एमपी के 13 विधायकों पर लटक रही है संघ की तलवार |
March 06 2018 |
मध्य प्रदेश में संपन्न हुए हालिया उप चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद वहां के मुख्यमंत्री शिवराज का राज किंचित संकट में दिखने लगा है, जहां राज्य में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस शिवराज सरकार को जोर-शोर से घेरने की तैयारियों में जुटी है, वहीं भगवा राज के अपने भी शिवराज को बख्शने के मूड में नहीं दिखते। शिवराज के भविष्य को लेकर भाजपा व संघ में गंभीर मंत्रणाओं के दौर जारी हैं। संघ से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारियों के मुताबिक अभी पिछले दिनों संघ ने एक एजेंसी से राज्यव्यापी जनमत सर्वेक्षण करवाया है, और इस सर्वेक्षण के नतीजों ने संघ की चिंताएं और बढ़ा दी हैं, यह सर्वेक्षण बताता है कि अगर अभी मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हो गए तो 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा की निगती 100 से भी कम रह सकती है। सनद रहे कि पिछले चुनाव में राज्य की 230 में से 165 सीटें भाजपा के खाते में आई थी। राज्य में इस नवंबर-दिसंबर माह में चुनाव हो सकते हैं, इसको देखते हुए संघ ने ऐसे 73 निवर्तमान भाजपा विधायकों को चिन्हित किया है, जिनके काम-काज को लेकर जनता में काफी रोष है, चुनांचे अब संघ की यह राय है कि इन 73 विधायकों के टिकट काटकर यहां से नए चेहरों को मैदान में उतारा जाए। माना जा रहा है कि संघ के इस डैमेज कंट्रोल प्लॉन को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की भी हरी झंडी है, बिचारे शिवराज की मुश्किल यह है कि इन 73 में से ज्यादातर विधायक उनके लाडले हैं, पर अपना टिकट कटवाने से बेहतर है, दूसरों के कट रहे टिकटों पर चुप्पी साध ली जाए, सियासत में चुप्पी अस्त्र भी है और कवच भी, शिवराज से बेहतर इस बात को और कौन जान सकता है? |
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