सिर्फ इमरान नहीं हैं मुसलमान

March 30 2014


रशीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद ने नरेंद्र मोदी के बारे में जो विवादास्पद बात कही है, वह कांग्रेस की एक सोची-समझी रणनीति भी हो सकती है। मुजफ्फरनगर दंगों की आंच में जब पश्चिमी यूपी और सारा जाट लैंड झुलस रहा था, तब भी कांग्रेस, सोनिया व राहुल ने मुस्लिम समाज के जख्मों पर सियासी रोटियां सेंकनी चाही, यही काम भाजपा ने भी किया, हिंदुओं की भावनाओं भडक़ा कर। बतौर उम्मीदवार इमरान को आगे लेकर आने में पर्दे के पीछे से प्रियंका गांधी की एक अहम भूमिका रही थी, जिन्होंने राहुल व सोनिया से बात कर इमरान की सहारनपुर से उम्मीदवारी को एक मुकम्मल रूप दिया था। वैसे जब इमरान ने कथित तौर पर मोदी को टुकड़ों में काटने की बात कही थी तो उस वक्त मीडिया का कोई भी प्रतिनिधि वहां मौजूद नहीं था, इमरान अपने खास कार्यकत्र्ताओं की टोली से यह बात कह रहे थे, उन्हीं कार्यकत्र्ताओं में से एक अपने मोबाइल पर इमरान की यह फिल्म बना ली और उनके एक करीबी जर्नलिस्ट को लीक भी हो गई। सहारनपुर में कुल साढ़े पंद्रह लाख वोटर हैं, इनमें से करीब 5 लाख मुस्लिम वोटर हैं जो किसी उम्मीदवार की जीत-हार तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। जाहिर तौर पर इमरान व कांग्रेस की नजर मुस्लिम वोटों को ही गोलबंद करने की रही होगी। मुस्लिम वोट भले ही अभी पशोपेश की स्थिति में हों, पर पश्चिमी यूपी में इमरान एपिसोड के बाद से हिंदू वोट जरूर भाजपा के पक्ष में गोलबंद होने लगे हैं। चुनांचे अगर इस पूरे मामले का अगर चुनाव आयोग संज्ञान लेता है और किसी सूरत में अगर इमरान की उम्मीदवारी रद्द हो जाती है तो कांग्रेस नेतृत्व ने तमाम विकल्पों की भी सुध ले सकता है। 

 
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