| दो दोस्तों ने दिल्ली छोड़ी |
|
July 12 2014 |
|
जरा पहचानिए तो ये कौन हैं दो दक्षिण भारतीय राजनीतिज्ञ, एक महिला, एक पुरुष, दोनों तमिलनाडु की राजनीति से निकले साथ-साथ और चैन्नई से दिल्ली एक्सप्रेस पकड़ ली, लंबे समय तक केंद्र में मंत्री रहे, दोनों ही पेशे से वकील और दोनों की दोस्ती ऐसी कि कांग्रेस की राजनीति में इसकी मिसालें दी जाती रही थीं, फिर न जाने क्या हुआ कि इन दोनों में जर्बदस्त झगड़ा हुआ, झगड़ा ऐसा कि फिर सुलह-सफाई की गुंजाईश ही न बची, दिल्ली के निजाम से कांग्रेस का झंडा क्या उतरा ये दोनों साथ-साथ चैन्नई लौट गए हैं, पी.चिदंबरम और जयंती नटराजन ये दोनों ही अब तमिलनाडु की राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं, चिदंबरम की नजर अम्मा की कुर्सी पर है, जिसे वह इतनी आसानी से छोड़ने वाली नहीं। वैसे तो सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम एक-दो बार नजर जरूर आए हैं, पर दिल्ली की एक प्रतिष्ठित लॉ-फर्म ने जब उनकी सेवाएं लेनी चाही तो चिदंबरम ने एक स्वर से मना कर दिया। सूत्र बताते हैं कि ऐसे भी कई दक्षिण भारतीय राज्यों में चिदंबरम का जमा-जमाया बिजनेस हैं, जिसे उनके पुत्र कार्तिक देखते हैं, सूत्रों का दावा है कि न्यूयॉर्क के एक प्रमुख होटल में चिदंबरम परिवार की हिस्सेदारी है, कुर्ग में 500 एकड़ में फैला एक कॉफी प्लांटेशन है, वहीं एक आलीशान रिसार्ट भी है, दांत और आंख का चेन चलाने वाली एक मेडिकल कंपनी में भी उनकी हिस्सेदारी है, यानी चिदंबरम के लिए अभी करने के लिए बहुत कुछ है। |
| Feedback |