गलती हमारी भी है

July 01 2020


कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने जब मोदी सरकार से सवाल पूछा कि हमारे सैनिकों के पास हथियार क्यों नहीं थे तो विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से फौरन इसका जवाब आया ’पेट्रोलिंग के वक्त हमारे सैनिकों के पास हथियार नहीं होंगे यह एक संधि के अनुसार है।’ जबकि सेना से जुड़े सूत्र बताते हैं कि ऐसा उस वक्त से चलन में है जब 1993, 1996 और 2005 में चीन के साथ हमारी संधि हुई थी कि ’गश्त के दौरान हमारे सैनिक हथियार लेकर नहीं जाएंगे, नहीं तो कहीं कोई गलती हो गई तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी फजीहत हो सकती है।’ सूत्र बताते हैं कि चीफ और डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने सेना प्रमुख को इस बात पर आगाह किया था। जनरल विपिन रावत तब आर्मी चीफ थे तो उनके कई फैसलों को लेकर तब भी अंगुलियां उठी थीं-’वन रैंक, वन पेंशन’ के मामले को भी इससे जोड़ कर देखा जाता है। सेना सूत्रों के मुताबिक खुफिया जानकारियां को भी कई बार जाने-अनजाने सेना के बड़े अधिकारी नज़रअंदाज कर देते हैं। जैसा कि पिछले वर्ष 2019 में 600 बार चीनी घुसपैठ की खबरें आयीं, पर सेना के बड़े अधिकारियों ने इस पर कान नहीं धरे।

 
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