दिले नादां तुझे हुआ क्या है

February 07 2021


बंगाल में भाजपा को सौरभ गांगुली से ढेर सारी उम्मीदें थीं, पर ऐन वक्त उनकी उम्मीदों को पलीता लग गया। बंगाल में भाजपा और उनके शीर्ष नेताओं ने पूरी ताकत झोंक रखी है, इसके नतीजे भी दिख रहे हैं, दीदी की पेशानियों पर चिंता की लकीरें हैं। वहां माहौल भी किंचित भगवा-भगवा है। बस भाजपा के समक्ष एक ही महती चुनौती है कि उसके पास मुख्यमंत्री के तौर पर बंगाल में पेश किया जा सकने वाला कोई मुफीद चेहरा नहीं है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली भाजपा की उम्मीदों को नया आसमां मुहैया करा सकते थे। पर पिछले कुछ समय से वे खासे मानसिक दबाव में थे, यूं भी वे विचारों से वामपंथियों के ज्यादा करीब हैं, बंगाल में रह कर वे ममता दीदी से भी बैर नहीं चाहते थे और उनके घर में भी, खास कर उनकी लाडली बेटी भाजपा और संघ के विचारों का खुल कर विरोध करती रही है। ऐसे में अचानक सौरभ का यूं बीमार पड़ जाना कईयों को हैरत में डाल गया, यहां तक कि बंगाल के राज्यपाल ओपी धनखड़ भी अस्पताल में सौरभ से मिल कर बाहर निकले तो उन्हें भी वे फिट लगे।

 
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