सोनिया की एक भूल

June 15 2014


यह अभी पिछले दिनों संपन्न हुए संसद के विशेष सत्र की बात है, एक दिन जब सोनिया गांधी दस जनपथ से संसद भवन के लिए निकलने लगीं, तो उन्होंने जाते-जाते अपने निजी स्टॉफ से कहा कि वह पीएम का टाइम ले लें, और यह कह कर वह अपने कार में बैठ कर संसद भवन की ओर चल पड़ीं। संसद भवन पहुंच कर उन्हें ध्यान आया कि कहीं उनका निजी स्टॉफ मनमोहन सिंह की बजाए नरेंद्र मोदी का टाइम न ले लें, 10 साल पुरानी आदत तो छूटते-छूटते ही छूटेगी, क्योंकि अब से पहले सोनिया मनमोहन को ‘पीएम’ का ही संबोधन देती रही हैं, और जब से मनमोहन सिंह ने सात रेसकोर्स रोड से अपने मोतीलाल नेहरू मार्ग वाले घर में शिफ्ट किया है, सोनिया उनसे एक बार भी मिलने उनके घर नहीं गई थीं, चुनांचे सोनिया मनमोहन के नए घर में एक शिष्टाचार मुलाकात चाहती थीं। सो, संसद भवन पहुंचते ही सोनिया ने कार से ही अपने ऑफिस को फोन मिलाना शुरू कर दिया, पर फोन लगा नहीं, क्योंकि संसद भवन परिसर में ‘जैमर’ लगा हुआ होता है, सो अपनी कार से उतर कर वह बजाए संसद भवन के अंदर प्रवेश करने के, उस दिशा की ओर बढ़ चलीं जहां उनके मोबाइल फोन को थोड़ा-बहुत भी ‘सिग्नल’ मिल रहा था, फोन कनेक्ट हुआ तो सोनिया ने हड़बड़ी में अपने स्टॉफ से पूछा कि ‘उन्होंने किससे टाइम मांगा है?’ उधर से जवाब मिला कि ‘मुलाकात के समय के लिए नरेंद्र मोदी के दफ्तर को उनका आग्रह नोट करा दिया गया है’ सोनिया ने सिर पीट लिया और अपने ऑफिस से कहा कि वह जल्दी से पीएमओ में उनके इस आग्रह को कैंसिल कराए और मनमोहन सिंह का टाइम ले लें, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह’, सोनिया ने जोर देकर अपने स्टॉफ से कहा। तब कहीं जाकर भूल-सुधार का नया उपक्रम साधा जा सका, दस जनपथ से, पीएम हाउस को फोन गया कि कृपया सोनिया जी के मुलाकात के आग्रह को रद्द किया जाए, तब कहीं जाकर सोनिया गांधी आराम से संसद भवन में प्रवेश कर पाईं।

 
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