पर्यावरण के प्रभु हो सकते हैं सुरेश

August 29 2017


समझा जाता है कि मोदी कैबिनेट के इस चिर प्रतीक्षित फेरबदल में प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों के काम-काज के आधार पर डिमोशन या प्रमोशन दे सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में बकायदा हर मंत्री की परफॉरमेंस रिपोर्ट बनती है और उनकी कार्यकुशलता और काम-काज को अंकों के पैमाने पर तय किया जाता है। चुनांचे इस दफे के फेरबदल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को ईनाम पाने की स्वाभाविक आकांक्षा है, इस कड़ी में नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, आदि के नाम लिए जा सकते हैं। कयास लग रहे हैं कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु का तबादला पर्यावरण मंत्रालय में हो सकता है। रेल चलाने की नई जिम्मेदारी सरपट सड़कों पर गाडि़यां भगा चुके नितिन गडकरी को मिल सकती है, पर देखना दिलचस्प रहेगा कि उन्हें यह जिम्मेदारी भूतल परिवहन और जहाजरानी मंत्रालय के साथ मिलती है या फिर उनसे पिछले मंत्रालय का प्रभार वापिस ले लिया जाएगा। सुगबुगाहट तो इस बात की भी सुनाई दे रही है कि भूतल परिवहन और रेल को मिलाकर एक नए मंत्रालय का गठन किया जा सकता है। लोग भूले नहीं होंगे कि पिछली दफे के फेरबदल में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जिन मंत्रियों को अपने पास बुलाकर उनकी क्लास लगाई थी या तो उन्हें अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ा या उनका डिमोशन हो गया था, सूत्र बताते हैं कि इस बार शाह ने तीन मंत्रियों को तलब कर उनसे लंबी बात की है, ये तीनों मंत्री है-चौधरी बीरेंद्र सिंह, राजीव प्रताप रूढ़ी और उपेंद्र कुशवाहा, सो मुमकिन है कि ये तीनों भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित होंगे।

 
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