…और अंत में

January 18 2015


भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अकालियों का साथ और ढोने को तैयार नहीं दिखते, सो अगर सब सचमुच उनकी योजना के अनुसार चला तो पंजाब में भाजपा अगला विधानसभा चुनाव बादल के साथ नहीं कैप्टन अमरिंदर के साथ लड़ सकती है। राहुल गांधी के फैसलों से आहत कैप्टन अमरिंदर सिंह एक नए सियासी दल की अवधारणा कोर् मूत्त रूप देने में जुटे हैं, और कैप्टन के इस रीजनल पार्टी से भाजपा का चुनावी व सियासी गठबंधन मुमकिन है। सूत्रों की मानें तो इस बाबत कैप्टन और अमित शाह में अंतिम दौर की निर्णायक बातचीत भी हो चुकी है।

 
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