मोदी के मन में क्या है? |
May 18 2014 |
2014 के आम चुनावों के नतीजों से भाजपा में आह्वïाद की अनुगूंज हैं, कांग्रेस परेशान है, नीतीश हैरान हैं, मोदी के हौंसले बम-बम हैं। केंद्र में मोदी सरकार की गठन की आहटों के बीच कयासों के दौर गर्म है कि कैसा होगा मोदी-मंत्रिमंडल का स्वरूप? मोदी से जुड़े एक विशेष सूत्र बताते हैं कि मोदी ने संकेत दे दिया है कि उनकी सरकार ‘मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंसÓ के तर्ज पर गठित होगी, यानी मंत्रिमंडल का आकार छोटा होगा और शासन का स्वरूप वृहद, कई अहम मंत्रालय मसलन गृह, भूतल परिवहन, शिपिंग आदि मोदी अपने पास रख सकते हैं। गृह इसीलिए कि मोदी कैबिनेट में नंबर दो कोई नहीं होगा। मोदी का ध्यान आतंरिक सुरक्षा पर होगा। सो, गृह मंत्रालय को मुस्तैद बनाए रखना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। भूतल परिवहन इसीलिए कि मोदी अटल बिहारी की तर्ज पर देश में अच्छी सड़कों का मजबूत जाल बिछाना चाहते हैं, राष्टï्रीय राजमार्गों की सूरत बदलना चाहते हैं और कहीं न कहीं ‘टोल गेट घपलोंÓ से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कैसे सड़क निर्माण के नाम पर राजनेताओं की मिली भगत से अरबों का घोटाला हुआ है। शिपिंग इसीलिए कि भारत में हजारों मील का कोस्टल एरिया बेकार पड़ा है, मोदी उसे सिंगापुर की तर्ज पर डेवलप करना चाहते हैं। मोदी के लिए एक और काम प्रमुखता की सूची में शुमार है, यह है नदियों को जोडऩे की योजना, इसके लिए शिवसेना कोटे से सुरेश प्रभु जल संसाधन मंत्री बनाए जा सकते हैं। प्रभु की छवि एक ईमानदार नेता की है और मोदी उन्हें निजी तौर पर पसंद भी करते हैं। |
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