रौर्द्र रूप में शिवपाल

October 10 2016


पर यादव परिवार में सुलह सफाई इतनी आसानी से नहीं हुई। दिन भर मीडिया के समक्ष चुप्पी साधे रखने वाले शिवपाल के सब्र का बांध अपने बड़े भाई के समक्ष टूट गया। मुलायम भी शिवपाल के साथ मजबूती से खड़े दिखे। सूत्र बताते हैं कि शिवपाल ने दो टूक अखिलेश से कहा-’यह समझने की भूल मत करना कि हम तुम्हारे चेहरे पर 2012 में जीत कर सत्ता में आए थे। वह तो राज्य की जनता मायावती से त्रस्त थी और वह परिवर्त्तन चाहती थी।’ नेताजी के समक्ष शिवपाल ने साफ कर दिया कि अगर राज्य में अगली सरकार सपा की आई तो मुख्यमंत्री नेताजी होंगे, न कि अखिलेश। कहते हैं शिवपाल ने अपने भतीजे को लताड़ते हुए यहां तक कह डाला कि ’हमने पार्टी बनाई थी, तुमने सरकार में बस मज़े लूटे।’ सूत्रों की माने तो शिवपाल का गुस्सा वहीं तक नहीं थमा उन्होंने प्रोफेसर रामगोपाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा-’हम बेंगलुरू जाकर देवेगौड़ा जी से मिले। लालू, नीतीश व अजीत सिंह का महागठबंधन के लिए तैयार किया, अगर यह सब हुआ होता तो अगले पीएम के लिए नीतीश, केजरीवाल या ममता का नहीं, बस नेता जी का नाम आगे चल रहा होता।’ सब ओर सन्नाटा पसरा था, मुलायम भावुक थे और उन्हें शिवपाल पर प्रेम आ रहा था।

 
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