तेजस्वी को सियासी ककहरा कंठस्थ

April 02 2018


लालू यादव भले जेल में हो पर उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने बड़ी जल्दी सियासत के दस्तूर सीख लिए हैं, षह-मात की बिसात पर युवा तेजस्वी का हर दांव सही पड़ रहा है। पिता की गैर मौजूदगी में तेजस्वी 2019 के चुनावों के लिए अभी से सहयोगी दलों के साथ मिल बैठ कर सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे रहे हैं। लालू की पार्टी राज्य की तीन लोकसभा सीटें वामपंथी दलों के लिए छोड़ने को तैयार है। इसमें से बेगूसराय की सीट सीपीआई के हिस्से जा सकती है और यहां से जेएनयू फेम के कन्हैया कुमार अपनी किस्मत आजमा सकते हैं, सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने यहां से अपने मौजूदा सांसद भोला सिंह का टिकट काटने का मन बनाया हुआ है, कहते हैं इस बात का इल्म भोला सिंह को भी हो चला है, चुनांचे उन्होंने भी एक तरह कन्हैया का साथ देने का मन बना लिया है। इसके अलावा राजद आरा और सीवान सीटें सीपीआई (एमएल) के लिए छोड़ने को तैयार बताई जाती है। राजद 10 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकता है, तो वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी अपनी पार्टी के लिए 3 सीटों की मांग कर रहे हैं- गया, महाराजगंज और वैषाली।’ सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी गया और महाराजगंज सीट मांझी को देने के लिए तैयार हो सकते हैं। इस वक्त राज्य के यादव और मुस्लिम वोट राजद के पक्ष में गोलबंद जान पड़ते हैं। ठाकुर वोटरों का भी भगवा पार्टी से मोहभंग हो गया बताया जा रहा है, ठाकुर वोट भी कमोबेष राजद की ओर लौट सकते हैं। वैसे भी राजद ने अपनी पार्टी के प्रवक्ता डॉ. मनोज झा को इस बार राज्यसभा में भेजकर ब्राह्मण मतदाताओं को संकेत देना चाहती है। वहीं भाजपा 2019 के चुनाव में अगड़ी व पिछड़ी जातियों के समन्वय से अपना चुनावी रास्ता निकालना चाहती है।

 
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