मुख्तार की रफ्तार

April 12 2015


अपनी सरकार के मुखिया का अनुसरण करते हुए मोदी सरकार के मंत्री भी कुछ अलग दिखाने को तत्पर रहते हैं, मिसाल के तौर पर पिछले सप्ताह एक सुबह यूं अचानक मुख्तार अब्बास नकवी के पास प्रधानमंत्री का फोन आ धमका, और मोदी ने उन्हें फौरन जम्मू-कश्मीर जाने का निर्देश दिया, चूंकि घाटी में बाढ़ की विभिषिका रौद्र रूप ले रही थी, सो प्रधानमंत्री ने नकवी से वहां की स्थितियों का जायजा लेकर उन्हें रिपोर्ट देने को कहा। नकवी ने फौरन श्रीनगर की फ्लाइट पकड़ ली। सबसे पहले वे बारामूला गए और वहां पहुंच कर उन्होंने मुख्य मार्ग पर अपनी गाड़ी छोड़ दी और सड़क पर पैदल चलने लगे। तब उनके साथ बमुश्किल 20 लोग थे, धीरे-धीरे लोग जुटते गए और करीबन दो हजार लोगों का कारवां उनके पीछे-पीछे चलने लगा। लोग मुतमइन थे कि केंद्र सरकार का एक मंत्री सुरक्षा के ताम-झाम छोड़ उनके साथ-साथ चल रहा है। लोग बारी-बारी से नकवी से मिल रहे थे और उनसे अपना दुख दर्द सांझा कर रहे थे। बाद में श्रीनगर में लाल चौक और झेलम में भी नकवी ने यही उपक्रम दोहराया, लाल चौक में तो वहां के दुकानदार भी नकवी के कारवां में शामिल हो गए, वहां के स्थानीय लोग यह कहते देखे गए कि 20 साल बाद कोई मंत्री पैदल चलकर उनसे मिलने आया है, अब स्थानीय लोग चाहते हैं कि राज्य में सत्तासीन पीडीपी-बीजेपी सरकार के मंत्रिगण भी इसी मिसाल का अनुकरण करें।

 
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