पीएमओ में हावी तिकड़ी |
February 08 2015 |
केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी की जगह एल सी गोयल को लाया जाना प्रधानमंत्री कार्यालय के सर्वशक्तिमान नृपेंद्र मिश्र का एक अहम फैसला था, चूंकि केंद्रीय गृह सचिव राजनाथ सिंह पेट्रोलियम सचिव सौरभ चंद्रा के लिए यह पद चाह रहे थे, पर पीएमओ से जुड़े अहम सूत्र बताते हैं कि सौरभ भी नृपेंद्र मिश्र को उतने ही प्यारे हैं और मिश्र ने अपने प्रिय चंद्रा के लिए एक अहम जिम्मेदारी पहले से तय कर रखी है। अगर पीएमओ की सबसे ताकतवर तिकड़ी यानी नृपेंद्र मिश्र, पी के मिश्रा और अजित डोभाल की यूं बदस्तूर चली तो सौरभ चंद्रा देश के अगले कैबिनेट सचिव हो सकते हैं। इसी कड़ी में कैबिनेट सेक्रेटरी अजित सेठ का कार्यकाल 6 महीनों के लिए बढ़ाया गया है जिससे कि वक्त रहते सौरभ चंद्रा का ‘इमपेनलमेंट’ हो सके और उनके अगले कैबिनेट सेके्रटरी बनने का मार्ग प्रशस्त हो सके। नृपेंद्र मिश्र के तमाम चहेते अधिकारियों को उनकी मन चाही पोस्टिंग मिल रही है, अपने चहेते आईपीएस अधिकारी प्रकाश मिश्र को नृपेंद्र मिश्र सीबीआई का डायरेक्टर बनवाना चाहते थे, पर नवीन पटनायक के इतने उग्र विरोध को नजरअंदाज कर पाना नरेंद्र मोदी के लिए मुमकिन नहीं हुआ। सो प्रकाश मिश्र को आईबी प्रमुख के पद से ही संतोष करना पड़ा। आज भी पीएमओ में कार्यरत तमाम ताकतवर अधिकारी चाहे वह अशोक प्रसाद हों या अनंत कुमार सिंह इन सबको नृपेंद्र मिश्र का वरदहस्त प्राप्त है। |
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