धर्मसंकट में सिंधिया |
September 13 2020 |
मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं, पहले ये उप चुनाव अगस्त-सितंबर में होने थे, पर कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इन उप चुनावों की तारीखें आगे खिसकाने की बात चल रही है। पर इन उप चुनावों में अगर किसी की साख कसौटी पर है तो वह हैं कांग्रेस से भाजपा में नए-नए आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चैहान भी मजे से हैं, उन्हें अपनी सरकार बचाए रखने के लिए इस्तीफा देने वाले कांग्रेसी विधायकों में से सिर्फ 9 की जीत से भी काम चल जाएगा। अब ऐसे में अपने 22 समर्थक विधायकों को पुनः जिता कर लाना ग्वालियर के महाराज सिंधिया के समक्ष सबसे महती चुनौती है। जैसे सिंधिया के सबसे पसंदीदा भरोसेमंद तुलसीराम सिलावट की इंदौर की सांवेर सीट से चुनाव लड़ने की संभावना हैं, जिसके लिए सिंधिया सुमित्रा ताई (महाजन) के दर पर भी शीश नवा आए हैं जिनकी अब भी इंदौर में तूती बोलती है। सिंधिया जानते हैं कि उनका असर सिर्फ ग्वालियर और भिंड तक सीमित है सो, अपने अन्य समर्थक विधायकों की जीत के लिए उन्हें भाजपा व संघ कैडर का ही आसरा रह गया है, वह भी ऐसे वक्त में जब शिवराज को लगातार यह डर सता रहा है कि सिंधिया का भगवा कलेवर में नया अभ्युदय उनके समक्ष कोई चुनौती न उपस्थित कर दे। |
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