भगवा-प्लॉन को लगा ग्रहण

December 26 2016


कांग्रेस विधायकों को भाजपा में लाने की रणनीति कैसे बुनी गई? सूत्र बताते हैं कि इस रणनीति का बीजारोपण भाजपा से सहानुभूति रखने वाले अखिलेश दास ने किया। भाजपा की ओर से मोर्चे को संभाला लखनऊ के मेयर व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेहद करीबी दिनेश शर्मा ने, उन्हें दिल्ली से साथ मिला भूपेंद्र यादव व शिवप्रकाश का। सुनील बंसल को इस लूप से बाहर रखा गया था। कहते हैं बंसल साहब के यहां से यह खबर लीक हो गई कि दिल्ली से शिवप्रकाश आ रहे हैं, उन्हें पिकेडली होटल में कुछ लोगों से मिलना है, फिर आज के आज वे दिल्ली वापिस लौट जाएंगे। पर उनका यह प्रोग्राम पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल नहीं है। वे किसी गुप्त मिशन पर हैं। मीडिया में यह खबर फैली और पिकेडली होटल के बाहर मीडिया का जमावड़ा शुरू हो गया। मुख्य द्वार पर कैमरे ही कैमरे लग गए। भाजपा में शामिल होने के इच्छुक कांग्रेसी विधायकों को वहां मीडिया की उपस्थिति का पता चला तो वे पीछे हट गए। काफी चिरौरी के बाद एक कांग्रेसी विधायक को होटल के पिछले दरवाजे से अंदर ले जाया गया और उन्हें दिल्ली से आए नेताओं से मिलाया गया। सबसे पहले कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने राहुल गांधी को यह बताना चाहा पर उनकी राहुल से बात नहीं हो पाई, तब जाकर उन्होंने इस पूरे वाकयात की जानकारी प्रियंका गांधी को दी। कहते हैं कि नाराज़ सुनील बंसल ने कृष्ण गोपाल को फोन कर उनके समक्ष अपना दुखड़ा रोया कि अगर भाजपा के सारे टिकट ‘बाहरियों’ में बंट जाएंगे तो पार्टी के सच्चे कार्यकर्त्ताओं का क्या होगा?

 
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