शास्त्री की लॉटरी लगी |
July 17 2017 |
भारतीय क्रिकेट को भी सियासत का रोग लग गया है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की तब से अनिल कुबंले की ठनी हुई थी, जब आईपीएल की बेंगलुरु टीम के कुंबले कोच थे और विराट कैप्टन। किसी बात पर दोनों में इतनी कहा सुनी हो गई कि टीम के मालिक विजय माल्या का बीच-बचाव भी काम नहीं आया। जब पिछली दफे कुंबले को इंडियन टीम का कोच बनाया जा रहा था, कहते हैं तब भी विराट ने विरोध दर्ज कराया था, पर अनुराग ठाकुर और शिर्के ने विराट की एक न सुनी। चैंपियंस ट्रॉफी में विराट व कुंबले के झगड़े की वजह से ही शायद भारत को पाकिस्तान के हाथों शर्मनाक हार का घूंट चखना पड़ा। कहते हैं कि फाइनल इलेवन के चयन में भी विराट कुंबले की एक नहीं सुनते थे, वे अपनी पसंद की टीम चाहते थे और टीम चयन से पहले सीधे बीसीसीआई के चैयरमैन से बात कर लेते थे। जब इस बार कोच चुनने की बारी आई तो विराट ने अपनी ओर से वीरेंद्र सहवाग का नाम सामने रखा था, क्योंकि इन दोनों का दिल्ली कनेशन है। पर सहवाग के नाम पर बीसीसीआई में मतभेद थे, कई पदाधिकारियों का मानना था कि सहवाग एक कोच के लिए उतने ’मेच्यौर’ नहीं हैं। ऐसे में सौरव गांगुली की उम्मीदवारी उभर कर सामने आई पर विराट और गावस्कर जैसे लोगों ने सौरव के मुकाबले रवि शास्त्री का नाम आगे कर दिया और शास्त्री की लॉटरी लग गई। |
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