स्विट्जरलैंड से आई नोट छापने की मशीन

November 13 2016


स्विस बैंक में जमा भारतीयों के काला धन भले ही मोदी सरकार वापिस देश में नहीं ला पाई हो, पर स्विट्जरलैंड की एक कंपनी ’दलारूई गिओरी’ अब ’केबीए गिओरी’ द्वारा सप्लाई किए गए उपकरणों से मैसूर स्थित भारतीय रिजर्व बैंक की प्रिंटिंग प्रैस से 2000 और 500 के नए नोट छप कर आए हैं। इन करेंसी में इस्तेमाल हुए खास तरह के पेपर को इटली, जर्मनी और ब्रिटेन से आयात किया गया है और अगस्त से सितंबर महीने के बीच 2000 और 500 मूल्य के कोई 480 मिलियन नोट छप कर आए हैं। भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत करने, देश में पाक प्रायोजित नकली नोटों के चलन पर लगाम लगाने और आतंकवाद में हवाला राशि के इस्तेमाल पर ब्रेक लगाने की नीयत से ही मोदी सरकार ने इतना बड़ा फैसला लिया है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही सरकार 100 व 50 रूपए के मूल्य के नए नोट भी छापेगी, पर 50 व 100 के वर्तमान नोट भी बदस्तूर चलन में रहेंगे। चुनांचे स्विट्जरलैंड की कंपनी ’केबीए गिओरी’को यह महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है कि वह मध्य प्रदेश के देवास, महाराष्ट्र के नासिक और पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के सालबनी में करेंसी नोट छापने के आधुनिक मिंट प्रैस लगाने में मदद करे। अभी अकेले मैसूर प्रैस ही हमारी करेंसी की जरूरतों का लगभग 70 फीसदी प्रिंट करता है।

 
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