कमल खिलाने की कीमत

December 04 2017


उत्तर प्रदेश के कई केंद्रों से प्रकाशित होने वाले एक धुर दक्षिणपंथी रुख वाले हिंदी दैनिक के दो एडिशन के लिए केंद्र सरकार ने उसका डीएवीपी रद्द कर दिया। सरकार की जांच में सामने आया कि यह अखबार अपने प्रसार-आंकड़े में हेरफेर कर डीएवीपी से विज्ञापनों के ज्यादा रेट वसूल रहा था। सरकारी कार्यवाई के तुरंत बाद अखबार के मालिक अपने राजनैतिक संपादक के साथ संबंधित मंत्री के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे और उनके समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत किया। मालिक ने माना कि सर्कुलेशन डाटा पेश करने में उनके संस्थान की ओर से किंचित गलती हुई है, पर ’एक मामूली सी गलती की इतनी बड़ी सजा?’ फिर अखबार स्वामी ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा-’हम पर तो ठप्पा लगा है संघ और भाजपा का, हम क्या करें?’ सूत्र बताते हैं कि इस पर मंत्री जी ने नाराज़ होते हुए कहा-’तो अब आप कांग्रेस के हो जाओ।’ हैरान परेशान अखबार स्वामी ने मंत्री जी से निवेदन किया कि ’वे ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी विचारधारा ही संघ और भाजपा से मेल खाती है।’ मंत्री जी की हंसी फूट गई उन्होंने हाथ जोड़े और अखबार मालिक को विदा कर दिया। अब सुना जा रहा है कि यह अखबार समूह अपनी फरियाद लेकर पीएमओ की शरण में जाने वाला है।

 
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