भाजपा के द्वारपाल शिवपाल? |
May 22 2017 |
अभी पिछले दिनों अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव भाजपाध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे। सूत्रों का दावा है कि इन दोनों के बीच 2019 के चुनाव के संदर्भ में एक निर्णायक बातचीत हुई। कयास लगाए जा रहे हैं कि 19 के आम चुनाव के ऐन पहले शिवपाल यादव अपने मोर्चा/पार्टी का विलय भाजपा में कर सकते हैं। भाजपा की रणनीति है कि वे शिवपाल के पुत्र आदित्य को अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव के समक्ष कन्नौज से चुनावी मैदान में उतारेगी, अगर डिंपल की जगह अखिलेश भी चुनावी मैदान में उतरे तो उनका सामना भी अपने चचेरे भाई से हो सकता है। कहते हैं इसके बाद शिवपाल को प्रस्ताव दिया गया कि वे भाजपा की टिकट पर मैनपुरी से चुनाव लड़ लें, पर शिवपाल ने अपने बड़े भाई मुलायम सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया, फिर शिवपाल ने प्रस्ताव दिया कि अगर भाजपा चाहे तो वे ऐटा से चुनाव लड़ने को तैयार हैं, क्योंकि वहां यादवों की एक बड़ी आबादी है। माना जाता है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार विमर्श कर रहा है, क्योंकि यह घोषित तौर पर कल्याण सिंह के कोटे वाली सीट है,जहां से फिलवक्त कल्याण के बड़े बेटे राजवीर सिंह सांसद हैं। चूंकि भाजपा ने कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह को यूपी के योगी सरकार में मंत्री बना दिया है, सो मुमकिन है कि ’एक परिवार से एक’ की दुहाई देकर राजवीर का टिकट काट दिया जाए, यानी ऐटा से शिवपाल के नाम को एक तरह से भगवा झंडी है। |
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