…और अंत में |
February 26 2018 |
जब से अमित शाह की राज्यसभा में एंट्री हुई है, पत्रकारों का एक बड़ा जत्था उन्हें सेंट्रल हॉल में घेरे रहता है। इनमें से ज्यादातर वे मंझे और बड़े पत्रकार हैं जिनकी खबरों की भूख उन्हें अरूण जेटली के इर्द-गिर्द कदमताल करने को मजबूर करती थी। इन दिनों उनका अंदाज और नजरे इनायत कुछ बदला-बदला सा है, जेटली ने भी गिरती उठती सियासत के कई मौसम देखे हैं, उन्होंने इन रंग बदलते चेहरों की हकीकत भी देखी है जो मौके पर चौका लगाने का हुनर रखते हैं, सो जेटली आश्वस्त हैं कि क्या पता अगले सेशन तक लौट के बुद्दू घर आ जाएं। |
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