अपनी धुन में वरुण

December 23 2009


संसद के बीते शीतकालीन सत्र में जहां कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी बमुश्किल संसद पधारे, वहीं उनके चचेरे भाई वरुण गांधी ने संसदीय परंपरा के एक आज्ञाकारी छात्र की मानिंद पूरे समय तक संसद की कार्यवाहियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वरुण ने दो एजेंडे पर बखूबी काम किया गरीब और हिंदुत्व। सो, गन्ना किसानों के मुद्दे पर वरुण संसद में सबसे ज्यादा सक्रिय दिखे तो वहीं कहीं लिब्रहान कमीशन पर बहस के दौरान वे पूरे समय तक सदन में मौजूद रहे। सो, वरुण गांधी ने जहां एक ओर लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति पर अपनी चिंता जाहिर की वहीं कहीं पार्टी मंच पर आसाराम बापू की बचाव में भी उतरे, वरुण ने कहा कि आसाराम बापू अनेकों बार हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा के साथ खड़े हुए हैं और आज गुजरात में भाजपा की सरकार उनके साथ क्या कर रही है? इस पर गुजरात भाजपा के अध्यक्ष परषोत्तम रूपाला ने नाराजगी जाहिर की कि ‘बापू खुलेआम कह रहे हैं कि वे गुजरात में भाजपा की सरकार उखाड़ फेकेंगे’, इस पर वहां मौजूद अडवानी से वरुण ने पूछा-तब तो अडवानी जी आप तय करिए कि भाजपा के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है- ‘संत या सरकार?’ निरूत्तर रहे अडवानी।

 
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