सेना-भाजपा की दोस्ती कैसे टूटी? |
September 27 2014 |
जाने किस दुश्मन की नार लग गई है कि शिवसेना और भाजपा की 25 साल पुरानी दोस्ती को ग्रहण लग गया। सूत्र बताते हैं कि इस दोस्ती को बचाए रखने में प्रधानमंत्री ने खास दिलचस्पी दिखाई थी। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने बकायदा उद्धव ठाकरे से बात कर उन्हें यह प्रस्ताव भी दिया कि नवंबर में होने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में अगले विस्तार में शिवसेना को कई महत्त्वपूर्ण मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। मोदी के पुराने जानकार और इंदौर के एक ज्योतिषी भैय्यूजी महाराज उद्धव का एक खास संदेशा लेकर दिल्ली में मोदी से मिले भी, यह मुलाकात मोदी के अमरीका रवाना होने से पहले हुई, भैय्यूजी महाराज ने मोदी से कहा कि उन्हें दिख रहा है कि महाराष्ट्र में अगली सरकार शिवसेना और बीजेपी मिलकर चला रही है। पर शिवसेना से गठबंधन के मसले पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आत्मविश्वास के अतिरेक में हैं, उन्हें लगता है कि जब महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना और भाजपा के चार कोणों की लड़ाई होगी तो एडवांटेज भाजपा की स्थिति बन सकती है, क्योंकि वैसी सूरत में भाजपा सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, ऐसे में उसे अपने दम पर बहुमत हासिल हो सकता है। यूपी, गुजरात व राजस्थान में हुए हालिया उप चुनावों में भाजपा की हुई दुर्गति से शाह व्यथित हैं, और महाराष्ट्र में अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाना चाहते हैं। वहीं एक बदले परिदृश्य में शिवसेना और एनसीपी के बीच अंदरखाने से बातचीत शुरू हो चुकी है। |
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