पीछे भी ली क्वान की भावनाएं समाहित हैं। सिंगापुर में भी 1977-87 के बीच सिंगापुर नदी व कलंग बेसिन की साफ-सफाई के लिए एक महत्त्वाकांक्षी अभियान चलाया गया था। 1984 के वर्ष में इसी नदी में एक तैराकी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जो लोगों को यह बताने के लिए था कि यह नदी इतनी साफ हो चुकी है कि इसमें आप तैर सकते हैं। सो, आने वाले वर्षों में अगर बनारस के घाट से ऐसे ही किसी तैराकी प्रतियोगिता का आयोजन हो तो समझ जाइएगा कि गंगा अब अपने पुराने अवतार में आ चुकी है। |
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