| …और अंत में |
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November 23 2015 |
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स्टील सा फौलादी नेतृत्व का दावा करने वाले मोदी-राज में स्टील कारोबारियों की हालत बद से बदतर हो रही है। एस्सार का वित्तीय संकट बढ़ता जा रहा है, जिंदल भी कमोबेश इसी राह पर है। अप्रवासी भारतीयों की स्टील कंपनियां भी नुकसान की राह पर है, कई कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर है। एस पी हिंदूजा के बेटे के लव अफेयर में आत्महत्या की बात सामने आई थी, पर हकीकत कुछ और हो सकती है। स्वराज पाल के बेटे अंगद पाल की मृत्यु को भी उनके आत्महत्या से जोड़कर देखा जा सकता है, क्योंकि अंगद के नेतृत्व वाली ’कपेरो कंपनी’ की वित्तीय हालत बहुत ही खस्ता थी, अंगद इसी बात को लेकर खासे परेशान बताए जाते थे। |
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