जानना मना है! |
October 30 2017 |
दिल्ली का जब से निज़ाम बदला है, शासन के दस्तूर भी बदले हैं और इसके कायदे कानून भी, चुनांचे पत्रकारों की खबरों की भूख पर भी शिकंजा कसा है, ज्यादा जानकारी लेने या निकालने को भी शक की नज़रों से देखा जा रहा है। जो सीनियर पत्रकारगण बेरोक टोक साऊथ ब्लॉक चले जाते थे और जिस अधिकारी से उनका मिलना तय होता था, आते-जाते वे कई अन्य परिचित अधिकारियों से भी बतिया लिया करते थे, उनके साथ चाय-वाय भी पी लिया करते थे। पर अब नहीं, अब साऊथ ब्लॉक के बाहर मुलाकातियों के लिए सख्त लहजे में नोटिस लगा दिया गया है कि आप सिर्फ और सिर्फ उसी व्यक्ति से मिल सकते हैं, जिनके साथ आपकी मुलाकात तय है। और उस तय मुलाकात के अलावा आप किसी और से नहीं मिल सकते, यह भी बताया गया है कि आप सीसीटीवी की जद में हैं, और आपकी कोई भूल चूक आपको कानूनी पचड़ों में डाल सकती है। यानी कि नए निज़ाम की दीवार पर लिखी ये इबारत साफ है कि ज्यादा जानने की भूख आपको मुसीबत में डाल सकती है। |
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