अब तिवारी की बारी

May 07 2017


जब से यूपी में योगी सरकार बनी है, राज्य के एक पूर्व बाहुबली हरिशंकर तिवारी के अच्छे दिन पैदल हो गए हैं। नहीं तो यूपी में अखिलेश सरकार गठित होने से पूर्व तिवारी जी का यह रिकार्ड था कि यूपी में बनने वाली हर सरकार में वे मंत्री रहे, चाहे सरकार भाजपा की हो, सपा या बसपा की। अब एक जंगल में दो शेर तो रह नहीं सकते सो, तिवारी जी के गोरखपुर स्थित उनके घर के अहाते में जांच एजेंसियों की रेड पड़ गई। तिवारी समर्थकों ने इसे आनन-फानन में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की जंग का रंग दे दिया। तिवारी समर्थकों ने क्या खूब बवाल काटा, यहां तक कि कमिश्नरी के गेट तक तोड़ दिए। हरिशंकर तिवारी के दाएं हाथ कहे जाने वाले ब्रजेश पाठक पहले बसपा में गए, फिर वे लखनऊ से इस दफे भाजपा की टिकट पर चुनाव जीत गए। वे तिवारी जी के पुत्र विनय शंकर तिवारी के गहरे मित्र रह चुके हैं। पर इस संकट की घड़ी में तिवारी को ब्रजेश पाठक से भी कोई मदद नहीं मिल पाई। हालांकि तिवारी के खिलाफ झंडा बुलंद करने में गोरखपुर के ही विधायक राधामोहन दास अग्रवाल सबसे आगे हैं। सनद रहे कि राधामोहन को जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो योगी ने उन्हें अपनी हिंदू वाहिनी से चुनाव लड़वा दिया और राधामोहन जीत गए। आज राधामोहन दास अग्रवाल अपराध मुक्त गोरखपुर बनाने के लिए सबसे ज्यादा प्रदर्शन कर रहे हैं।

 
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