क्या हो जो राम और कृष्ण में ठन जाए ?

July 31 2016


संघ के भाजपा प्रभारी डा. कृष्ण गोपाल इन दिनों अपनी रणनीतियां बदलने पर मजबूर हुए हैं, संघ से जुड़े विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उनसे कहा गया है कि वे अपने हर निर्णय से पहले भैयाजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले व सुरेश सोनी जैसे नेताओं से मंत्रणा करें। सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में डा. गोपाल के व्यवहार को लेकर संघ व भाजपा शीर्ष नेतृत्व के पास कई गंभीर शिकायतें आई हैं। इसमें सबसे पहली शिकायत है कि वे मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं, अब भी एक शिक्षा मंत्री की तरह आचरण कर रहे हैं। कहते हैं स्मृति ईरानी और रमाशंकर कथीरिया को इनसे नजदीकियों का ही खामियाजा उठाना पड़ा है। संघ की कानपुर की बैठक में भी कई प्रचारकों की इस बाबत शिकायतें आईं। डा. गोपाल के बारे में एक शिकायत आम है कि वे संघ व भाजपा कार्यकर्त्ताओं के फोन नहीं लेते और न ही कॉल बैक करते हैं, सूत्र बताते हैं कि इसका ठीकरा डा. गोपाल ने अपने निजी सचिव पर फोड़ते हुए उन्हें पद से हटा दिया है, यह कहते हुए कि सचिव ऐसे फोन कॉल्स की उन्हें सूचना ही नहीं दिया करते थे। डा. गोपाल पर एक आरोप जो पहले से लगते आए हैं कि वे ब्राह्मणवाद के मुखर पोषक हैं। सूत्र बताते हैं कि इन दिनों डा. गोपाल और भाजपा के रामलाल में भी ठनी हुई है, कृष्ण गोपाल को ऐसा लग रहा है कि रामलाल उनके खिलाफ माहौल बनाने का काम कर रहे हैं। पर रामलाल तो वही कर रहे हैं जो राम की इच्छा।

 
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